बजट का जोर स्थायी समाधानों से जोड़ने पर : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

बजट का जोर स्थायी समाधानों से जोड़ने पर : मोदी

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नयी दिल्ली, दो फरवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि संसद में मंगलवार को पेश किए गए आम बजट का जोर गरीब, मध्यम वर्ग और युवाओं को बुनियादी सुविधाएं देने और आय के स्थाई समाधानों से जोड़ने पर है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से वर्ष 2022-23 के आम बजट पर आयोजित कार्यक्रम ‘‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बहुत जरूरी है कि भारत आत्मनिर्भर बने और उस आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जैसे पूरी दुनिया बदल गई थी, उसी प्रकार कोरोना महामारी के बाद भी दुनिया में बहुत सारे बदलाव की संभावना है और एक नयी विश्व व्यवस्था तैयार होगी। बजट के विभिन्न प्रावधानों का विस्तार से उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे ‘‘जीवन की सुगमता’’ और ‘‘व्यवसाय की सुगमता’’ को एक नया आयाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दो लाख 30 हजार करोड़ रुपये की है और यह दर्शाता है कि ‘‘हमारी बुनियाद मजबूत हैं, दिशा सही है और गति तेज है’’। कोरोना महामारी और उसके दुष्प्रभावों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संक्रमण का यह कालखंड पूरी दुनिया के लिए एक प्रकार से क्रांतिकारी परिवर्तन है और इससे बहुत सारे बदलाव होने की संभावना है। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्ष में सरकार ने जो निर्णय लिए और जो नीतियां बनाईं तथा पहले की जिन नीतियों में सुधार किए, उसकी वजह से आज भारत की अर्थव्यवस्था का निरंतर विस्तार हो रहा है।


उन्होंने कहा, ‘‘सात-आठ साल पहले भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए था। आज भारत की अर्थव्यवस्था दो लाख 30 हजार करोड़ के आसपास की है।’’ उन्होंने कहा कि यह समय भारत के लिए नए सिरे से तैयारी का, नए अवसरों का और नए संकल्पों की सिद्धि का है। उन्होंने कहा, ‘‘बहुत जरूरी है कि भारत आत्मनिर्भर बने और उस आत्मनिर्भर भारत की नींव पर एक आधुनिक भारत का निर्माण हो।’’ बजट घोषणा के विभिन्न प्रावधानों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों से आज देश में करीब-करीब 9 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचने लगा है और इसमें से करीब 5 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन, जल जीवन मिशन के तहत पिछले 2 वर्ष में दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब बजट में घोषणा की गई है कि इस साल करीब 4 करोड़ ग्रामीण घरों को पाइप से पानी का कनेक्शन दिया जाएगा। इस पर 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट का भी जोर गरीब, मध्यम वर्ग और युवाओं को बुनियादी सुविधाएं देने और आय के स्थाई समाधानों से जोड़ने पर है।’’ प्रधानमंत्री ने केन-बेतवा नदी जोड़ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस बार के बजट में इसके लिए हजारों करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है और इससे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर भी बदलने वाली है। उन्होंने कहा, ‘‘अब बुंदेलखंड के खेतों में और हरियाली आएगी, घरों में पर्याप्त पीने का पानी आएगा, कृषि के लिए खेतों में पानी आएगा।’’ प्रधानमंत्री के संबोधन का एक बड़ा हिस्सा कृषि और किसानों को इस बजट से होने वाले फायदों पर केंद्रित रहा। उन्होंने कहा कि देश की कृषि को प्रौद्योगिकी आधारित और रसायन मुक्त बनाने के लिए बड़े कदम इस बजट में उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले बजट में हमने किसान रेल और किसान उड़ान की सुविधा सुनिश्चित की और अब किसान ड्रोन किसान का नया साथी बनने वाला है।’’ ज्ञात हो कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। इसमें किसानों को डिजिटल और हाई-टेक सेवाओं के वितरण के लिए किसान ड्रोन, रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने का प्रस्ताव किया गया है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर अनेक प्रकार की बातें फैलाई गईं हैं लेकिन सरकार ने पिछले सालों एमएसपी पर रिकॉर्ड खरीदी की है। उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ धान की ही बात करें तो इस सत्र में किसानों को एमएसपी के रूप में डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक मिलने का अनुमान है।’’ उन्होंने कहा कि हर साल लाखों करोड़ रुपए खाद्य तेल खरीदने के लिए विदेश भेजा जाता है, लिहाजा इसका लाभ देश के किसानों को मिले, इसके लिए विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने का एक बड़ा अभियान निरंतर चल रहा है, जिसके माध्यम से खेत में ही सोलर पैनल लगाने के लिए मदद दी जा रही है। अब हम प्राकृतिक खेती गलियारे पर काम कर रहे हैं। यह गलियारा 2500 किलोमीटर का होगा। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में मां गंगा के किनारे 5 किलोमीटर चौड़ा नेचुरल फार्मिंग का कॉरिडोर तैयार किया जाएगा।’’ बजट में पर्वतमाला परियोजना की घोषणा का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इससे हिमालय के क्षेत्रों में आधुनिक संपर्क और आधुनिक अवसंरचना को विस्तार मिलेगा। उन्होंने कहा कि बजट में सीमा पर मौजूद गांवों के विकास के बारे में नए सिरे से सोचा गया है और ऐसे गावों में हर प्रकार की सुविधा हो, बिजली-पानी-सड़क का इंतजाम हो, इसके लिए बजट में विशेष ‘‘वाइब्रेंट विलेज (जीवंत ग्राम)’’ कार्यक्रम की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सस्ता और तेज इंटरनेट भारत की पहचान बन चुका है और बहुत जल्द सभी गांव तक ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में छोटे व मझोल उद्यमियों का भी उल्लेख किया और कहा कि कोरोना काल में छोटे उद्यमियों को ध्यान में रखते हुए आपातकालीन ‘‘रिण गारंटी’’ योजना शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि इस योजना से एमएसएमई क्षेत्र में लगभग डेढ़ करोड़ नौकरियां सुरक्षित हुई हैं और करीब 6 करोड़ लोगों की जीविका सुरक्षित हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा युवा आकांक्षाओं और युवा सपनों को समझती है और यह इस बजट में भी स्पष्ट रूप से दिखता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बजट में स्टार्ट अप्स के लिए टैक्स सुविधाओं को आगे बढ़ाया गया है।’’ भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों और केंद्रीय मंत्रियों के साथ राजधानी स्थित आंबेडकर भवन में प्रधानमंत्री का संबोधन सुना। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में पार्टी के विभिन्न पदाधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री का संबोधन सुना।

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