- अभियान सांस्कृतिक मंच एवं भारतीय सांस्कृतिक सहयोग एवं मैत्री संघ( ISCUF) के संयुक्त तत्वाधान में यूक्रेन -रूस संकट पर विमर्श आयोजित हुआ
पटना 6 मार्च। 'अभियान सांस्कृतिक मंच’ और 'इसकफ’ ने संयुक्त रूप से ‛समकालीन भूराजनीतिक परिदृश्य में रूस-यूक्रेन संकट’ विषय पर एक बातचीत का आयोजन किया। इस बातचीत में कई राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, संस्कृतिकर्मी आदि शामिल हुए। सबने एक स्वर से कहा कि युद्ध बंद हो और नाटो को तत्काल खत्म किया जाए। अमेरिका नाटो की आड़ में अपना हित न साधे। अमेरिका ने उकसाकर यूक्रेन को युद्ध में धकेल दिया। अमेरिका अपनी नापाक हरकतों से बाज आए।
शिक्षक सर्वेश जी ने कहा कि युद्ध एक खतरनाक स्थिति है। यह नहीं होना चाहिए इससे आमआदमी को नुकसान होता है। अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि इस संकट का असर हमलोगों पर भी पड़ने जा रहा है। महंगाई बहुत बढ़ सकती है। युद्ध तत्काल बंद होना चाहिए। यूरोप ने रूस को आश्वासन दिया कि नाटो को समाप्त किया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नाटो का विस्तार होता गया। यूक्रेन भी नाटो में शामिल होना चाहता है। जिससे नाटो के हथियार रूस के दरवाजे पर आ जाते। इन सबके के अमेरिका जिम्मेदार है। नाटो भी पीछे से युद्ध में शामिल है। आज नाटो खत्म होना चाहिए। दुनिया को शांति की तरफ जाना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता सुनील सिंह ने बताया कि नॉबेल विजेता विद्वान अलेक्सेंडर ने अपनी किताब में लिखा कि लेनिन की उदारता की वजह से यूक्रेन बना। यूक्रेन नाटो का सदस्य बनना चाहता है। क्रीमिया जनमत संग्रह से रूस का हिस्सा बना। अमेरिका किसी भी सूरत में यूक्रेन में सैन्य अड्डा बनाना चाहता है। अमेरिका ने जापान के समर्पण के बावजूद हिरोशिमा नागासाकी पर बम गिराया। अमेरिका के इशारे पर नाटो काम करता है। अमेरिका लैटिन अमेरिका के तमाम देशों को तबाह करता रहा है। जेल्सनकी और मोदी दोनों जोकर हैं।
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