बिहार : अनिवार्य हॉलमार्किंग के दूसरे चरण का कार्यान्वयन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 4 मई 2022

बिहार : अनिवार्य हॉलमार्किंग के दूसरे चरण का कार्यान्वयन

  • देश के 32 नए जिलों को जोड़ा जायेगा, बिहार के सीतामढ़ी और मुंगेर जिला भी होगा शामिल 

hallmark-in-bihar
पटना 04 मई, देश के 256 जिलों में 23 जून 2021 से अनिवार्य हॉलमार्किंग के सफल कार्यान्वयन होने के पश्चात्, जिसमें प्रतिदिन 3 लाख से अधिक सोने की वस्तुओं पर एचयूआईडी के साथ हॉलमार्क लगाया जा रहा है। केंद्र  सरकार  द्वारा सोने के आभूषण और सोने की कलाकृतियों की हॉलमार्किंग (संशोधन) आदेश 2022, दिनांक 04 अप्रैल, 2022 के माध्यम से अनिवार्य हॉलमार्किंग के दूसरे चरण को लागू करने के लिए अधिसूचित किया गया है।  भारतीय मानक ब्यूूरो, पटना शाखा कार्यालय के प्रमुख एस. के. गुप्ताि के अनुसार, अनिवार्य हॉलमार्किंग के इस दूसरे चरण में सोने के आभूषणों / कलाकृतियों के जैसा कि भारतीय मानक आईएस 1417 में उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार अतिरिक्त तीन कैरेट अर्थात् 20, 23 और 24 कैरेट शामिल होंगे और अनिवार्य हॉलमार्किंग व्यवस्था के तहत 32 नए ऐसे जिलों (जहां अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश के पहले चरण के कार्यान्वयन के बाद एएचसी की स्थापना की गई है) को शामिल किया जाएगा। इसमें बिहार के सीतामढ़ी और मुंगेर जिले को शामिल किया गया है। इन जिलों की सूची बीआईएस की वेबसाइट www.bis.gov.in पर उपलब्ध है। बीआईएस ने एक सामान्य उपभोक्ता को बीआईएस से मान्यता प्राप्त किसी भी एसेइंग एंड हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) में अपने बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की शुद्धता की जांच कराने की अनुमति देने का प्रावधान किया है। यह एएचसी प्राथमिकता के आधार पर सामान्य उपभोक्ताओं के सोने के आभूषणों का परीक्षण करेगा और उपभोक्ता को परीक्षण रिपोर्ट प्रदान करेगा। उपभोक्ता को जारी की गई यह परीक्षण रिपोर्ट उपभोक्ता को उनके आभूषणों की शुद्धता के बारे में आश्वस्त करेगी और यदि उपभोक्ता अपने पास रखे आभूषणों को बेचना चाहता है, तो यह उपयोगी भी होगी। सोने के आभूषणों की चार वस्तुओं तक का परीक्षण शुल्क 200 रुपये है। पांच या इससे अधिक वस्तुओं के लिए यह शुल्क 45 रुपये प्रति वस्तु है। उपभोक्ता के सोने के आभूषणों के परीक्षण पर विस्तृत दिशा-निर्देश और मान्यता प्राप्त ऐसेइंग एवं हॉलमार्किंग केंद्रों की सूची बीआईएस वेबसाइट www.bis.gov.in के होम पेज पर उपलब्ध  है। उपभोक्ता द्वारा खरीदे गए एचयूआईडी नंबर वाले हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की प्रामाणिकता और शुद्धता को बीआईएस केयर ऐप में 'वेरीफाई एचयूआईडी' का उपयोग करके भी सत्यापित किया जा सकता है, जिसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं: