राष्ट्रपति पद का सम्मान तथा गरिमा बढ़ाई कोविंद ने : बिरला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 23 जुलाई 2022

राष्ट्रपति पद का सम्मान तथा गरिमा बढ़ाई कोविंद ने : बिरला

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नयी दिल्ली, 23 जुलाई, लोकसभा और राज्य सभा के सदस्यों ने निवर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के सम्मान में शनिवार को एक विदाई समारोह आयोजित किया। संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित इस समारोह में उप-राष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और दोनों सदनों के सदस्य शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि श्री कोविंद का राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल रविवार को समाप्त हो रहा है। श्री बिरला ने इस मौके पर कहा कि यह श्री कोविंद के प्रति समूचे राष्ट्र की ओर से सम्मान तथा आभार व्यक्त करने के लिए यहां एकत्र दोनों सदनों के सदस्यों के लिए गौरव का अवसर है। उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति के रूप में पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान श्री कोविंद ने सर्वोच्च पद के सम्मान और गरिमा को बढ़ाया है और इसके लिए सभी सांसद उनके प्रति आभार प्रकट करते हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने लोक सेवक के रूप में श्री कोविंद के लंबे सफर और संसद से उनके लंबे जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा कि सांसद के रूप में श्री कोविंद ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार में योगदान दिया। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने तथा समाज के वंचित वर्ग तथा दिव्यांगों के लिए अवसर बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति राष्ट्रपति की प्रतिबद्धता से जनसेवा के प्रति उनके समर्पण का पता चलता है। श्री बिरला ने कहा कि संसद में राष्ट्रपति के संबोधनों में उनके दृष्टिकोण, राजनीतिक तथा सामाजिक मुद्दों की गहरी समझ तथा उनके विचारों की झलक दिखाई देती है। उनके संबोधनों ने सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति प्रेरित किया है। इसीलिए उन्हें सभी दलों के नेताओं का समर्थन मिला तथा उन्हें संवैधानिक मूल्य तथा आदर्शों के संरक्षक के रूप में देखा जाता है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति भवन तक आम नागरिक की पहुंच आसान बनाने के लिए श्री कोविंद को हमेशा याद रखा जाएगा। श्री बिरला ने श्री कोविंद की कानपुर जिले के एक छोटे से गांव से राष्ट्रपति भवन तक की यात्रा को अनोखा करार देते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र की प्रेरणादाई उपलब्धि है। इस मौके पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक हस्ताक्षर पुस्तिका भी भेंट की गई।

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