आप नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे एलजी सक्सेना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 31 अगस्त 2022

आप नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे एलजी सक्सेना

lg-delhi
नयी दिल्ली, 31 अगस्त, दिल्ली के उप-राज्यपाल वी के सक्सेना ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के खिलाफ खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के कथित रूप से मानहानिकारक तथा झूठे आरोप लगाने के लिए कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है। उपराज्यपाल के कार्यालय के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। आप नेताओं में सौरभ भारद्वाज, आतिशी, दुर्गेश पाठक और जैस्मीन शाह शामिल हैं। उन्होंने हाल ही में दावा किया था कि श्री सक्सेना 2016 में विमुद्रीकरण के दौरान एक घोटाले में शामिल थे और उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की। गौरतलब है कि सीबीआई पहले ही केवीआईसी की तरफ से इस मामले की जांच कर चुकी है और आरोप पत्र भी दाखिल कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों के बयानों के आधार पर एलजी के खिलाफ ये आरोप लगाए जा रहे हैं, वे प्रथम दृष्टया सीबीआई द्वारा विमुद्रीकरण के बाद केवीआईसी में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए थे। आप इन लोगों का इस्तेमाल शिक्षा, शराब और पीडब्ल्यूडी में कथित भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने के लिए कर रही है। एलजी सक्सेना ने इन आप नेताओं द्वारा लगाए गए इन खुले तौर पर झूठे, मानहानिकारक और स्पष्ट रूप से विचलित करने वाले आरोपों पर गंभीरता से विचार किया तथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सीवीओ की सलाह के अनुसार इन चारों अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तुरंत निलंबित कर दिया गया और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच के लिए विभिन्न स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया। सीबीआई ने गहन जांच के बाद विमुद्रीकृत नोटों को जमा करने में केवल दो व्यक्तियों की संलिप्तता पाई और उनके खिलाफ 10 जुलाई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की। सीबीआई पहले ही दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है और मामला राउज एवेन्यू कोर्ट, नयी दिल्ली में लंबित है।

कोई टिप्पणी नहीं: