बिहार : पांच हजार अधिकारी और कर्मचारियों की बहाली को उपलब्धि मानते हैं रामसूरत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 18 अक्तूबर 2022

बिहार : पांच हजार अधिकारी और कर्मचारियों की बहाली को उपलब्धि मानते हैं रामसूरत

  • एनडीए सरकार में राजस्‍व और भूमि सुधार मंत्री थे रामसूरत कुमार 

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मुजफ्फरपुर के औराई से भाजपा के विधायक हैं राम सूरत कुमार। 2020 में दूसरी बार विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए और एनडीए सरकार में मंत्री भी बने थे। उनके जिम्‍मे राजस्‍व और भूमि सुधार विभाग था। मंत्री के रूप में अपने कार्यों की चर्चा करते हुए उन्‍होंने कहा कि विभाग में दाखिल खारिज समेत सभी सेवाओं को ऑनलाइन किया गया। प्रखंड मुख्‍यालयों में सभी हल्‍का का दो-दो नक्‍शा रिजर्व में रखना सुनिश्चित किया, ताकि सरकारी अमीन जब जमीन नापी करने जाएं तो नक्‍शा लेकर जाएं। उनके कार्यकाल में 4325 कर्मचारी और 600 राजस्‍व अधिकारी बहाल किये गये, ताकि भूमि संबंधी मामलों का यथाशीघ्र निपटारा किया जा सके। उन्‍होंने कहा कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया। इसके लिए सभी जिलों में अतिरिक्‍त राशि आवंटित की गयी, ताकि अतिक्रमण विरोधी अभियान प्रमुखता से चल सके। उन्‍होंने कहा कि उनके कार्यकाल में 2000 से अधिक जगहों से अतिक्रमण हटाया गया। अपनी राजनीतिक यात्रा को लेकर वीरेंद्र यादव न्‍यूज के साथ बातचीत में उन्‍होंने कहा कि उनके पिता अर्जुन राय जिला स्‍तरीय राजनीति में सक्रिय थे और पंचायत राज व्‍यवस्‍था में मुखिया और प्रमुख बने। राजद के मुजफ्फरपुर जिलाध्‍यक्ष भी रहे थे। रामसूरत राय ने राजनीति में पहला कदम 2006 में रखा, जब उन्‍होंने प्रमुख के चुनाव में अपने उम्‍मीदवार को जीतवाने में सफल रहे थे। 2008 में जदयू में शामिल हुए और 2009 में औराई विधान सभा उपचुनाव में जदयू की ओर से उम्‍मीदवार बने। इस चुनाव में उन्‍हें पराजित होना पड़ा। 2010 के विधान सभा चुनाव में वे भाजपा के उम्‍मीदवार बने और पहली बार निर्वाचित हुए। 2015 में भाजपा के टिकट पर पराजित हो गये, जबकि 2020 में उसी पार्टी से निर्वाचित हुए और राज्‍य सरकार में मंत्री बने। भविष्‍य की राजनीति के संबंध में रामसूरत राय कहते हैं कि केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने का कार्य करते रहेंगे और पार्टी की ओर से दी गयी जिम्‍मेवारी का निर्वाह करते रहेंगे।






--- वीरेंद्र यादव न्‍यूज ---

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