6 वर्ष से अधिक सजा के सभी अपराधों में फॉरेंसिक जांच जरूरी : अमित शाह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 30 अगस्त 2022

6 वर्ष से अधिक सजा के सभी अपराधों में फॉरेंसिक जांच जरूरी : अमित शाह

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नयी दिल्ली 30 अगस्त, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोषसिद्धि दर को बढ़ाने और आपराधिक न्याय प्रणाली को फोरेंसिक विज्ञान जांच के साथ जोड़ने के लिए दिल्‍ली में छह वर्ष से अधिक सजा वाले सभी अपराधों में फोरेंसिक जांच अनिवार्य करने के निर्देश दिये हैं। श्री शाह ने मंगलवार को यहां दिल्ली पुलिस मुख्यालय का दौरा कर विभिन्न विषयों पर अधिकारियों के साथ लम्बी बैठक की। उन्होंने दिल्‍ली में छह वर्ष से अधिक सजा वाले सभी अपराधों में फोरेंसिक जांच अनिवार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे दोषसिद्धि बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले आपराधिक न्याय प्रणाली को फोरेंसिक विज्ञान जांच के साथ जोड़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि गंभीर अपराधों में पुलिस द्वारा आरोप पत्र कानूनी जांच पड़ताल के बाद ही दायर किया जाना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि निगरानी अपराध को रोकने व इसकी जांच में पुलिसिंग का प्रमुख अंग है,इसलिए दिल्‍ली में सिविल प्रशासन, पुलिस द्वारा लगाये गए कैमरों के साथ ही सार्वजानिक स्थलों जैसे एयरपोर्ट, रेलवे स्‍टेशन, बस स्‍टैण्‍ड, बाजार में लगाये गए कैमरों को कंट्रोल रूम से जोड़ा जाए। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ड्रग्स के अभिशाप से देश को मुक्त करने के लिए संकल्परत है इसलिए दिल्‍ली में नार्कोटिक्‍स के ऊपर नकेल कसने के लिए विस्‍तृत कार्य-योजना तैयार की गई है। उन्होने कहा कि दिल्ली/एन.सी.आर व निकट के राज्यों में सक्रिय गिरोहों पर नकेल कसने की रणनीति बनाई गई है। बैठक में भारत में आयोजित होने वाले जी-20 सम्‍मेलन की सुरक्षा पर गहन चर्चा की गई। केन्द्रीय गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि गृह मंत्रालय की एक टीम द्वारा सुरक्षा अध्‍ययन के लिए कुछ ऐसे देशों का दौरा किया जाये जहां जी-20 सम्‍मेलन का सफल आयोजन हो चुका है गृह मंत्री ने कहा कि महिलाओं, बच्चों व वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। श्री शाह ने इन्हें सुरक्षित वातावरण देने के प्रयासों को और अधिक पेशेवर व संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ गति देने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि आम जन की सुरक्षा के साथ ही उनकी सुविधा भी दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए इसलिए ट्रैफिक के परंपरागत हॉट-स्‍पॉट जहां अत्‍यधिक जाम की स्थिति देखी जाती है उन्‍हें चिन्हित कर उनके इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर व सिग्‍नलिंग तक की पूर्ण रणनीति पर विचार हो और इन हॉट-स्‍पॉट पर ट्रैफिक संचालन को सुगम बनाने के लिए वैकल्पिक कार्य-योजना बनाई जाये।

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