झारखण्ड : 2 मार्च को उपवास करके प्रार्थना करेंगे ईसाई समुदाय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 27 फ़रवरी 2022

झारखण्ड : 2 मार्च को उपवास करके प्रार्थना करेंगे ईसाई समुदाय

  • शांति कायम करने के लिए युद्ध विराम हो..

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राँची. राँची के सहायक धर्माध्यक्ष माननीय थेओदोर मस्करेनहास ने 25 फरवरी को एक वीडियो संदेश में यूक्रेनवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा, "यूक्रेन के प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम इस सुदूर स्थान से आपके लिए प्रेम, स्नेह एवं एकात्मता की एक आवाज भेज रहे हैं.हम जानते हैं कि आप एक अत्यन्त कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं, आपका देश एवं देश का हरेक व्यक्ति.जब हम एक शांतिपूर्ण छोटे देश पर नजदीक के बड़े भाई द्वारा हमले की निंदा करते हैं, हम आपके प्रति अपनी एकात्मता व्यक्त करना चाहते हैं." उन्होंने युद्ध की तबाही की याद करते हुए कहा, "हम युद्ध कभी नहीं चाहते और युद्ध ने कभी किसी की अच्छाई नहीं की। जो कुछ भी हल करना है उसे शांतिपूर्ण प्रयासों से हल किया जाना चाहिए." धर्माध्यक्ष ने प्रार्थना करते हुए कहा, "हम आप सभी के लिए प्रार्थना करते हैं। हमने हमारे संत पिता की अपील सुनी है जिन्होंने यूक्रेन के लिए 2 मार्च को प्रार्थना की मांग की है. किन्तु हम यहाँ आप सभी के लिए प्रभु से उत्साहपूर्ण प्रार्थना शुरू कर चुके हैं कि वे आपकी रक्षा करें, आपका मार्गदर्शन करें और आपकी मदद करें.प्यारे भाइयो एवं बहनो, इस संकटपूर्ण घड़ी में न केवल यूक्रेन के लिए बल्कि सभी शांतिप्रिय लोगों और ईश्वर की प्रजा के लिए हम अपना प्रार्थनामय आश्वासन देना चाहते हैं कि हम आपके करीब हैं। युद्ध तबाही लाता है जो सालों तक बना रहता है." राँची महाधर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष ने कहा कि हम आपके बच्चों एवं महिलाओं तथा दुर्बल लोगों की चिंता करते हैं, आपके सैनिकों की याद करते हैं, आपकी आर्थिक स्थिति को सोचते हैं. आपके निकट रहने के लिए हम इस सुदूर जगह से जितना कर सकते हैं, उतना करने के लिए तैयार हैं। ईश्वर आप सभी को आशीष प्रदान करे. यूक्रेन में रूसी हमले, भारत के धर्माध्यक्षों की प्रार्थना एवं सहानुभूति आपका योगदान महान मिशन के लिए: संत पिता के संदेश को हर घर तक पहुँचाने में हमें सहयोग देता है. आपका योगदान महान मिशन के लिए: संत पिता के संदेश को हर घर तक पहुँचाने में हमें सहयोग देता है. यूक्रेन में आरम्भ रूसी हमलों के खिलाफ संसार भर के ईसाई समुदाय प्रार्थना और उपवास रखेंगे


रोम में रहने वाले संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के संत पापा पॉल षष्टम सभागार में बुधवारीय आमदर्शन समारोह के दौरान सभी विश्वासियों के साथ उक्रेन के बिगड़ते हालात के प्रति अपने दुख को व्यक्त किया साथ ही उनसे देश के राजनीतिक नेताओं के लिए यूक्रेन वासियों के लिए आने वाले राख बुधवार 02 मार्च को प्रार्थना और तपस्या करने की अपील की.इस तरह प्रभु येसु ख्रीस्त के चालीस दिवसीय दुखभोग के प्रारंभ दिवस को संसार के ईसाई समुदाय प्रार्थना और उपवास में दिन बिताएंगे. इसे सूचना को ईसाई समुदाय सोशल मीडिया फेसबुक और वाट्सऐप पर वायरस किया जा रहा है. संत पापा ने कहा, “यूक्रेन में बिगड़ते हालात के लिए मेरे दिल में बहुत दर्द है. पिछले कुछ हफ्तों के राजनयिक प्रयासों के बावजूद, तेजी से खतरनाक परिदृश्य दिख रहे हैं. मेरी तरह, दुनिया भर में बहुत से लोग पीड़ा और चिंता का अनुभव कर रहे हैं. एक बार फिर पक्षपातपूर्ण हितों से सभी की शांति को खतरा है. मैं उन लोगों से अपील करना चाहता हूँ जिनके पास राजनीतिक जिम्मेदारियां हैं, वे ईश्वर के सामने अपनी अंतरात्मा की गंभीर जांच करें. वे शांति के ईश्वर हैं, युद्ध के नहीं. वे कुछ लोगों के नहीं, अपितु सबलोगों के पिता हैं और वे चाहते हैं कि हमसब भाई-बहन बनें, दुश्मन नहीं. इसके बाद संत पापा ने विवाद में शामिल सभी पक्षों से प्रार्थना की कि वे ऐसी किसी भी कार्रवाई से दूर रहें जिससे आबादी को और भी अधिक पीड़ा हो, राष्ट्रों के बीच सहअस्तित्व को अस्थिर करे और अंतरराष्ट्रीय कानून की बदनामी हो.” संत पापा ने कहा कि शांति की रानी माँ मरियम दुनिया को युद्ध के पागलपन से बचाये. इसके बाद संत पापा ने विश्वासियों और अविश्वासियों, सभी से प्रार्थना की अपील करते हुए कहा कि येसु ने हमें शैतानी जिद पर काबू करना सिखाया है. हिंसा की शैतानी संवेदनहीनता के लिए हम ईश्वर के हथियारों प्रार्थना और उपवास के साथ प्रतिक्रिया करते हैं. संत पापा ने कहा, “मैं सभी को अगले 2 मार्च, राख बुधवार को शांति के लिए उपवास के दिन के रुप में व्यतीत करने के लिए आमंत्रित करता हूँ. मैं विश्वासियों को एक विशेष रुप से प्रोत्साहित करता हूँ कि वे उस दिन प्रार्थना और उपवास में खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दें.”


