बिहार: आजादी की पूर्व संध्या पर बटुकेश्वर दत्त की स्मृति में द्वार निर्माण का निर्णय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 15 अगस्त 2022

बिहार: आजादी की पूर्व संध्या पर बटुकेश्वर दत्त की स्मृति में द्वार निर्माण का निर्णय

  • 18 नवंबर को द्वार का किया जाएगा लोकार्पण, जक्कनपुर में नागरिक कन्वेंशन से हुआ तय

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पटना 14 अगस्त, आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर भगत सिंह के साथी महान क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त स्मृति द्वार निर्माण हेतु आज पटना के जक्कनपुर में नागरिक कन्वेंशन का आयोजन किया गया. नागरिक कन्वेंशन से जक्कनपुर स्थित गौरेया मठ के पास बटुकेश्वर दत्त स्मृति द्वार निर्माण का निर्णय लिया गया. 18 नवंबर को उनके जन्म दिन पर इसका लोकार्पण होगा तथा 28 सितंबर को भगत सिंह के जन्म दिन पर उसका शिलान्यास किया जाएगा. इस नागरिक कन्वेंशन की अध्यक्षता स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी गिरजा देवी ने की. नागरिक कन्वेंशन में मुख्य रूप से स्थानीय राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता विजय गोप, भाकपा-माले के पटना नगर सचिव अभ्युदय, शिक्षाविद् विजय कुमार सिंह, आजादी 75-जन अभियान के कुमार परवेज, सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात रंजन, लोकप्रिय माले नेता पालित दा, रिटायर्ड डीएसपी कृष्णा सहनी, मंटू शर्मा, विरेन्द्र पासवान, प्रदीप गुप्ता, राजेश यादव शिक्षक गण्ेश प्रसाद, संजय यादव, अशोक कुमार, विक्रांत, आइसा नेता कुमार दिव्यम, गौतम घोष, अनिल अंशुमन सहित कई शिक्षक व बुद्धिजीवी उपस्थित थे. नागरिक कन्वेंशन में कुमार परवेज ने कहा कि 18 नवंबर 2021 को आजादी 75 साल अभियान के तहत पटना जंक्शन, गेट पब्लिक लाइबे्रेरी व मीठापुर-चितकोहरा रोड का नामकरण बटुकेश्वर दत्त के नाम पर करने की मांग की गई थी. विगत 12 जुलाई को जब प्रधानमंत्री पटना आए थे तो एक बार फिर से पटना जंक्शन का नाम बटुकेश्वर दत्त के नाम पर करने की मांग उठाई गई. बटुकेश्वर दत्त ने अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा पटना में गुजारा. इसलिए पटना वासियों का यह फर्ज है कि वे अपने इस महान क्रांतिकारी को याद करें और उनकी स्मृति में गौरेया मठ में स्मृति द्वार का निर्माण करें. हमारे शहीदों ने जिस भारत का सपना देखा था, उसे पूरा करना है. दुर्भाग्य से जब आज हम आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं तो वे तमाम आजादी आंदोलन के तमाम मूल्य खतरे में दिख रहे हैं. शिक्षाविद् विजय सिंह ने बटुकेश्वर दत्त से जुड़ी कई स्मृतियों को सुनाया और कहा कि नई पीढ़ी के बीच उनके विचारों को ले जाना बेहद जरूरी है. इस दिशा में हमें स्मृति द्वार निर्माण के कार्यभार को अपने कंधों पर लेना चाहिए. हम जनसहयोग से यह कार्य करेंगे और बटुकेश्वर दत्त को उचित सम्मान देंगे. नागरिक कन्वेंशन में कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे और एक स्वर से स्मृति द्वार बनाने का निर्णय स्वीकार किया गया.स्मृति द्वार निर्माण को लेेकर समिति का भी गठन किया गया. तेज करने का संकल्प लेते हैं. पूरे बिहार में आज आजादी के 75 साल: जन अभियान की ओर से जगह-जगह 1942 के सात शहीदों सहित अन्य तमाम शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और आजादी मार्च का आयोजन किया गया.

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