अग्निवीर योजना महत्वपूर्ण सैन्य सुधार : राजनाथ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 14 अगस्त 2022

अग्निवीर योजना महत्वपूर्ण सैन्य सुधार : राजनाथ

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नयी दिल्ली 14 अगस्त, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं में जवानों की भर्ती के लिए शुरू की गयी अग्निवीर योजना का एक बार फिर समर्थन करते हुए कहा है कि यह सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। श्री सिंह ने रविवार को देश के 76 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सैनिकों के नाम संबोधन में अग्निवीर योजना को लेकर विपक्ष द्वारा मचाये जा रहे बवाल के बीच कहा, “ प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार ‘अग्निवीर योजना’ का क्रियान्वयन भी सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इस योजना के अंतर्गत चुने गए युवा ‘अग्निवीर’ होंगे। ‘अग्निपथ’ देशभक्ति से ओत-प्रोत युवाओं को चार वर्ष की अवधि के लिए सशस्त्र सेनाओं में सेवा करने का अवसर प्रदान करता है।” उन्होंने कहा कि सरकार ने चार वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले अग्निवीरों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई प्रभावी कदम उठाये हैं और इनकी घोषणा की जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि विपक्ष अग्निवीर योजना को लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है और इसे सेनाओं को कमजोर तथा युवाओं के भविष्य को अंधकारमय बनाने वाला कदम बता रहा है। श्री सिंह ने सशस्त्र सेनाओं की वीरता का उल्लेख करते हुए कहा, “हमारी सेनाओं ने अब तक हुए युद्धों में शानदार प्रदर्शन किया है। भविष्य में होने वाले युद्धों की जरूरतों एवं जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए हम तीनों सेनाओं के बीच एकीकरण की दिशा में बहुत तेजी से काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए मुंबई, गुवाहाटी और पोर्ट ब्लेयर में संयुक्त ‘लाजिस्टिक नॉड’ स्थापित किये गए हैं जो सशस्त्र सेनाओं को उनके छोटे हथियारों, गोला बारूद, राशन, ईंधन, जनरल स्टोर के सामान, असैन्य लोगों के परिवहन, विशेष कपड़ों और अन्य सामानों के लिए कवर प्रदान करेंगे और उनके अभियानों के प्रयासों के बीच तालमेल के लिए इंजीनियरिंग सहयोग भी प्रदान करेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा,“ हमारी सेनाओं ने एलएसी , एलओसी, अंतर्राष्ट्रीय सीमा , समुद्री सीमा पर उच्च स्तर की सतर्कता और सुरक्षा बनाए रखी है। हमारी सेनाएँ किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूर्णतः सक्षम हैं। उनकी आवश्यकताओं की हरसंभव पूर्ति की जा रही है।” विभिन्न कालखंडों में देश की वीरांगनाओं की वीरता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “ आज मुझे पूर्ण विश्वास है, कि सशस्त्र सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर एवं भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में हम राष्ट्र की रक्षा के नए आयाम स्थापित करेंगे।” उन्होंने सेनाओं में महिलाओं की भागीदारी बढाने के लिए चलायी जा रही योजनाओं और घोषणाओं का भी उल्लेख किया। संबोधन के शुरू में ही उन्होंने सभी सैनिकों के प्रति राष्ट्र की ओर से आभार भी प्रकट किया। उन्होंने कहा, “ इस पावन अवसर पर सम्पूर्ण राष्ट्र हर्षोल्लास से ओत-प्रोत है। उत्तर में हिमालय की चोटियों से लेकर दक्षिण के महासागर एवं थार के मरुस्थल से लेकर पूर्वोत्तर के जंगलों तक, राष्ट्ररक्षा की प्रथम पंक्ति में डटे थलसेना, नौसेना, वायुसेना एवं तटरक्षक बल के वीर सैनिकों, एवं सैन्य अधिकारियों को इस अमृत महोत्सव पर मैं कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से हार्दिक शुभकामनायें देता हूँ। मैं उन वीर पूर्व-सैनिकों को भी बधाई देता हूँ, जिन्होंने राष्ट्र पर अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया।” 

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