बिहार : जन सुराज मतलब जनता का राज, न की लालू, नीतीश या मोदी का राज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 13 अक्तूबर 2022

बिहार : जन सुराज मतलब जनता का राज, न की लालू, नीतीश या मोदी का राज

  • जन सुराज पदयात्रा के 12वें दिन पश्चिम चंपारण के बलथर पहुंचे प्रशांत किशोर

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जन सुराज पदयात्रा के 12वें दिन आज प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ पश्चिम चंपारण जिले के मैनाटांड़ प्रखंड स्थित पदयात्रा कैंप से चलकर बेलवा टोला, सिंहपुर, पकुहवा होते हुए बलथर पहुंचे, यहां पदयात्रियों ने रात्रि भोज और विश्राम किया। इस दौरान वे और उनके साथ चल रहे सैकड़ों पदयात्रियों ने लगभग 17 किमी का सफर पैदल चलकर तय किया। आज के दिन की शुरुआत सर्व धर्म प्रार्थना से हुई इसके बाद पदयात्रा आगे बढ़ते हुए बेलवा टोला गांव पहुंची, जहां प्रशांत किशोर सहित सभी पदयात्रियों का स्वागत किया व प्रशांत किशोर ने स्थानीय पंचायती राज व्यवस्था के जनप्रतिनिधियों, महिलाओं, युवाओं के साथ जन सुराज के विचार पर चर्चा की। जहां स्थानीय महिलाओं ने इंदिरा आवास के मकान नहीं मिल पाने की समस्या से प्रशांत किशोर को अवगत करवाया। साथ ही प्रशांत किशोर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अपना घर परिवार छोड़कर निकले हैं, जब तक बिहार के सारे गांव,पंचायत, शहर घूम न लें, जनता से मिलकर उनकी समस्याओं को समझ न लें, तब तक अपने घर वापस नहीं लौटेंगे। 


  • जन सुराज मतलब जनता का राज, न की लालू, नीतीश या मोदी का राज: प्रशांत किशोर

पखुवा पूर्वी के स्थानीय लोगों के साथ जन सुराज विचार पर बात करते हुए प्रशांत किशोर बोले कि जन सुराज मतलब जनता का सुंदर राज न कि लालू, नीतीश या मोदी का राज। उन्होंने आगे कहा कि अगर एक बार मौका मिल गया तो जितना बिहार के लोग बाहर काम कर रहें हैं, उन्हें बिहार में वापस लाकर 15 से 20 हजार  के रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

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