भारत को हाईस्पीड रेल की नवीनतम प्रौद्योगिकी देगा जापान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 12 अप्रैल 2022

भारत को हाईस्पीड रेल की नवीनतम प्रौद्योगिकी देगा जापान

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सूरत 12 अप्रैल, जापान, मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेलवे को न केवल अपने समय की नवीनतम प्रौद्योगिकी देगा बल्कि समय के साथ प्रौद्योगिकी अद्यतन करने और परियोजना में देरी के कारण लागत बढ़ने पर अतिरिक्त सहायता प्राप्त करने में भी मदद करेगा। जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी ने मंगलवार को यहां मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल परियोजना के निर्माण में प्रगति का जायजा लिया और काम की गति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हाईस्पीड रेलवे लाइन भारत-जापान रिश्तों को नई ऊंचाई पर पहुंचाएगी। श्री सुजुकी ने यहां इस परियोजना के सबसे पहले बनने वाले सूरत हाईस्पीड स्टेशन के निर्माण स्थल, सेग्मेंट एवं गर्डर निर्माण कार्य स्थल का दौरा किया। इस मौके पर उनके साथ राष्ट्रीय हाईस्पीड रेल निगम के प्रबंध निदेशक सतीश अग्निहोत्री तथा दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। श्री सुजुकी ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि भारत और जापान के संबंधों में हाईस्पीड रेलवे एक महत्वपूर्ण फ्लैगशिप कार्यक्रम है और जापान इस बारे में अपनी आधुनिकतम प्रौद्योगिकी भारत को देगा ताकि भारत अपने बल पर और भी हाईस्पीड रेल परियोजनाएं बना सके। जापानी राजदूत ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा,“ यदि भारत, मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल परियोजना के बाद यदि अन्य किसी परियोजना के लिए सहायता का अनुरोध करेगा तो हम उसके लिए तैयार हैं। इस परियोजना में सबसे महत्वपूर्ण अंग प्रौद्योगिकी हस्तांतरण है। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ समय-समय पर प्रौद्योगिकी में बदलाव के अनुरूप अद्यतन जानकारी साझा की जाएगी। ” उन्होंने एक अन्य प्रश्न पर कहा कि हाईस्पीड रेलवे परियोजना को लेकर दोनों देशों के बीच कई चुनौतियां और वास्तविकताएं हैं। पर दोनों देशों के बीच उच्चतम स्तर पर विशिष्ट माध्यम से संपर्क एवं समन्वय कायम है। लागत को लेकर भी जापान का लचीला रुख रहेगा। श्री अग्निहोत्री ने कहा ,“ एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में यदि किसी अपरिहार्य कारण से विलंब होता है और उससे लागत बढ़ती है तो जापान सरकार के साथ हमारी सरकार बात करेगी। हमें विश्वास है कि इसमें कोई बाधा नहीं आएगी।”


उन्‍होंने कहा,“ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 2027 में गुजरात और दादरा नगर हवेली वाले करीब 352 किलोमीटर के भाग को पूरा करने का लक्ष्य दिया है। हम इसे पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे पास गुजरात में 99 प्रतिशत भूमि मिल गई है। किसी संसाधन की कोई कमी नहीं है। महाराष्ट्र में 69 प्रतिशत जमीन मिल चुकी है। जैसे ही पर्याप्त मात्रा में जमीन अधिग्रहीत हो जाएगी। हम एक माह के भीतर टेंडर जारी कर देंगे।” उन्‍होंने कहा कि अभी 352 किलोमीटर में से 130 किलोमीटर ट्रैक पर निर्माण कार्य शुरु हो गया है और हर माह 20 किलोमीटर की दर से बढ़ रहा है। उन्होंने यकीन दिलाया कि हाईस्पीड रेलवे की जापान की शिन्कान्सेन तकनीक विश्व की सर्वश्रेष्ठ तकनीक है। एक वैश्विक अध्ययन के बाद जापानी तकनीक लेने का फैसला किया गया। श्री अग्निहोत्री ने एक प्रश्न पर कहा कि हाईस्पीड रेलवे परियोजना के निर्माण में इस समय 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है तथा सारे टेंडर होने के बाद एक लाख से अधिक लोगों को रोजी-रोटी कमाने का अवसर मिलेगा। भारत, जापान से ट्रैक तैयार होने के बाद अपने समय के आधुनिकतम ट्रेन सेट हासिल करेगा। उन्होंने संकेत दिया कि वर्ष 2026 में गुजरात में हाईस्पीड रेलवे काॅरीडोर तैयार होने के बाद परीक्षण शुरु हो जाएगा। जापानी राजदूत ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेलवे परियोजना भारत और जापान के रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। उन्‍होंने कहा कि हाल ही में जापान के नये प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा भारत की यात्रा पर आए थे और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस परियोजना की समीक्षा करके प्रगति पर संतोष व्यक्त किया था। इसी क्रम में वह आज इसके निर्माण को देखने आये हैं। श्री सुजुकी ने कहा ,“ प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वन प्रोजेक्ट वन टीम का नारा दिया है। इसी नारे के आधार पर काम हो रहा है। दो साल पहले वह साबरमती गये थे तब कोई काम नहीं हुआ था। आज बहुत सारा काम होता दिख रहा है। मैं इस परियोजना में प्रगति से बेहद प्रभावित हूँ। जापान का संकल्प है कि भारत को हाईस्पीड रेलवे के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान मिले।”

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