उत्तर प्रदेश में विधायक निधि 3 करोड़ रुपये से बढ़कर हुई 5 करोड़ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 1 जून 2022

उत्तर प्रदेश में विधायक निधि 3 करोड़ रुपये से बढ़कर हुई 5 करोड़

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लखनऊ, 31 मई, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायक स्थानीय विकास निधि को तीन करोड़ रुपये से बढ़ाकर सालाना पांच करोड़ रुपये करने की मंगलवार को विधान सभा में घोषणा की। योगी ने सदन में बजट प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, “मैं माननीय सदस्यों की निधि को 5 करोड़ करने की घोषणा करता हूं।” इस दौरान उन्होंने बजट सत्र के दौरान विधान सभा की कार्यवाही सुचारू एवं शांतिपूर्ण तरीके से होने पर सभी सदस्यों का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सत्र की आठ दिवसीय कार्यवाही देर रात्रि तक बिना किसी बाधा के साथ चली, सभी पहली बार चुनकर आये सदस्यों का कार्यवाही का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद देता हूं। हमारे वरिष्ठ सदस्यों का धन्यवाद जो लगातार कार्यवाही हिस्सा बने। आज बजट प्रक्रिया को पारित करने के लिए धन्यवाद देता हूं।” गौरतलब है कि 23 मई को उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये पेश 6.15 लाख करोड़ रुपये के बजट को विधान सभा ने पारित कर दिया। योगी ने बजट सत्र को नजीर बताते हुए कहा कि परम्पराएं इसी तरह बनती हैं। सरकार पूरी मजबूती के साथ 25 करोड़ जनता के हित के लिए कार्य कर रही है। योगी ने बजट प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर खूब तंज कसे। उन्होंने अखिलेश पर चर्चा से इतर दूसरे गैरजरूरी मुद्दे उठाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सदन में नसीहत दी, “आप जो बातें कहते हैं, वे सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनती हैं और सदन के पुस्तकालय का हिस्सा बनती हैं। इसलिए हमको सोच समझकर बोलना चाहिए, जिससे वो भविष्य की पीढ़ी के सामने एक उदाहरण बनें।” योगी ने अखिलेश की तुलना कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी कर दी। उन्होंने कहा कि कोई फर्क नही है आपमें और राहुल गांधी में। वे (राहुल गांधी) देश के बाहर रहकर देश की बुराई करते हैं,आप (अखिलेश) उत्तर प्रदेश के बाहर प्रदेश की बुराई करते हैं।” उन्होंने बजट प्रस्ताव के बारे में कहा कि उत्तर प्रदेश का पहला बजट 1947 में जब आया वह कुल 103 करोड़ रुपये का था। उस समय प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 259 रुपये थी और प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 1,628 करोड़ रुपये था। योगी ने कहा कि इसके बाद से देश ने एक लंबी यात्रा तय की। 75 वर्षों में हम खो गए, 70 वर्षों में उप्र को कहां ले गए। उन्होंने कहा, “2017 से पहले वाली सरकार में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय, देश की प्रति व्यक्ति आय की एक तिहाई रह गई थी। 2016-17 के बजट में बैंक से वित्तीय सहायता ली जाती थी, आज हमारी निर्भरता बैंक और वित्तीय सहायता में 13 फीसदी ही रह गई है, हम बाकी अपने सोर्स ऑफ इनकम से पूरा कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय को बढाने में सरकार को सफलता मिली है। बैंकों से आम आदमी को मिलने वाला लाभ बढ़ा है। उन्होंने कहा, “हमने लोककल्याण संकल्प पत्र में 130 संकल्प किये थे, इनमें से 97 संकल्पों को बजट में शामिल किया, इसके लिए हमने 54 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया। हमने जो कहा,वो पूरा करते हैं, हम बहाना नहीं करते हैं।

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