बिहार : बाढ़ और सुखाड़ का प्रबंधन’ विषय पर एक संवाद का आयोजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 30 सितंबर 2022

बिहार : बाढ़ और सुखाड़ का प्रबंधन’ विषय पर एक संवाद का आयोजन

Seminar-on-flood-drought
पटना, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना में आज ‘बिहार में जल संसाधनों के विकास के जरिए बाढ़ और सुखाड़ का प्रबंधन’ विषय पर आयोजित एक संवाद कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क तथा जल संसाधन विकास मंत्री संजय कुमार झा ने किया। मौके पर जल संसाधन विभाग के इंजीनियर इन चीफ रविंद्र के शंकर भी उपस्थित थे। संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि संजय कुमार झा ने विशेष रूप से बाढ़ एवं सूखे की जल आधारित समस्या से निपटने के लिए आधुनिक तकनीकों और नवीन दृष्टिकोणों के उपयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग ने गंगा जल लिफ्ट योजना जैसी कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू की हैं, जिसके तहत गया, बोधगया, राजगीर और नवादा शहरों में गंगा नदी के अधिशेष पानी को पीने योग्य पानी के रूप में उपलब्ध कराया जाता है। श्री झा ने कहा कि जल संसाधन विभाग ने विगत वर्षों में ऐसे कई ठोस कदम एवं वैज्ञानिक पहल किए हैं जिससे कि इन प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले क्षति को काम किया जा सके। बिहार का जल संसाधन प्रबंधन देश के वैज्ञानिकों,रिसर्चर्स एवं इंजीनियरों के लिए एक प्रयोगशाला साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि बिहार में जल संसाधन के क्षेत्र में काम करने की असीम संभावना है साथ ही साथ उन्होंने आईआईटी पटना के विद्वान फैकल्टीज एवं शोधार्थियों का भी आह्वान किया कि वह आगे आकर इस क्षेत्र में काम करें। भविष्य में जल संसाधन विभाग एवं आईआईटी पटना आपस में कोलैबोरेट कर बिहार में विद्यमान सूखा एवं बाढ़ की गंभीर चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए एक साथ काम कर सकते हैं। 


जल संसाधन विकास मंत्री ने इस अवसर पर गया में नवनिर्मित रबर डैम के बारे में भी बताया कि पूरे साल पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके और जल स्तर को रिचार्ज किया जा सके। साथ ही उन्होंने बताया कि हमरे विभाग का लक्ष्य है कि  2025 तक बिहार के हर क्षेत्र में साल भर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करना तथा बाढ़ की संभवनए एवं उसकी विभीषिका को कम करना है। संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इंजीनियर इन चीफ वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट, बिहार सरकार, रविंद्र के शंकर ने जल संसाधन में हो रही समस्याओं का टेक्नोलॉजी से कैसे हल निकाला जाए इन विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला। अतिथियों के स्वागत के पश्चात संस्थान के डीन एकेडमिक, प्रोफेसर एके ठाकुर तथा डीन एडमिन, प्रोफेसर सोमनाथ त्रिपाठी ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर डीन रिसोर्सेज डॉक्टर आसिफ इकबाल ने आईआईटी पटना की ब्रिफ जर्नी, रिसर्च प्रोजेक्ट, अचीवमेंट्स, एकेडमिक्स के बारे में विस्तार से प्रेजेंटेशन दिया। सिविल डिपार्टमेंट के हेड डॉ वैभव सिंघल ने वाटर रिसोर्ट एवं आईआईटी पटना के सिविल डिपार्टमेंट के नए इनीशिएटिव्स के बारे में पावर पॉइंट प्रस्तुति  दिया। कार्यक्रम का समापन डॉक्टर अनूप केसरी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इस अवसर पर संस्थान के कुलसचिव, विभागाध्यक्ष, बड़ी संख्या में छात्र एवम् स्टाफ उपस्थित रहे। संवाद कार्यक्रम के पूर्व पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से आईआईटी पटना के प्रांगण में मुख्य अतिथि के द्वारा वृक्षारोपण किया गया। 

कोई टिप्पणी नहीं: