- अपराधियों पर लगाम लगाए सरकार, बिहटा के कंचनपुर में माले नेता सुरेन्द्र पासवान की हत्या निंदनीय.
- माले की उच्चस्तरीय जांच टीम ने किया घटनास्थल का दौरा, अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करे सरकार.
पटना 31 अगस्त, भाकपा-माले फुलवारी विधायक गोपाल रविदास व पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने बिहटा के कंचनपुर में विनय यादव सरपंच गिरोह द्वारा माले नेता सुरेन्द्र पासवान की हत्या व गरीबों पर बर्बर जुल्म ढाए जाने की घटना की जांच के उपरांत कहा है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार को बेलगाम अपराधियों व गिरोहों पर अविलंब लगाम लगाना चाहिए. पटना जिला के बिहटा प्रखंड के कंचनपुर में अपराधियों द्वारा सुरेन्द्र पासवान की हत्या की घटना निंदनीय है. हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में तत्काल संज्ञान लेने और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं. उक्त दोनों विधायकों के साथ 5 सदस्यों की जांच टीम ने आज कंचनपुर गांव का दौरा किया. उनदोनों के अलावा जांच टीम में राज्य कमिटी सदस्य माधुरी गुप्ता, सुरेन्द्र यादव और मुर्तजा अली शामिल थे. टीम जैसे ही गांव में पहुंची सैकड़ो की संख्या में पासवान जाति के महिला-पुरुष व गरीब एकत्रित हो गए और वे घटना के बारे में बताने लगे. ग्रामीणों ने बताया कि विनय यादव (सरपंच) का भाई राइफल यादव ट्रांसफार्मर का मिस्त्री है. इसी की आड़ में वह इलाके के ट्रांसफर का तेल निकाल कर बेचा करता है. ट्रांसफॉर्मर की भी चोरी करता है. विनय यादव पासवान लोगों को अक्सर धमकी देता है कि हमारी बात मानो नहीं तो किसी के भी घर बिजली जलने नहीं दिया जाएगा. जांच पड़ताल हो तो विनय यादव के घर से 10 से अधिक ट्रांसफार्मर अब भी मिल जाएंगे. 26 अगस्त को दलित टोले में बिजली नहीं जल रहा था. पता चला कि ट्रांसफाॅर्मर में तेल ही नहीं है. ग्रामीणों ने सरपंच विनय यादव और उसके गुर्गाें द्वारा बिजली ट्रांसफार्मर से तेल चोरी कर बेच देने का विरोध दर्ज किया. तब विनय यादव सरपंच ने भाकपा-माले नेता सुरेंद्र पासवान की हत्या की धमकी दी गई थी. 29 अगस्त को गांव के ही मुकुल पासवान, पिता पप्पू पासवान, 25 वर्ष, जब मजदूरी करके लौट रहा था तो विनय यादव और उसके गुर्गों ने उन्हें पकड़ लिया और पिटाई शुरू कर दी. जब हल्ला हुआ तो उनके पिता बचाने दौड़े तो उनकी भी पिटाई की गई. मां रूवी देवी को भी पीटा गया. सबकी पिटाई राॅड से की गई, सभी लोग पीएमसीएच में जिंदगी व मौत से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि जब हल्ला हुआ तो सुरेंद्र पासवान भी घर से निकलकर घटनास्थल की ओर दौड़े. उसके बाद सभी अपराधी सुरेंद्र पासवान पर टूट पड़े और राॅड से उनके कंधे व गर्दन पर हमला किया गया, जिसके कारण घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई. आश्चर्यजनक यह है कि यह कार्रवाई पुलिस की मौजूदगी में होती रही और पुलिस बैठकर तमाशा देखती रही. जब ग्रामीण विरोध पर उतर आए तो विनय यादव सरपंच और उस के गुर्गांे ने लगातार फायरिंग कर गरीबों के बीच दहशत पैदा करने की भी कोशिश की. टीम के नेताओं ने हत्याकांड की निंदा करते हुए राज्य सरकार से घटना में तत्काल हस्तक्षेप करते हुए हत्यारे सरपंच विनय यादव व उसके भाई राईफल यादव को तत्काल गिरफ्तार कर कड़ी सजा देने की मांग की है. साथ ही सरपंच विनय यादव की सदस्यता तत्काल रद्द करने व पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपया मुआवजा, घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था और गांव के गरीबों की सुरक्षा की भी मांग की है. इस घटना के खिलाफ पटना जिला में 1 और 2 सितंबर को दो दिवसीय विरोध दिवस मनाया जाएगा.
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