जम्मू-कश्मीर का विकास पहले, अनुच्छेद 370 को बाहर रखें : आजाद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 13 सितंबर 2022

जम्मू-कश्मीर का विकास पहले, अनुच्छेद 370 को बाहर रखें : आजाद

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श्रीनगर 13 सितंबर, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने एजेंडे में प्रदेश के विकास को सबसे पहले रखें और अनुच्छेद 370 की बात को बाहर रखें। कांग्रेस के पूर्व नेता ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “मैं लोगों को अनुच्छेद 370 पर गुमराह नहीं करना चाहता। उच्चतम न्यायालय इसे जरूर बहाल कर सकता है लेकिन मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं इसे शीर्ष न्यायालय से हासिल कर सकता हूं क्योंकि मेरे पास कोई अलादीन का जादुई चिराग नहीं है।” उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त हुए तीन वर्ष से ज्यादा हो गए हैं और इस दौरान कई लोगों ने उच्चतम न्यायालय में इसे चुनौती दी है लेकिन अबतक इसकी सुनवाई नहीं हुई है। कोई दल यह आश्वासन नहीं देगा कि जब वह सत्ता में आएगा तो शीर्ष अदालत को अनुच्छेद 370 बहाल करने या छह महीने में सुनवाई शुरू करने का निर्देश देगा। श्री आजाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ही सर्वोच्च है... संसद और सर्वोच्च न्यायालय दोनों खुले हुए हैं... मैं राजनीतिक दलों से कहता हूं कि वे जम्मू कश्मीर के विकास को पहले रखें और अनुच्छेद 370 की बात को बाहर रखें। उन्होंने कहा, “मैं सभी राजनीतिक दलों का आदर करता हुं चाहे वे क्षेत्रीय हों या राष्ट्रीय। मेरा अपना रास्ता है और मैंने नदी की धारा की तरह अपना रास्ता बनाता हुं और यह लोगों को निर्णय लेने दें कि वे किस नेता को सुनना चाहते हैं। मुझसे यह उम्मीद न रखें कि मैं किसी नेता या पार्टी के खिलाफ बोलूंगा।” श्री आजाद ने कहा, “वोट बैंक के लिए लोगों को बेवकूफ न बनाएं और अनुच्छेद 370 के नाम पर भावुक न करें। हमने पिछले 70 वर्षों से जम्मू-कश्मीर के लोगों के सामने अनेक मुद्दे रखे हैं, लेकिन उनमें से किसी को पूरा नहीं किया है।” उन्होंने अपनी पार्टी की प्राथमिकताओं को दोहराया जिसमें जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करना, जमीन और नौकरियों की सुरक्षा देना शामिल है। श्री आजाद ने कहा,“हम बहुत पहले ही नारेबाजी करके हार चुके हैं, भावनाएं उत्पन्न होती हैं, लोगों का विश्वास बढ़ता है और वे बंदूक उठाते हैं। एक लाख लोग मारे जा चुके हैं और पचास हजार से ज्यादा महिलाएं विधवा हो गई है और 5-6 लाख बच्चे अनाथ हो चुके हैं। मुस्लिम मारे गए, कश्मीरी पंडित मारे गए, जम्मू के हिंदू मारे गए। धर्म के आधार पर कोई भी नारा मत दीजिए।” उन्होंने कहा कि मैंने दिल्ली में ही मन बना लिया था कि लोग ऐसी पार्टी बनाएं जिसे जनता का पूरा समर्थन मिले इसलिए मैंने लोगों को संबोधित करने और उनके प्रतिनिधिमंडलों से बात करने के लिए जम्मू कश्मीर में दो सप्ताह का समय दिया। उन्होंने कहा कि मैंने जम्मू कश्मीर की सभी 43 निर्वाचन क्षेत्रों के लगभग 450 प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की और सभी ने उनका समर्थन किया। श्री आजाद ने कहा, “मैं सोचता हूं कि यह राजनीतिक इतिहास में पहली बार है जब लोग ऐसे व्यक्ति का समर्थन कर रहे हैं जिसकी कोई पार्टी नहीं बनी है। यह पार्टी बनाने से पहले जनमत संग्रह जैसा है।”

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