सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना याचिकाएं बंद करने का दिया आदेश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 30 अगस्त 2022

सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना याचिकाएं बंद करने का दिया आदेश

supreme-court-orders-closure-of-contempt-petitions
नयी दिल्ली, 30 अगस्त, उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 1992 में अयोध्या की बाबरी मस्जिद को ढहाने से रोकने में उत्तर प्रदेश सरकार और इसके कई अधिकारियों पर विफल रहने के आरोप लगाने वाली सभी अवमानना याचिकाओं को मंगलवार को बंद दिया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद विवाद से संबंधित 2019 के शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनजर याचिकाओं को बंद करने का आदेश पारित किया। पीठ ने यह भी कहा कि अवमानना याचिका दायर करने वाले असलम भुरे की वर्ष 2010 मृत्यु हो गई थी। अदालत ने इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त करने की गुहार को ठुकरा दिया। वकील एम एम कश्यप ने एमिकस क्यूरी नियुक्त करने की मांग की थी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 2019 में राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद विवाद पर अपना फैसला दिया था। पीठ ने 40 दिनों की सुनवाई के बाद 1045 पन्नों का सर्वसम्मत फैसला सुनाया था, जिसमें विवादित पूजा स्थल पर पूजा के अधिकार को मंजूरी दी थी। साथ ही, मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने का फैसला दिया था। इस फैसले के साथ ही राम मंदिर निर्माण की आगे की प्रक्रिया शुरू हुई थी।

कोई टिप्पणी नहीं: