कर्नाटक में हिजाब विवाद ने लिया राजनीतिक रंग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

कर्नाटक में हिजाब विवाद ने लिया राजनीतिक रंग

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बेंगलुरु, पांच फरवरी, कर्नाटक में हिजाब विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिजाब को धार्मिक प्रतीक बताते हुए शैक्षणिक संस्थानों द्वारा पालन किए जाने वाले पोशाक से संबंधित नियमों का समर्थन किया है, वहीं विपक्षी दल कांग्रेस मुस्लिम लड़कियों के समर्थन में सामने आई है। राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां मुस्लिम छात्राओं को हिजाब में कॉलेजों या कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि हिजाब के जवाब में हिंदू छात्र भगवा शॉल लेकर शैक्षणिक संस्थान आ रहे हैं। यह मुद्दा जनवरी में उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय में शुरू हुआ था, जहां छह छात्राएं निर्धारित ड्रेस कोड का उल्लंघन कर हिजाब पहनकर कक्षाओं में आई थीं। इसके बाद इसी तरह के मामले कुंडापुर और बिंदूर के कुछ अन्य कॉलेजों में भी आए। बेलगावी के रामदुर्ग महाविद्यालय और हासन, चिक्कमंगलुरु और शिवमोगा में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब या भगवा शॉल के साथ छात्र-छात्राओं के आने की घटनाएं और बन्नीमंतपा (मैसूर) में हिजाब के पक्ष में लड़कियों के एक समूह के प्रदर्शन करने की खबरें सामने आई हैं। इस बीच, कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने के अधिकार पर मुस्लिम लड़कियों का समर्थन किया है। उन्होंने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हिजाब के नाम पर पूरे राज्य में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि संघ परिवार का मुख्य एजेंडा हिजाब के नाम पर मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना है। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के बारे में बोलते हैं। क्या उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘संविधान ने किसी भी धर्म को मानने का अधिकार दिया है, जिसका अर्थ है कि कोई भी अपने धर्म के अनुसार कोई भी कपड़े पहन सकता है।’’ सिद्धरमैया ने कहा कि हिजाब पहनने वाली छात्राओं को स्कूल में प्रवेश करने से रोकना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।


वहीं, भाजपा की प्रदेश इकाई प्रमुख नलिन कुमार कटील ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था का ‘तालिबानीकरण’ करने की अनुमति नहीं देगी। कटील ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस तरह की चीजों (कक्षाओं में हिजाब पहनने) की कोई गुंजाइश नहीं है। हमारी सरकार कठोर कार्रवाई करेगी। लोगों को विद्यालय के नियमों का पालन करना होगा। हम (शिक्षा व्यवस्था के) तालिबानीकरण की अनुमति नहीं देंगे।’’ कटील ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में धर्म को शामिल करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि बच्चों को केवल शिक्षा की जरूरत है। कटील ने सिद्धरमैया पर भी निशाना साधा और उन पर मुख्यमंत्री रहते हुए समुदायों के बीच दरार पैदा करने के लिए टीपू जयंती मनाने और ‘शादी भाग्य’ जैसी योजनाओं को लाने का आरोप लगाया। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हिजाब या ऐसी किसी चीज की विद्यालयों में जरूरत नहीं है। स्कूल सरस्वती का मंदिर हैं। विद्यार्थियों का काम केवल पढ़ना-लिखना और स्कूल के कायदे-कानूनों का पालन करना है।’’ मामला उच्च न्यायालय पहुंचने के बीच मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सरकार के रुख के बारे में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ शुक्रवार को बैठक की। कर्नाटक उच्च न्यायालय आठ फरवरी को उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय में पढ़ने वाली पांच लड़कियों द्वारा संस्थान में हिजाब पर प्रतिबंध के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।


जनता दल (सेक्युलर) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने विवाद के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के बजाय, वे इसे ‘बेटी हटाओ’’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ‘‘उन्हें यह रोकना चाहिए।’’ उन्होंने सरकार से उन संस्थानों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा, जहां अब तक हिजाब की अनुमति थी, और उन जगहों पर इसकी अनुमति नहीं देने के लिए कहा जहां यह हाल ही में शुरू हुआ है। हिजाब विवाद को एक ‘सुनियोजित षड्यंत्र’ बताते हुए कन्नड़ और संस्कृति मंत्री वी सुनील कुमार ने कहा कि हिजाब या बुर्का घर से कॉलेज परिसर तक पहना जा सकता है, लेकिन कक्षाओं में प्रवेश करने पर सभी को निर्धारित पोशाक पहननी चाहिए और यही व्यवस्था है। विजयपुरा के भाजपा विधायक बासनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कहा कि यह देश को बदनाम करने और अस्थिर करने के लिए देश विरोधी तत्वों की साजिश है, जैसा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध के मामले में हुआ था और दुर्भाग्य से कांग्रेस भी इसका राजनीतिकरण कर रही है। यतनाल ने कहा कि इस तरह के आंदोलन के पीछे जो लोग हैं, उनका पर्दाफाश होना चाहिए। भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने कहा कि जो लोग पोशाक के नियमों का पालन नहीं कर सकते हैं और हिजाब जैसे धार्मिक प्रतीकों को पहनना चाहते हैं, उन्हें कॉलेजों के बजाय मदरसों में जाना चाहिए। कांग्रेस विधायक तनवीर सैत ने कहा कि राज्य में चुनाव से पहले हिजाब विवाद राजनीति से प्रेरित है। राज्य के कुछ हिस्सों में सड़कों पर शनिवार को भी बुर्का पहनी महिलाओं ने प्रदर्शन किया। कलबुर्गी में कांग्रेस विधायक कनीज फातिमा के नेतृत्व में मुस्लिम छात्राओं-महिलाओं ने प्रदर्शन किया। ये महिलाएं कक्षाओं में हिजाब पहनने के अपने अधिकारों की मांग कर रही हैं। फातिमा ने कहा कि वह कर्नाटक विधानसभा में भी यह मामला उठाएंगी।

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