विदित हो कि यूक्रेन की स्थिति पर सोमवार रात को, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक आयोजित की गई है जिसकी शुरुआत, राजनैतिक व शान्तिनिर्माण मामलों की प्रमुख रोजमैरी ए. डीकार्लो ने “बड़ी चिन्ता और खेद” के साथ की और यूक्रेन के इर्द-गिर्द हालात को तेजी से बदलती खतरनाक स्थिति बताया. रोजमैरी डीकार्लो ने कहा, “एक बड़ा संकट भड़क जाने का जोखिम वास्तविक है और ऐसे किसी संघर्ष को हर कीमत पर रोका जाना होगा.” उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि यूक्रेन के पूर्वी इलाकों, दोनेत्स्क और लूहान्स्क को स्वतंत्र प्रान्तों के रूप में मान्यता देने का रूस का फैसला, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखण्डता और सम्प्रभुता का हनन है और इसके क्षेत्रीय व वैश्विक परिणाम होंगे. यूक्रेन में गुरुवार को आरम्भ रूसी हमलों पर शोक जताते हुए वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने एक वकतव्य जारी कर कहा कि जिन दुखद परिदृश्यों की हमें आशंका थी वे वास्तविकता बन रहे हैं. तथापि, उन्होंने कहा ‘सद्भावना और बातचीत के लिए अभी भी समय है‘. कार्डिनल पारोलीन ने गुरुवार को जारी अपने वकतव्य में कहाः यूक्रेन में हो रहे आज के घटनाक्रम के आलोक में, हम उस स्पष्ट और हार्दिक अपील की समसामयिकता को और भी स्पष्ट रूप से देखते हैं जिसे सन्त पापा फ्राँसिस ने बुधवार को आम दर्शन समारोह का समापन करते हुए जारी की थी. संत पापा ने ‘महान दुःख, पीड़ा और चिंता‘् की बात की थी. उन्होंने यूक्रेनी संकट से जुड़े सभी पक्षों से किसी भी ऐसी कार्रवाई से परहेज करने का आग्रह किया था, जिससे लोगों को और भी अधिक पीड़ा सहनी पड़े, राष्ट्रों के बीच सह-अस्तित्व अस्थिर हो और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हो. कार्डिनल पारोलीन ने कहा कि यूक्रेनी क्षेत्र में रूसी सैन्य अभियानों की शुरुआत के बाद इस अपील ने नाटकीय रूप धारण कर लिया है, इसलिये कि जिन दुखद परिदृश्यों की हमें आशंका थी वे वास्तविकता बन रहे हैं. तथापि उन्होंने कहा, .सद्भावना के लिए अभी भी समय है, बातचीत के लिए अभी भी जगह है, ज्ञान के प्रयोग के लिए अभी भी एक जगह है जो पक्षपातपूर्ण हितों की प्रबलता को रोक सकती है, सभी की वैध आकांक्षाओं की रक्षा कर सकती है, और दुनिया को युद्ध की भयावहता तथा दिवालियेपन से बचा सकती है. कार्डिनल पारोलीन ने आशा व्यक्त की कि जो लोग अपने हाथों में विश्व की नियति को लिये हुए हैं वे हमें युद्ध की भयावहता से बचायें. उन्होंने कहा, विश्वासी होने के नाते, हम उन लोगों में अंतरात्मा के जागने की आशा का परित्याग नहीं कर सकते, जो दुनिया के भाग्य को अपने हाथों में लिये हुए हैं.शांति के लिये हम प्रार्थना करना और उपवास करना जारी रखते हैं - जैसा कि हम यूक्रेन और पूरी दुनिया में शांति के लिए आगामी राख बुधवार के दिन करेंगे.  

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