मधुबनी : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना सर्वोच्च प्राथमिकता में रखे : डीएम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 5 नवंबर 2022

मधुबनी : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना सर्वोच्च प्राथमिकता में रखे : डीएम

  •  जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में   शिक्षा विभाग की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक हुई आयोजित। 

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मधुबनी, जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में  समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में  शिक्षा विभाग की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान जिलाधिकारी द्वारा जिले के विद्यालयों में शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति, विद्यालयों में साफ सफाई, पठन पाठन, एमडीएम, लेखा, पेयजल, भौतिक संरचना, पुस्तक, पोशाक छात्रवृति सहित अन्य सभी संबंधित मामलों की समीक्षा की गई। उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसा सुनने में आ रहा है कि शहरी व सुविधापूर्ण वातावरण की चाहत में आवश्यकता से अधिक शिक्षकों का सुविधाजक विद्यालयों में प्रतिनियोजन कर दिया गया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि आपके द्वारा किसी दवाब में आकर आकर किसी शिक्षक अथवा शिक्षिका को उनकी सुविधा के विद्यालय में प्रतिनियोजित करना खेदजनक है। कुछ शिक्षकों की उदासीनता के कारण विद्यालयों में गुणवत्ता का स्तर प्रभावित हो रहा है। गैर शैक्षणिक कारणों से प्रतिनियोजन के संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि उनके स्तर से सभी प्रकार के प्रतिनितोजन को भंग करने का आदेश पत्र पहले ही जारी किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाना हमारी जिम्मेवारी है। इसके लिए सभी प्रखंडों में बारी बारी से पंद्रह की संख्या में अपेक्षाकृत कम उपलब्धि वाले शिक्षक / शिक्षिकाओं का समूह बनाकर बीआरसी भवन में  क्षमता संवर्धन हेतु अल्प दिवसीय  "रिफ्रेशिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम" चलाया जाना चाहिए। इसमें प्रखंड के उच्च प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों से सहयोग लिया जाए। जिलाधिकारी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि स्वयं उनके निरीक्षण के दौरान उन्होंने कक्षा में कम कौशल वाले शिक्षकों को पाया। उन्होंने कहा कि क्षमता संवर्धन की यह प्रक्रिया लगातार चलती रहनी चाहिए ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके। उनके द्वारा जिला स्तरीय पदाधिकारियों और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा विद्यालयों के निरीक्षण के संबंध में व्यापक समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि प्रायः सभी अधिकारी यह प्रतिवेदित कर रहे हैं कि विद्यालयों में सब ठीक चल रहा है, फिर स्वयं उनके अनुश्रवण के दौरान खामियां क्यों दिखती हैं! उन्होंने स्पष्ट किया कि विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान शिक्षकों की उपस्थिति के साथ साथ छात्र छात्राओं की उपस्थिति, एमडीएम, शौचालय की साफ सफाई, पेयजल की अद्यतन स्थिति के साथ साथ कुछ वक्त चल रही कक्षाओं में भी दें। ताकि, कक्षाकक्ष के वातावरण को दुरुस्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में निरीक्षण के दौरान छात्र उपस्थिति की पिछले दस दिनों की स्थिति की समीक्षा की जाए। जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि निरीक्षण से पूर्व और निरीक्षण के दिवस पर छात्र उपस्थिति में अप्रत्याशित अंतर न हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ साथ जिले के प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा भी लगातार विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है। इन निरीक्षण से प्राप्त निरीक्षण प्रतिवेदन पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ताकि, विद्यालयों में बेहतर माहौल तैयार किया जा सके। उन्होंने निरीक्षण की संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि विद्यालय को प्राप्त होने वाले कंपोजिट ग्रांट की राशि को व्यय कर विद्यालय का विकास किया जाए। उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के बारे में भी जानकारी ली और बेहतर कार्यप्रणाली विकसित करने के निर्देश दिए। उनके द्वारा निजी विद्यालयों को ई संबंधन के माध्यम से जोड़ने की प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए कहा गया कि अगली बैठक से पूर्व इस कार्य को अचूक रूप से पूर्ण कर लें। सेवांत लाभ की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों से पूछा कि सेवानिवृति के बाद यदि आपलोगो को सेवांत लाभ के लिए कार्यालय का चक्कर लगाना पड़े तो कैसा लगेगा! उन्होंने निर्देश दिया कि सेवा निवृत्ति से छह माह पूर्व से ही सेवांत लाभ से संबंधित सभी कागजी कार्यवाही शुरू कर दी जाए। ताकि, सेवा निवृत्ति के दिन ही उक्त कर्मी को उनके सारे लाभ दिए जा सकें। उन्होंने बैठक में एमजेसी, सीएमजेसी, एलपीए, मानवाधिकार, लोक सूचना आदि से संबंधित मामलों की भी समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। उक्त बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश कुमार चौधरी, डीपीओ राजेश कुमार मिश्र, लेखा पदाधिकारी, शंभू दास, एडीपीसी, सतीश कुमार, एपीओ हुलास राम, सहायक अभियंता, जय प्रकाश रंजन सहित जिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित थे।

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