जनजातिय स्वराज संगठनो ने मनाया मजदूर दिवस . - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 1 मई 2022

जनजातिय स्वराज संगठनो ने मनाया मजदूर दिवस .

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आनंदपुरी --दिनांक 5  मूई 2022  में आंनंदपूरी,माँडेल आंनंपुरी, छाजा  के जनजातीय स्वराज संगठनों के  ३४ पंचायतो  में मजदूर  दिवस मजदूरो  के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते और मजदूरो के अधिकारो एव मजदूरो के लिए लाभदायी योजना से अवगत कराते हूए मनाया गया..  5 मुई 2022 को ग्राम पंचायत स्तर पर मजदुर दिवस मनाने पर का आयोजन रहा, जिसका मुख्य उद्देश्य जागरूक हो हर मजदूर  हक से रहे न दूर"  प्रशिक्षण में श्रमिको के सम्मान एवं श्रमिको के अधिकार उनको मिले, साथ ही राजस्थान राज्य के भवन एवं अन्य संनिर्माण कल्याण मण्डल में पंजीयन कर कल्याण मण्डल द्वारा श्रमिक कल्याण योजनाओं से जोड़ना, निर्माण कार्य में 90 दिन कार्य दिवस का प्रमाण पत्र बनवाकर   श्रमिक कार्ड (लेबर कार्ड) बनाना, ईसकी जानकारी वागधारा के   स्वराज मित्रों ने  ग्राम पंचायत में जन जागरूकता के लिए मजदूर दिवस मनाया और शाशन द्वारा श्रमिक के लिए जो कल्याणकारी योजना है ईसके बारे मे बताया और लाभान्वित होणे पर जोर दिया गतिविधियों की जानकारी दी, जिसमें मजदूर की पहचान, निर्माण श्रमिक कौन कौन श्रमिक आते है,  श्रमिक कल्याण मण्डल की जानकारी, 90 दिन निर्माण कार्य के लिए प्रमाण पत्र बनाने की प्रकिया के बारे में विस्तार से जानकारी . वागधारा के कार्यक्रम अधिकारी विकास मेश्राम,  ने श्रमिक कार्ड बनवाने की प्रकिया एवं श्रमिक से जुड़ी महत्वपूर्ण कल्याण कारी योजनाओं के बारे बताया और  मजदूर दिन के इतिहास से अवगत करा के कहाँ कि 1 मई को हर साल मजदूर दिवस मनाने का उद्धेश्य मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करना और योगदान को याद करना है। इसके साथ ही मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करना और शोषण को रोकना है।मजदूर दिवस का दिन ना केवल श्रमिकों को सम्मान देने के लिए होता है बल्कि इस दिन मजदूरों के हक के प्रति आवाज भी उठाई जाती है। जिससे कि उन्हें समान अधिकार मिल सके। 1 मई 1886 को अमेरिका में आंदोलन की शुरूआत हुई थी। इस आंदोलन में अमेरिका के मजदूर सड़कों पर आ गए थे और वो अपने हक के लिए आवाज बुलंद करने लगे। इस तरह के आंदोलन का कारण था काम के घंटे क्योंकि मजदूरों से दिन के 15-15 घंटे काम लिया जाता था। आंदोलन के बीच में मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी और कई मजदूरों की जान चली गई। वहीं 100 से ज्यादा श्रमिक घायल हो गए। इस आंदोलन के तीन साल बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई। जिसमे तय हुआ कि हर मजदूर से केवल दिन के 8 घंटे ही काम लिया जाएगा। यह ऐतिहासिक पाश्वभुमी से अवगत करवाकर  साथ ही माननीय मालविया जी का वीडियो के माध्यम से स्थानीय श्रमिको के लिए श्रम विभाग की योजनाओं से लाभान्वित करने लिए संदेश दिया वह दिखाया गया,  स्वराज मित्र पंकज खाट  ने कहाँ की श्रमिक विभाग  की योजना जनजातिय स्वराज संगठनो के द्वार आम जन तक पहुंचने में कटीबध्द है  इसमें वागधारा के सहजकर्ता ने अपने अपने अनुभव साझा किये और भावी नवाचार योजनाओं से अवगत किया  मजदूर दिवश  मे वागधारा के सहजकर्ता और स्वराज मित्र सहभागी हुए  ईस मजदूर दिवस सफल बनाने हेतू मानगढ , इकाई लीडर प्रशांत थोरात , कार्यक्रम अधिकारी  विकास मेश्राम, सहजकर्ता कैलास निनामा, कांता, उषा,सुरेश,ललिता ,भुरालाल आदि एव वागधारा के स्वराज मित्र   पंकज,छगन,नाथुलाल, निरमा ,प्रविण महत्तपुर्ण भुमिका निभाई हूए....

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