पटना 27 नवंबर, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी जमीन व जलस्रोतों पर अतिक्रमण करने वाले को जेल भेजने व 20 हजार रुपए का दंड देने के अभियान की ओट में यदि गरीबों पर किसी भी प्रकार का हमला हुआ, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सरकार आज तक दंबगों-भूमाफियाओं के कब्जे मंे पड़ी ऐसी जमीन को तो मुक्त नहीं ही करा सकी, उलटे नीतीश राज में ऐसी ताकतों का कब्जा बढ़ता ही गया. लेकिन बरसो-बरस से ऐसी जमीन पर बसे गरीबों को उजाड़ने के अभियान में सरकार जी जान से जुटी हुई है. सरकार की असली मंशा सरकारी जमीन अथवा जल स्रोतों को भूमाफियाओं व दबंगो के कब्जे से मुक्त नहीं कराना है, बल्कि गरीबों को उजाड़ना है. गरीबों-महादलितों के लिए बिहार मंे आज भी आवास का प्रश्न एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है. नीतीश कुमार ने भूमिहीन परिवारों को आवास के लिए 10 डिसमिल जमीन देने का वादा किया था. यह वादा पूरी तरह से खोखला निकला. कहीं भी भूमिहीनों को जमीन नहीं मिली. उलटे, भाजपा-जदयू राज में बरसो-बरस से सरकारी जमीन, आहर, पईन आदि के किनारे बसे गरीबों-दलितों को उजाड़ने का ही काम किया गया. सरकार की बहुप्रचारित जल जीवन हरियाली योजना के नाम पर पूरे राज्य में अब तक लाखों गरीबों को उजाड़ दिया गया और आज वे पूरी तरह से बेघर बार हो चुके हैं. सरकार को इस तबके की तनिक भी चिंता नहीं है. इसलिए हम मांग करते हैं कि इस अभियान की आड़ में गरीबों को कहीं नहीं उजाड़ा जाए. ऐसी जमीन को दबंगों व भूमाफियाओं के कब्जे से जरूर मुक्त कराना चाहिए.
शनिवार, 27 नवंबर 2021
बिहार : सरकारी जमीन को खाली कराने के नाम पर गरीबों पर हमला बर्दाश्त नहीं : माले
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