मुश्किल हालात में भी लोकतंत्र बड़े लक्ष्य हासिल करने में सक्षम : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 26 जून 2022

मुश्किल हालात में भी लोकतंत्र बड़े लक्ष्य हासिल करने में सक्षम : मोदी

democracy-capable-of-achieving-big-goals-modi
म्यूनिख, 26 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत ने दुनिया को दिखाया है कि लोकतंत्र में मुश्किल से मुश्किल हालात में बड़े बड़े लक्ष्य हासिल करने की ताकत है और देश अपने सपनों को सिद्ध करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। श्री माेदी ने जर्मनी के म्यूनिख के ऑडी डोम सभागार में यूरोप के विभिन्न भागों से आये हज़ारों प्रवासी भारतीयों के एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित किया। इससे पहले आयोजन स्थल पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं गयीं। प्रधानमंत्री ने इस बार पहले की तुलना में कम देर करीब 33 मिनट का भाषण दिया जिसमें उन्होंने भारत की विकास यात्रा और सरकार की विभिन्न पहलों एवं उनकी सफलता का उल्लेख किया। उन्होंने भारत की कामयाबी में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की और उन्हें भारत की सफलता का ब्राण्ड एम्बेसेडर बताया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत आपातकाल का उल्लेख करते हुए की। उन्होंने कहा कि आज का दिन एक और वजह से भी जाना जाता है। आज 26 जून है। जो लोकतंत्र हमारा गौरव है, जो लोकतंत्र हर भारतीय के डीएनए में है, आज से सैंतालीस साल पहले इसी समय उस लोकतंत्र को बंधक बनाने, लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया गया था। आपातकाल एक काले धब्बे की तरह है। ऐसी हरकतों पर लोकतांत्रिक परंपराएं भारी पड़ीं। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने लोकतंत्र को कुचलने की सारी साजिशों का जवाब, लोकतांत्रिक तरीके से ही दिया। हम भारतीय कहीं भी रहें, अपनी लोकतंत्र पर गर्व करते हैं। हर हिंदुस्तानी गर्व से कहता है, भारत लोकतंत्र की जननी है। उन्होंने कहा कि भारत ने दिखाया है कि इतने विशाल और इतनी विविधता भरे देश में लोकतंत्र कितने बेहतर तरीके से कार्यक्षमता प्रदर्शन कर रहा है। जिस तरह करोड़ों भारतीयों ने मिलकर बड़े-बड़े लक्ष्य हासिल किए हैं, वो अभूतपूर्व है। आज भारत का हर गांव खुले में शौच से मुक्त है। आज भारत के हर गांव तक बिजली पहुंच चुकी है। आज भारत का लगभग हर गांव, सड़क मार्ग से जुड़ चुका है। आज भारत के 99 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के पास क्लीन कुकिंग के लिए गैस कनेक्शन है। आज भारत का हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ा हुआ है।

श्री मोदी ने कहा कि आज भारत के हर गरीब को 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है। कोरोना के इस समय में भारत पिछले दो साल से 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज सुनिश्चित कर रहा है। इतना ही नहीं, आज भारत में औसतन हर 10 दिन में एक यूनिकॉर्न बन रहा है। उन्होंने कहा कि आज 21वीं सदी का भारत, चौथी औद्योगिक क्रांति में, इंडस्ट्री 4.0 में, पीछे रहने वालों में नहीं बल्कि इस औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने वालों में से एक है। सूचना प्रौद्योगिकी में, डिजीटल प्रौद्योगिकी में भारत अपना परचम लहरा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज का भारत “होता है, चलता है, ऐसे ही चलेगा” वाली मानसिकता से बाहर निकल चुका है। आज भारत ‘करना है’ ‘करना ही है’ और ‘समय पर करना है’ का संकल्प रखता है। भारत अब तत्पर है, तैयार है, अधीर है। भारत अधीर है, प्रगति के लिए, विकास के लिए। भारत अधीर है, अपने सपनों के लिए, अपने सपनों की सिद्धि के लिए।” उन्होंने कहा कि आज भारत में 90 प्रतिशत वयस्कों को वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी हैं। 95 प्रतिशत वयस्क ऐसे हैं, जो कम से कम एक डोज़ ले चुके हैं। ये वही भारत है, जिसके बारे में कुछ लोग कह रहे थे कि सवा अरब आबादी को वैक्सीन लगाने में 10-15 साल लग जाएंगे। भारत डेटा उपभोग में रिकॉर्ड कायम कर रहा है। विश्व के 40 प्रतिशत डिजीटल भुगतान भारत में हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी भारत के लोगों का हौसला ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। पिछले साल हमने अब तक का सबसे ज़्यादा निर्यात किया है। ये इस बात का सबूत है कि एक ओर हमारे विनिर्माताओं नए अवसरों के लिए तैयार हो चुके हैं, वहीं दुनिया भी हमें उम्मीद और विश्वास से देख रही है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, आज ये भारत में केवल सरकारी नीतियों का मुद्दा नहीं है। भारत का युवा इलैक्ट्रिक वाहनों और ऐसी ही दूसरी जलवायु परिवर्तन के अनुकूल प्रौद्योगिकी में निवेश कर रहा है। सतत जलवायु व्यवहार आज भारत के सामान्य से सामान्य मानवी के जीवन का हिस्सा बन रही हैं। श्री मोदी ने कहा कि आज स्वच्छता भारत में एक जीवनशैली बन रही है। भारत के लोग, भारत के युवा देश को स्वच्छ रखना अपना कर्तव्य समझ रहे हैं। आज भारत के लोगों को भरोसा है कि उनका पैसा ईमानदारी से देश के लिए लग रहा है, भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ रहा। इसलिए देश में कर जमा करने का दायित्व का अनुपालन तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने भारत की शिक्षा व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि भारत में पहली बार मातृभाषा में डॉक्टरी और इंजीनियरिंग की पढ़ाई होगी। मातृभाषा में पढ़ाई करने से क्या लाभ होता है यह जर्मनी में आप बेहतर समझ सकते हैं। संबोधन के बाद श्री मोदी ने प्रवासी भारतीय समुदाय के लोगों के मुलाकात की। उनसे हाथ मिलाये और बातचीत की। जर्मनी की दो दिन की यात्रा पर श्री मोदी आज सुबह म्यूनिख पहुंचे। वह कल श्लॉस एल्माउ में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। आज सामुदायिक कार्यक्रम के बाद शाम को अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज़ से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे।

कोई टिप्पणी नहीं: