स्वदेश निर्मित स्टेंड ऑफ एंटी टैंक मिसाईल का सफलतापूर्वक परीक्षण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 12 दिसंबर 2021

स्वदेश निर्मित स्टेंड ऑफ एंटी टैंक मिसाईल का सफलतापूर्वक परीक्षण

made-in-india-staind-of-anti-tank-missile-tasted
जैसलमेर 12 दिसम्बर, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय वायु सेना आईएएफ ने पोकरण रेंज में स्वदेशी रुप से डिजाइन और विकसित हेलिकोप्टर लॉन्च स्टैंड ऑफ एंटी टैंक एस.ए.एन.टी मिसाईल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। जैसलमेर जिले के पोरकण फील्ड फायरिंग रेंज में किया गया यह परीक्षण सभी मायनो में सफल रहा हैं और इसमें सभी उद्देश्यो को पूरा किया। मिसाईल के रिलीज में केनिजम, एडवांस गाईडेंस सिस्टम, ट्रेकिंग एल्गोरिदम और एकीकृत सॉफ्टवेयर के साथ सभी वैमानिक प्रणालियों ने संतोषजनक ढंग से प्रदर्शन किया और ट्रेकिंग सिस्टम ने मिशन से जुड़ी सभी घटनाओं की निगरानी की। मिसाईल एक अत्याधुनिक एम.एम.डब्ल्यू तकनीक से लैस हैं जो सुरक्षित दूरी बनाये रखते हुवे उच्च परिशुद्धता के साथ हमला करने की क्षमता प्रदान करती हैं। यह हथियार 10 किलामीटर तक की सीमा में लक्ष्य को नष्ट करने की काबिलियत रखता हैं। स्टैंड आफ एंटी टैंक मिसाईल को हैदराबाद के अनुसंधान केंद्र आर.सी.आई और डी.आर.डी.ओ की प्रयोगशालाओं के समन्वय एवं उद्योगो की भागीदारी के साथ डिजाईन तथा विकसित किया गया हैं। भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता और ज्यादा मजबूत बनाते हुूये लंबी दूरी के बम तथा स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार के बाद हाल के दिनो में परीक्षण किये जाने वाले स्वदेशी स्टेंड ऑफ हथियारों की श्रृंखला में यह तीसरी मिसाईल हैं। उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ विभिन्न अनुप्रयोगो के लिए इन सभी प्रणालियों का स्वदेशी विकास रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिशन से जुड़ी टीम को बधाई दी हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डी.आर.डी.ओ के अध्यक्ष डॉ जी.सतीष रेड्डी ने कहा हैं कि इस मिसाईल के सफलतापूर्व परीक्षण से स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को और अिक बढ़ावा लगेगा।

कोई टिप्पणी नहीं: