फ्री में शिक्षा और इलाज मुफ्त की रेवड़ी बांटना नहीं : केजरीवाल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 16 जुलाई 2022

फ्री में शिक्षा और इलाज मुफ्त की रेवड़ी बांटना नहीं : केजरीवाल

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नयी दिल्ली, 16 जुलाई, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अपने देश के बच्चों को मुफ्त और अच्छी शिक्षा देना तथा मुफ्त इलाज करवाने को मुफ्त की रेवड़ी बांटना नहीं बल्कि इसे देश की नींव रखना कहते हैं। श्री केजरीवाल ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा , “ मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि केजरीवाल फ्री की रेवड़ियां बांट रहा है, केजरीवाल फ्री-बी दे रहा है। मुझे भद्दी-भद्दी गालियां दी जा रही हैं, मेरा मजाक उड़ाया जा रहा है। आज मैं देश के लोगों से पूछना चाहता हूं कि मैं क्या गलत कर रहा हूं? दिल्ली के गरीबों और मिडिल क्लास के बच्चों को मैं सरकारी स्कूलों में शानदार शिक्षा दे रहा हूं, लेकिन फ्री में शिक्षा दे रहा हूं। मैं लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या मैं फ्री की रेवड़ियां बांट रहा हूं या देश की नींव रख रहा हूं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं। अभी तक उन 18 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में था। हमारी सरकार बनी थी, उससे पहले जैसे देश भर में सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क है, देशभर में सरकारी स्कूलों की बुरी हालत है, वैसे ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों की भी हालत थी। स्कूलों में पढ़ाई होती नहीं थी। सारे सरकारी स्कूल टूटे-फूटे थे, दीवारे टूटी हुई थी, छतें चू रही थी। ब्लैक बोर्ड और डेस्क नहीं था, बच्चे नीचे बैठे रहते थे। कोई पढ़ाई नहीं होती थी। 18 लाख बच्चों का भविष्य बर्बाद था। आज अगर हमने इन 18 लाख बच्चों का भविष्य अच्छा कर दिया, अगर मैं इन बच्चों को अच्छी और शानदार शिक्षा दे रहा हूं, लेकिन फ्री में दे रहा हूं, तो मैं क्या गुनाह कर रहा हूं।” उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से 75 साल में पहली बार सरकारी स्कूलों में 99 फीसद से ज्यादा नतीजे आए हैं। मैं अगर अपनी बड़ाई खुद करूं, तो कहा जाएगा कि केजरीवाल अपनी बड़ाई खुद कर रहा है, लेकिन सरकारी स्कूलों के नतीजे 99 फीसद से ज्यादा आए हैं। सरकारी स्कूलों ने प्राइवेट स्कूलों को भी पीछे छोड़ दिया है। पिछले कुछ सालों में दिल्ली के चार लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से नाम कटाकर सरकारी स्कूलों में भर्ती हुए हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है। आज गरीबों के बच्चे आईटी के अंदर मैकेनिकल, कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पढ़ रहे हैं और नीट की परीक्षा पास करके डॉक्टरी की पढाई कर रहे हैं। यह काम 1947 में हो जाना चाहिए था, यह काम 1950 में हो जाना चाहिए, जो काम आज हम लोग कर रहे हैं। आज हम लोग देश की नींव रख रहे हैं। यह रेवड़ी नहीं है, हम लोग यह देश की नींव में एक-एक ईट रख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने दिल्ली के सरकारी अस्पताल शानदार कर दिए। दिल्ली में शानदार मोहल्ला क्लीनिक बना दिए, जिनकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। पूरी दुनिया के अंदर दिल्ली एक वह चुनिंदा शहर है, जहां पर दिल्ली के एक-एक आदमी का इलाज मुफ्त है। दिल्ली में दो करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। चाहे वो गरीब हो या अमीर हो। हम यह नहीं पूछते हैं कि वो कौन सी जात या धर्म का है। वो अमीर है या गरीब है, छोटा है या बड़ा है। दिल्ली में रहने वाले हर एक आदमी का सरकारी अस्पतालों में इलाज मुफ्त है। अगर उसके ऑपरेशन का 30, 40 या 50 लाख रुपए का खर्चा आएगा, तो उसकी सारी दवाइयां, सारे टेस्ट और सारे डायग्नोस्टिक, सब कुछ मुक्त है। सारे मोहल्ला क्लीनिक के अंदर एक-एक आदमी का इलाज मुफ्त होता है। क्या मैं यह फ्री की रेवड़ियां बांट रहा हूं? उन्होंने कहा कि दिल्ली में अगर किसी का एक्सीडेंट हो जाए, तो हमने कहा है कि उसको सबसे करीब के अस्पताल में लेकर जाइए। चाहे कितना भी महंगा अस्पताल क्यों ना हो, यह नहीं सोचना है। उस आदमी को इलाज करने का सारा खर्चा दिल्ली सरकार देती है। उसे हम फरिश्ते स्कीम कहते हैं। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक विकास साहनी साहब हैं। वो ईस्ट दिल्ली में रहते हैं। वो अपने घर से मार्केट के लिए निकले थे। उनका रास्ते में एक्सीडेंट हो गया। भगवान की कृपा थी कि उधर से अंतिम कोहली जी गुजर रहे थे। उन्होंने उनको उठाया और पास के एक छोटे अस्पताल ले गए। उस छोटे अस्पताल ने उनको फोर्टिस में रेफर कर दिया, क्योंकि उनको चोट बड़ी गहरी थी। फोर्टिस अस्पताल में उनके इलाज पर पांच लाख रुपए का खर्च आया। वो सारा खर्चा दिल्ली सरकार ने दिया। फरिश्ते योजना के अंतर्गत हम लोग अभी तक 13 हजार से अधिक लोगों की जान बचा चुके हैं। उन 13 हजार लोगों के परिवार वालों से पूछिए कि क्या केजरीवाल फ्री की रेवड़ियां बांट रहा है या पुण्य का काम कर रहा है, धर्म का काम कर रहा है।

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