पटना : बिहार में जाति आधारित गणना को लेकर एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिहार जातीय जनगणना के मामले में एक मिसाल बनने वाला है। वहीं, इसके साथ ही साथ नीतीश कुमार ने यूपीए सरकार की तरफ से कराई गई जनगणना को लेकर भी सवाल उठाया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा है कि यूपीए सरकार की तरफ से जो जनगणना करवाई गई उसका अभी तक कोई भी प्रारूप सामने नहीं आया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उस जनगणना में कई तरह की खामियां भी रही। वहीं, इस बार उनके सरकार के तरफ से करवाए जाने वाले जाति आधारित गणना को लेकर सीएम ने यह जरूर कहा कि इस बार बिहार सरकार जिस तरीके से गणना कराने जा रही है उसमे सारा डाटा उपलब्ध रहेगा। सीएम ने कहा बिहारी चाहे बिहार में हो या फिर बिहार से बाहर सभी की गणना की जाएगी। प्रवासी बिहारियों के बारे में भी पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराया जाएगा। जाति का आंकड़ा भी उपलब्ध होगा। यह सब के काम आने वाला है। नीतीश कुमार ने कहा कि हमने अपने संसाधन से इसे कराने का फैसला किया है। इसको लेकर ब्लू प्रिंट तैयार करने में तकरीबन एक महीने का समय लगेगा। उसके बाद इसे जमीन पर ले जाया जाएगा। बिहार में जातिगत गणना बेहतर ढंग से किया जाएगा। हम भी चाहते हैं कि खूब अच्छे ढंग से यह हो। यदि कोई व्यक्ति रिटायर हो गया है और वह अच्छा काम करने वाला हो तो उन्हें भी इस काम में लगाया जाएगा।पहले जो जनगणना काम कर चुके हैं उन्हें भी इस काम में लगाया जाएगा। वहीं, इसके अलावा उन्होंने बीते दिन एनडीए में शामिल नेता जीतन राम मांझी द्वारा दिए गए बयान की एनडीए में घुटन होता है पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता कि एनडीए में कोई घुटन वाली बात है, जीतन राम मांझी एनडीए के पार्ट हैं। हालांकि, जीतन राम मांझी ने गठबंधन को लेकर जो बात कही है उसे नीतीश कुमार ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी और मुस्कुराते हुए मांझी की बातों को खारिज कर दिया।
सोमवार, 6 जून 2022
बिहार : प्रवासी मजदूरों की भी होगी गणना : नीतीश
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