नयी दिल्ली, 12 मई, उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कुछ पॉलिसी धारकों द्वारा दायर याचिकाओं पर अंतरिम राहत देने और एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के तहत शेयर आवंटन पर रोक लगाने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि अदालत को वाणिज्यिक निवेशों और आईपीओ के मामलों में किसी भी तरह की अंतरिम राहत देने से बचना चाहिए। पीठ ने कहा, ‘‘हम किसी भी तरह की अंतरिम राहत नहीं देना चाहते हैं।’’ हालांकि न्यायालय ने इन याचिकाओं पर केंद्र और एलआईसी को नोटिस जारी करके आठ हफ्ते के भीतर उनसे जवाब मांगा है। एलआईसी का आईपीओ खुदरा और अन्य निवेशकों के लिए चार मई को खुला था और इसके शेयरों का आवंटन बृहस्पतिवार को होना है। पीठ ने कहा कि इनमें से एक याचिका में बंबई उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई है। न्यायालय ने इसका निस्तारण करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय में दायर की गई रिट याचिका शीर्ष अदालत में स्थानांतरित की जाएगी। शीर्ष अदालत ने इन अर्जियों को संविधान पीठ के समक्ष लंबित उस याचिका से जोड़ दिया जो वित्त अधिनियम, 2021 को धन विधेयक की तरह पारित करने के मुद्दे से संबंधित है।
गुरुवार, 12 मई 2022
उच्चतम न्यायालय का एलआईसी के शेयर आवंटन पर रोक से इनकार
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