बिहार : कारगिल चैक पर विरोध सभा का आयोजन, माले विधायक हुए शामिल. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 14 अप्रैल 2022

बिहार : कारगिल चैक पर विरोध सभा का आयोजन, माले विधायक हुए शामिल.

  • अंबेडकर जयंती पर औरंगाबाद के रफीगंज की घटना के खिलाफ माले-ऐपवा का राज्यव्यापी प्रतिवाद
  • दलित लड़कियांे द्वारा जहर खाने व 4 की मौत मामले की न्यायिक जांच की मांग.
  • 15 अप्रैल को माले-ऐपवा की राज्यस्तरीय टीम करेगी रफीगंज के चिरैला गांव का दौरा

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पटना 14 अप्रैल, विगत 9 अप्रैल को औरंगाबाद जिले के रफीगंज प्रखंड के चिरैला गांव में दलित लड़कियों द्वारा सामूहिक रूप से जहर खाने व उनमें चार की मौत मामले की संपूर्णता में जांच कराने की मांग पर आज संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के जन्म दिन पर माले व ऐपवा ने राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस का आयोजन किया. राजधानी पटना के कारगिल चैक पर माले व ऐपवा नेताओं ने विरोध सभा का आयोजन किया. सभा के पहले भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण करके भाजपा शासन में लोकतंत्र, सामाजिक न्याय व धर्मनिरपेक्षता सरीखे मूल्यों पर हो रहे हमले के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया गया.


कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के बतौर भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, अरवल विधायक महानंद सिंह, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, ऐक्टू के राज्य सचिव रणविजय कुमार आदि नेताओं ने संबांधित किया. जबकि कार्यक्रम का संचालन ऐपवा की पटना नगर सचिव अनीता सिन्हा ने किया. मौके पर ऐपवा की राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे, वरिष्ठ पार्टी नेता केडी यादव, ऐपवा की राज्य सचिव शशि यादव, माले के पटना महानगर सचिव अभ्युदय, एआइपीएफ के कमलेश शर्मा, समता राय, मुर्तजा अली, अनुराधा सिंह, आसमां खान, आफशा जबीं, राखी मेहता, अनय मेहता, संजय यादव, पुनीत पाठक सहित बड़ी संख्या में आइसा व इनौस के कार्यकर्ता उपस्थित थे. वक्ताओं ने ककहा कि औरंगाबाद में 6 लड़कियों द्वारा जहर खाने व उनमें 4 की मौत मामले की हमने उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इस पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया है. सरकार का इस ओर ध्यान दिलाने के लिए आज पटना सहित पूरे राज्य में विरोध का कार्यक्रम हो रहा है. पूरी घटना संदेहास्पद है. यह आत्महत्या नहीं हत्या है. माले व ऐपवा उक्त घटना की सच्चाई जनता तक सामने लाकर रहेगी. इसलिए एक राज्यस्तरीय जांच टीम कल 15 अप्रैल को एक बार फिर चिरैला गांव का दौरा करेगी. इस जांच टीम में विधायक महानंद सिंह, मनोज मंजिल, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, सरोज चैबे और शशि यादव शामिल रहेंगे. माले विधायक दल नेता महबूब आलम ने कहा कि भाजपा-जदयू शासन में तीन तबकों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है - अल्पसंख्यक, दलित और महिलाओं को. भाजपा के लोग आज अंबेदकर जयंती मना रहे हैं, लेकिन रोज संवैधानिक मूल्यों की हत्या कर रहे हैं. आज पूरे बिहार में सामंती व उन्मादी ताकतों का मनोबल फिर से बढ़ा हुआ है और सरकार उनके सामने दुबकी हुई है.


विधायक महानंद सिंह ने कहा कि भाजपा-जदयू शासन केवल अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है बल्कि महिलाओं व दलित-गरीबों को उसी प्रकार से निशाना बनाया जा रहा है. हाल के दिनों में सामंती ताकतों ने कई दलित-गरीबों की हत्या कर दी. चिरैला में सामंती दबंगों का आतंक ऐसा है कि लोग घटना की सच्चाई सामने लाने में हिचक रहे हैं. उन्हें डर है कि कहीं अन्य लोगों की भी हत्या न कर दी जाए. भला प्रेम प्रसंग के मामले में 6 लड़कियां जहर क्यों खाएंगी? प्रशासन भी दबंगों के ही पक्ष में खड़ा है. नीतीश जी का दावा था कि अपराध व महिला हिंसा पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. लेकिन आज उन्होंने चुपी साध रखी है. पूरा बिहार दमन-उत्पीड़न व लूट-पाट से त्रस्त है. ऐपवा महासचिव मीना तिवारी ने सवाल किया कि आखिर किस दवा दुकान ने लड़कियों को जहर मुहैया कराया? यह मानी हुई बात है कि आज की तारीख में कोई भी दुकान महिलाओं को चूहे मारने तक की दवा नहीं देती. अथवा किसी प्रकार का ड्रग्स बिना चिकित्सक के अनुमोदन के नहीं दिया जाता. इसलिए, प्रेम प्रसंग में जहर खाने का मामला किसी बड़ी साजिश को ढक देने की एक बनाई हुई कहानी प्रतीत होती है. अतः भाकपा-माले व ऐपवा राज्य सरकार से एक बार फिर इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करती है, ताकि इतने व्यापक पैमाने पर दलित लड़कियों की हुई मौतों की सच्चाई सबके सामने आ सके.

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