लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर फतेहपुर कारागार में निरुद्ध निरक्षर बंदियों द्वारा कारागार में रहते हुए जो पढ़ना - लिखना सीखा है, उस पर बनी पुस्तक "बदलती जिंदगी - बंदियों के साक्षरता की ओर बढ़ते कदम" का विमोचन गुरुवार को लखनऊ में कारागार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की धर्मवीर प्रजापति द्वारा किया गया। इस पुस्तक में उन महिला व पुरुष बंदियों द्वारा अपनी कहानी अपनी जुबानी बयां की गई है, जोकि जेल में प्रवेश के समय निरक्षर थे परंतु अब वे पढ़ना - लिखना सीख चुके हैं। इस अवसर पर जेल अधीक्षक मोहम्मद अकरम खान ने कारागार राज्य मंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं के अनुरूप व शासन की नियमावली के तहत कारागार को सुधार ग्रह के अनुरूप बनाना व बंदियों को साक्षरता की ओर ले जाना ही मुख्य मक़सद है। विमोचन के बाद हुई दूरभाष पर चर्चा के दौरान जेल अधीक्षक श्री खान ने अवगत कराया कि पुस्तक विमोचन के उपरांत कारागार राज्य मंत्री ने पुस्तक व पुस्तक लिखने में रुचि दिखाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की भूरि - भूरि प्रशंसा की, इसी के साथ जेल अधीक्षक ने सर्वप्रथम जेल अध्यापक अक्षय प्रताप सिंह उसके बाद अन्य अध्यापकों का आभार प्रकट किया एवं साक्षर हुए बंदियों व उनके सहयोग के प्रति भी आभार व्यक्त किया।
गुरुवार, 8 सितंबर 2022
बदलती जिंदगी पुस्तक का कारागार राज्य मंत्री ने किया विमोचन
Tags
# उत्तर-प्रदेश
# साहित्य
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
साहित्य
Labels:
उत्तर-प्रदेश,
साहित्य
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें