आकाश मिसाईल का पोकरण फायरिंग रेंज में परीक्षणो की श्रृंखला हुई पूरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 2 मई 2022

आकाश मिसाईल का पोकरण फायरिंग रेंज में परीक्षणो की श्रृंखला हुई पूरी

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जैसलमेर 01 अप्रेल, मेक इन इंडिया के तहत जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग में भारतीय सेना एवं डी.आर.डी.ओ के आकाश प्राईम मिसाईल के एडवांस वर्जन के चल रहे ट्रायल आज संपूर्ण हो गए। आकाश मिसाईल का शनिवार को सफल परीक्षण किया गया जो मानकों पर पूरी तरह से सफल रहा। सरफेज से हवा में दागी गई इस नए वेरिन्ट की आकाश मिसाईल ने दुश्मन के छद्म टारगेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया। सप्त शक्ति कमांड के तहत हुए इस परीक्षण के दौरान साऊथ वेस्टर्न कमान के जी.ओ.सी लेफिटनेंट जनरल ए.एस.भिंडर सहित सेना एवं डी.आर.डी.ओ के उच्चधिकारी मौजूद थे। पिछले तीन दिनों से आकाश मिसाईल के जारी परीक्षण डी.आर.डी.ओ और सेना के अधिकारियों की देखरेख में चल रहे है। इस सफल परीक्षण से सेना की भविष्य की चुनौतियांे से निपटा जा सकेगा और सेना की मारक क्षमता और मजबूत होगी। बताया जा रहा है कि जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश प्राईम मिसाईल में नए एडवांस फीचर जोड़े गए हैं। साथ ही भीषण गर्मी में इसकी मारक क्षमता को भी परखा जा रहा है। बुधवार को इसे एक प्लेटफॉर्म पर तैनात एक हैवी प्लेटफोर्म व्हीकल से फायर किया गया और यह अपने सारे पैरामीटर्स की कसौटियों पर खरी उतरी। खासकर मिसाईल का कमाण्ड कंट्रोल सिस्टम, एवियोनिक्स आदि पर मिसाईल सिस्टम ने सही तरीके से कार्य किया। सूत्रों के अनुसार आकाश मिसाइलें भारत में बनीं हवा में मार करने वाली मिसाईलें हैं। इन्हें जमीन पर किसी भी वाहन या स्थायी जगह से दागा जा सकता है। आकाश मिसाईल परिवार में अब तक कुल दो मिसाईलें थीं अब आकाश प्राईम इस वर्ग की तीसरी अहम मिसाईल बन गई है। ये मिसाईलें हवा में किसी भी तरह के एयरक्राफ्ट को नष्ट करने में सक्षम हैं। आकाश मिसाईलों को विकसित करने का काम डी.आर.डी.ओ ने किया है और इनका उत्पादन भारत डायनेमिक्स लिमिटेड की ओर से किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि न्यूक्लीयर क्षमता वाली यह मिसाईल 2.5 मैक यानि करीब 860 मीटर प्रति सैकिण्ड की रफ्तार से 19 कि.मी. तक की उंचाई तक उड़ सकती है। खासकर आसमान में सेन्सर के जरिये फाईटर जेट, ड्रोन, क्रूज मिसाईलों व एयर की सरफेज मिसाईलों समेत बेलेस्टिक मिसाईलों को भी यह मिसाईल अपना निशाना बना सकती है। इस मिसाईल की रेंज आसमान में तीस कि.मी. तक है और यह एक बार में 60 किलोग्राम तक पेलोड ले जा सकती है। यह मिसाईल हवा में भी नियंत्रित की जा सकती है।

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