झाबुआ (मध्य प्रदेश) की खबर 11 अगस्त - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 11 अगस्त 2022

झाबुआ (मध्य प्रदेश) की खबर 11 अगस्त

जिले के लोकतंत्र सेनानी भावसार ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के उपलक्ष में छायाचित्र प्रदर्शनी का किया गया शुभारंभ

  • प्रधान डाकघर पर 14 अगस्त तक लगी रहेगी प्रदर्शनी

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झाबुआ। देश की आजादी के 75वें अमृत महोत्सव अंतर्गत भारतीय डाक विभाग द्वारा स्थानीय मुख्य बाजार में प्रधान डाकघर ऑफिस पर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (14 अगस्त) के उपलक्ष में स्मृति चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसका फीता काटकर शुभारंभ जिले के लोकतंत्र सेनानी वरिष्ठ योगेंद्र भावसार द्वारा फीता काटकर किया गया। प्रधान डाकघर कार्यालय झाबुआ पर आयोजित पांच दिवसीय चित्र प्रदर्शनी में भारत विभाजन और उससे बनी परिस्थितियों तथा घटनाक्रमों को छाया-चित्रों के माध्यम से विवरण सहित दर्शाया गया है। ज्ञातव्य रहे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछलेे वर्ष से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस आयोजन की शुरुआत की गई है। यह छायाचित्र प्रदर्शनी 14 अगस्त तक सभी नागरिकों के लिए डाकघर कार्यालय पर खुली रहेगी। उद्घाटन बाद डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अतिथि श्री भावसार ने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। साथ ही आयोजित कार्यक्रम में इस संबंध में अपने विचार भी व्यक्त किए गए।


क्या है प्रदर्शनी में खास ...

प्रदर्शनी के माध्यम से भारत विभाजन के दौरान नफरत और हिंसा के कारण प्रभावित लाखों लोगों के हालातों का जायजा चित्रों के माध्यम से देखा जा सकता हैं। इसमें उन दर्दनाक घटनाओं की जानकारी शामिल है। यह उस विभीषिका का दस्तावेज है, जिसमें मारे गए लोगों का आंकड़ा 5 लाख बताया जाता है, लेकिन अनुमानतः यह आँकड़ा लगभग 10 लाख के आसपास तक का है। प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर प्रधान डाकघर के सहायक अधीक्षक झाबुआ पीआर मीणा, पोस्टमास्टर झाबुआ सुनील माहेश्वरी, वरिष्ठ नागरिक शैलेंद्र भावसार सहित समस्त स्टॉफ उपस्थित रहा।


भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलेभर से सैकड़ों पदाधिकारी-कार्यकर्ता आजाद की जन्म स्थली के लिए हुए रवाना

  • भाजयुमो जिलाध्यक्ष कुलदीपसिंह चौहान के नेतृत्व में चार पहिया वाहनों से तिरंगा और केसरिया ध्वज के साथ निकाली गई यात्रा

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झाबुआ। भारत के वीर सपूत शहीद चन्द्रशेखर आजाद की जन्मस्थली चन्द्रशेखर आजाद नगर में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या एवं मप्र अध्यक्ष वैभवसिंह पंवार का आत्मीय अभिनंदन कर यहां आयोजित भव्य तिरंगा यात्रा में सम्मिलित होने के लिए झाबुआ जिले से 10 अगस्त, बुधवार को सुबह भाजयुमो जिलाध्यक्ष कुलदीपसिंह चौहान के नेतृत्व में सैकड़ों पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओ के साथ युवाजन रवाना हुए। जानकारी देते हुए भाजयुमो जिला मीडिया प्रभारी दौलत गोलानी ने बताया कि सभी का जमघट स्थानीय कृषि उपज मंडी प्रांगण में हुआ। यहां करीब 18-20 चार पहिया वाहनों से आगे वाहन पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराते हुए एवं पीछे सभी वाहनों पर केसरिया ध्वज और भाजपा के झंडों के साथ भारत माता, वंदे मातरम्, जय श्री राम और भाजपा-भाजयुमो जिंदाबाद के घोष लगाते हुए सभी युवाजन निकले। वाहन रैली के रूप में सभी राजगढ़ नाका, गोपाल कॉलोनी, मोजीपाड़ा से रानापुर तिराहे पहुंचकर यहां जिलाध्यक्ष कुलदीपसिंह चौहान की उपस्थिति में शहीद क्रांतिकारी टंट्या भील की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सभी ने ट्टया भील अमर रहे ... अमर रहे ... के नारे लगाए। आगे रानापुर रोड़ से रानापुर, अंधारवड़ सहित अन्य स्थानों से होते हुए पूरी टीम आजाद की माटी भाबरा पहुंची। इस बीच जगह-जगह भाजुयमो के पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं का स्वागत-सत्कार भी हुआ। दोपहर बाद के चन्द्रशेखर आजाद नगर में आयोजित समारोह में सभी ने पूरे उत्साह और उमंग के साथ सहभागिता की।


इनकी रहीं उपस्थिति

इस दौरान मुख्य रूप से भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष अतुल चौहान, थावरिया अमलियार एवं जितेन्द्र गेहलोत, जिला महामंत्री प्रांजल भंसाली एवं राजेश वसुनिया, जिला मंत्री अवि भावसार, जिला कार्यालय मंत्री मजेसिंह मखोड़िया, जिला सोशल मीडिया प्रभारी राजेश गणावा, भाजपा मंडल झाबुआ अध्यक्ष शक्तिसिंह देवड़ा, मंडल महामंत्री अभिजीतसिंह बेस ‘अभिमन्यू’, बन मंडल अध्यक्ष मुनसिंह परमार सहित जिले से सैकड़ों युवाओं ने चन्द्रशेखर आजाद नगर पहुंचकर कार्यक्रम में हिस्सा लिया।


मोर्हरम के दसवे पर झाबुआ के राजवाड़ा पर सजे झिलमिल ताजिये,  मुस्लिम के साथ हिन्दू संप्रदाय के लोगों ने भी पहुंचकर किए दर्शन, 


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झाबुआ। मोहर्रम के अंतिम दिन 9 अगस्त, मंगलवार को शाम 5 बजे से शहर के अलग-अलग मुस्लिम बाहुल क्षेत्रों से समाजजनों द्वारा ताजियों का जुलूस निकालकर राजवाड़ा पर ठहराव किया गया। शाम 7 बजे तक राजवाड़ा पर करीब डेढ़ दर्जन झिलमिल सजे छोटे-बड़े ताजिये एकत्रित हुए। बाद यहां मुस्लिम के साथ हिन्दू संप्रदाय के लोगों की भी ताजियों के दर्शन के लिए भीड़ लगी। इस दौरान राजवाड़ा पर विभिन्न कमेटियों ने आंगतुकांे के लिए छबील, शर्बत, पानी की व्यवस्था करने के साथ स्वल्पाहार, खिलौनों की भी दुकाने लगी। अलसुबह 4 बजे तक राजवाड़ा पर तालियों का समागम रहा। बाद समाजजनों ने अपने-अपने ताजियों को जुलूस के रूप में बड़े तालाब ले जाकर यहां ताजियों पर छींटा डालने के बाद घर ले जाया गया। मोहर्रम की शुरूआत 31 अगस्त से हुई थी। अंतिम दिन 9 अगस्त, बुधवार को हुसैनी चौक से एकसाथ 7-8 ताजियों का जुलूस निकालते हुए सभी का एकत्रिकरण राजवाड़ा पर हुआ। ऐतिहासिक समय से बनाया जा रहा सरकारी (अखाड़ा) ताजियां हर बार की तरह इस बार भी सत्यनारायण मंदिर के बाहर दर्शनार्थियों के लिए रखा गया। जहां दर्शन करने वालों की सबसे अधिक भीड़ रहीं। इसके अलावा विभिन्न कमेटियों, समाजजनों और परिवार के लोगों द्वारा बनाए गए ताजियों का ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकालते हुए राजवाड़ा पहुंचे। राजवाड़ा पर नगाड़े पर युवाओं और बच्चों ने जमकर ‘‘या हुसैन या अली’’ खेला। यहां सैकड़ों की संख्या में समाजजन के लोग उपस्थित रहे।


छबील, शर्बत और पानी की व्यवस्था की गई

राजवाड़ा पर मोहम्दिया सिरत कमेटी की ओर से भी सभी के लिए छबील की व्यवस्था की गई। कमेटी के सदस्य सोनूभाई ने बताया कि सदस्यों द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी यह कार्य किया जा रहा है। छबील पिलाना सबाब (पुण्य) का कार्य है। है। जिसमें कमेटी के सभी युवाओं की सहभागिता रहती है। इसी प्रकार उष्मान, फारूख बागवान परिवार की ओर से सभी के लिए शर्बत और पानी की व्यवस्था की गई। बागवान परिवार वर्षों से मोर्हरम पर यह कार्य करता आ रहा है।


जगदीश पवार ने प्रस्तुत की हिन्दू-मुस्लिम कोमी एकता की मिसाल

इस दौरान हुड़ा क्षेत्र में रहने वाले युवा जगदीशभाई पवार जो वर्षों से मोहर्रम के दौरान हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेस करते हुए हजरत इमाम हुसैन की याद में कलाम, नाते पढ़ी जाती है। उन्होंने इस वर्ष भी यह कार्य किया। उनकी प्रस्तुति पर समाज के युवाओं द्वारा आनंद लेते हुए नजराना भी पेश किया गया। राजवाड़ा पर पूजन सामग्रीयों में नारियल, चिरंजी, रेवड़ी आदि की भी दुकाने लगी। पूरा राजवाड़ा लोबान की महक से मध्य रात तक महकता रहा।


कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहीं

इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर जिला प्रशासन से एसडीएम लक्ष्मीनारायण गर्ग, तहसीलदार झाबुआ आशीष राठौर, शहर पटवारी नानूराम मेरावत, गिरदावर, डीएसपी अजाक, एसडीओपी झाबुआ बबीता बामनिया, थाना प्रभारी सुरेन्द्रसिंह गाडरिया आदि भी दल-बल के साथ मौजूद रहे।


’विश्वास के आधार पर धर्म और संसार चलता हे, ’- प्रवर्तक पूज्य जिनेन्द्र मुनिजी मसा.


झाबुआ  । आत्मोद्धार वर्षावास के अन्तर्गत स्थानक भवन में 11 अगस्त गुरूवार को पूज्य जिनेन्द्रमुनि जी म. सा. ने कहा कि संसार में धर्म और अन्य कार्य विश्वास के आधार पर चलते है । आज साधु-साध्वी, श्रावक-श्राविका, आदि धर्म आराधक अपने ईष्ट देव भगवान महावीर स्वामीजी की वाणी पर विश्वास करके धर्म ध्यान ,आराधना कर रहे है । विश्वास के बिना संसार में काम नही चलता है।विश्वास अपने परिवार पर तथा अन्य बाह्य लोगों पर  करना पडता है । घर के सदस्यों पर, सगे संबंधियों पर, नौकरों पर अफसर द्वारा  अधीनस्थ कर्मचारियों पर विश्वास करना पडता है । परन्तु कई व्यक्ति  स्वार्थवश विश्वासघात भी करते है ।  राजा अपने मंत्री पर विश्वास करके कई महत्वपूर्ण  एवं गुप्त कार्य   उसे सौप देता है ,परन्तु वह मंत्री भी दूसरे राज्य के राजा से मिलकर अपने राज्य पर आक्रमण कराकर राजा को पद से हटवा भी देते है । राजा बुद्धिमान, विश्वासपात्र को मंत्री बनाता है, पर वह मंत्री दूसरो से सांठगांठ  कर खुद भी राजा बन जाता है । इतिहास में ऐसे कई प्रसंग मिलते है । इस प्रकार अनेक प्रकार से कुकर्म, विश्वासघात करके  व्यक्ति  महामोहनीय कर्म का बंध करता है । ऐसे व्यक्ति के हृदय में कठोरता आ जाती है, मन में बुरे भाव आते है । जीव के मन में ऐसे अनिष्ट भाव आने पर वह भ्रष्ट तरीके अपना कर गाढे कर्म बंध बांधता है, घोर पाप करने से भी नही डरता है । आपने  आगे कहा कि कुछ लोग इस संसार में अपने आप को ब्रह्मचारी तो कहते है, परन्तु अनैतिक एवं वासना के कार्य करने से भी  नही डरते है । काम भोग की आसक्ति में अनेक प्रकार के कुकृत्य करते है । जितनी व्यक्ति की आसक्ति तीव्र होती है, वह उतने ही गाढ़े और चिकने महामोहनीय कर्म का बंध करता है । ऐसा व्यक्ति संसार में स्वयं को ब्रह्मचारी कह कर लोगों को फुसला कर काम भोग करता रहता है, नाना प्रकार के कार्य करता है । भगवान ने ऐसे व्यक्ति के बारे में कहा है कि वह गायों के समुह में गधा है । ऐसे व्यक्ति अनेक भवों तक मर कर नरक में जाते है तथा दुर्गति के मेहमान बनते हे । जिन व्यक्तियों की विषय आसक्ति ज्यादा होती है, उन्हे धर्म की प्राप्ति कई भवों तक नही मिलती है, वे अंधकार में भटक कर नरक गति में पैदा होते रहते है । ऐसे व्यक्ति को पाप करना अच्छा लगता है, उनके बुरे संस्कार अनंत जन्मों  तक चला करते है । अतः भगवान द्वारा बतायें  मार्ग पर उनकी वाणी पर विश्वास कर भावों को समझ कर इस प्रकार के कृत्यों के दुष्परिणाम समझकर इनसे परे हटने पर महामोहनीय कर्म नही बांधेगा ।

’छः काय जीवों की रक्षा करके मोक्ष की राखी बांधने पर रक्षाबंधन पर्व मनाना सार्थक होगा ।’

धर्मसभा में अणुवत्स पूज्य संयतमुनिजी मसा. ने कहा कि भगवान महावीर स्वामीजी  भ्रमण करते हुए अपने कर्माे का क्षय करने के लिये  अनार्य क्षेत्र में पधारे थे, वे वहां रूकते तो अनार्य लोग उन्हे रूकने नही देते थे , भगा देते थे । भगवान वहां नही रूक कर आगे चल देते थे । वे रुकने के लिए उनकी गरज  खुशामद नही करते थे । भगवान ने गोचरी  के दोष भी बतायें थे ।  साधु को गोचरी लेने के लिए  किसी की चापलुसी नही करना चाहियेे,  प्रशंसा भी नही करना चाहिये । साधु को किसी के पास गिडगिडाहट करने की जरूरत नही है । गोचरी लेने के बाद भी खुशामद  प्रशंसा नही करते है । सामान्यतः संसार में भीख , दान मांगने वाले घरों पर आते है, वे व्यक्ति को खुश करने, सम्पन्न होने जैसी बाते करते है, तथा पैसे भी ले लेते हे, व्यक्ति यदि उसकी मांग की पूर्ति नहीकरता है, तो वह नाराज भी हो जाते हैे । साधु किसी के बंधे हुए नही है, गृहस्थ हर जगह दबा हुआ है, उसे ऐसे काम करना पडते है  । आपने आगे कहा कि आज रक्षाबंधन पर्व  के साथ ही पक्खी पर्व भी हेै । पक्खी पर्व बडा है ।  लौकिक त्यौहार खा-पीकर  मनाया जाता है, जबकि लोकोत्तर त्यौहार तप-त्याग से मनाया जाता है । भगवान ने कहा कि जीव ने अनंत भवों में जन्म लिया है , और सभी जीव इस जीव की बहिन पने उत्पन्न हुए है, इसलिये उसकी अनंत बहने हेै,  तो  उसे अनंत जीवों की रक्षा करना  है ।  ’छः काय जीवों की रक्षा करना ही रक्षाबंधन पर्व का संदेश है ।’  लौकिक  क्रिया करते हुए भी  यदि उसमे धर्म को जोड़ दिया जाए तो वह भी धर्म हो जाता है । भाई-बहिन दोनों को इस पर्व पर समभाव रखना चाहिये ।

’लब्धि प्राप्त करने के लिए की गई धर्मआराधना सही नहीं है ।’           

आपने आगे कहा कि साधु  लब्धि का उपयोग आवश्यकता  पडने पर ही करते हे।  बिना कारण नही करते हे । छः काय  जीवों की रक्षा करके मोक्ष की राखी बांधने पर रक्षाबंधन पर्व मनाना आज के दिन सार्थक होगा ।

’वीर शासन की तुम हो शान ।  तपस्वी बहना प्यारी ।    

तप और तपस्वी है महान ।तुमने नैय्या पार उतारी ।।’

आज श्रीमती राजकुमारी कटारिया  के 33 उपवास, श्रीमती चीना,नेहा घोडावत के 30 उपवास पूर्ण हुए । श्रीमती रश्मि, निधिता रूनवाल , श्रीमती आरती कटारिया ने 31 उपवास, श्री अक्षय गांधी ने 30 उपवास, श्रीमती आजादबहन श्रीमाल ने 16 उपवास, श्रीमती भीनी कटकानी ने 9 उपवास के प्रत्याख्यान  लिये । 10तपस्वी वर्षीतप की आराधना कर रहे हेै । संघ मे सिद्धितप,मेरूतप की आराधना कई तपस्वी कर रहे है । आज रक्षा बंधन  पर अणु जिनेन्द्र बालिका मंडल द्वारा ’’अणुराखी’’ भंडार का सृजन किया  गया ।उसके अनुसार  अपने पसंद की राखी का चयन करके उसके सामने लिखे गए प्रत्याख्यान अनेक श्रावक श्राविका ने ग्रहण किए । आयंबिल, तेला तप की लडी गतिमान हे । आज श्रीमती रश्मि रूनवाल, श्रीमती चीना घोडावत का 30 उपवास पूर्ण होने पर तप की बोली लगा कर बहुमान किया गया । प्रवचन का संकलन सुभाष ललवानी द्वारा किया गया संचालन प्रदीप रूनवाल ने किया ।


श्रावणी पर्व पर गायत्री शक्तिपीठ बसंत कॉलोनी, गायत्री शक्तिपीठ कॉलेज मार्ग एवं प्राचीन जगदीश मंदिर पर हुआ कार्यक्रम

  • गायत्री परिजनों, ब्राम्हण एवं विद्वानजनों ने विधि-विधान के साथ बदला जनेऊ

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झाबुआ। 11 अगस्त, गुरूवार को शहर के गायत्री शक्तिपीठ बसंत कॉलोनी एवं गायत्री शक्तिपीठ कॉलेज मार्ग से जुड़े गायत्री परिजनांे ने विधि-विधान से पूजन-हवन कर जनेऊ बदली। इसके साथ ही कॉलेज मार्ग स्थित प्राचीन जगदीश मंदिर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी ब्राम्हण-विद्वानजनों ने यहां विधि-पूजन के साथ जनेऊ बदलने का कार्य किया। 11 अगस्त, गुरूवार को सुबह श्रावणी पर्व पर गायत्री शक्ति पीठ बसंत कालोनी से जुड़े परिजनों ने शहर से सटे किशनपुरी में अनास नदी के तट पर सुबह 8 बजे श्रावणी उपाकर्म ( जनेऊ परिवर्तन) विधि-विधान के साथ किया। तीर्थ आव्हान के बाद 10 स्नान, जिसमें भस्म, भृतिका, गौमाय, हरिद्रा, मधु, हव दुग्ध, दग्धी, हव मूत्र, गंगा जल, एवं कुशा स्नान के बाद नदी में स्नान कर जनेऊ बदला गया। जिसमें मुख्य रूप से गायत्री परिवार के वरिष्ठ एसएस पुरोहित, दिनेश डांगी, निलेश पुरोहित, प्रशांत मल्लिक, विनोद गुप्ता आदि ने सहभागिता की। जिसके बाद गायत्री शक्तिपीठ बसंत कॉलोनी पर यज्ञ कर आहूतियां डाली गई। इस दौरान सभी ने पर्यावरण को बढ़ावा देने हेतु पौधारोपण करने का भी संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन युग प्रवक्ता विनोदकुमार जायसवाल ने किया। जिसमें पियूष जायसवाल एवं अरुण अरोड़ा ने भी सहयोग प्रदान किया।


विधि-विधान से नई यज्ञोपवित धारण की

इसी प्रकार गायत्री शक्तिपीठ कॉलेज मार्ग पर भी रक्षाबंधन पर्व पर श्रावणी उपाक्रम संपन्न किया गया। जिसमें संपूर्ण विधि गायत्री परिवार के जिला समन्वयक पं. घनश्यामदास बैरागी ने संपन्न करवाई। निर्धारित क्रम में स्नान, पितृ-तर्पण, शिव अभिषेक, यज्ञ आहुति के बाद सभी गायत्री परिजनों ने नई यज्ञोपवित धारण की।


ब्राम्हण-विद्वानजनों ने मनाया श्रावणी उपाकर्म

कॉलेज मार्ग स्थित प्राचीन जगदीश मंदिर पर पीढ़ी दर पीढ़ी यहां ब्राम्हण एवं विद्वानजनों द्वारा रक्षाबंधन पर श्रावण उपाकर्म मनाते हुए शहर के ब्राम्हण एवं विद्वानजन विधि-विधान से नए यज्ञोपवित (धारण) करते है। इस वर्ष भी यहां बड़ी संख्या में समाज के पुरूष वर्ग, जिसमें युवाओं ने भी सहभगिता कर यह विधि संपन्न की। विधि वरिष्ठ विद्वान पं. भागवत शुक्ल एवं पं. हिमांशु शुक्ल ने संपन्न करवाई।

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