बिहार : भारतीय कृषि अनुसंधान परिसर पटना द्वारा उन्नतशील बीजों को वितरण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 18 नवंबर 2022

बिहार : भारतीय कृषि अनुसंधान परिसर पटना द्वारा उन्नतशील बीजों को वितरण

  • कृषि अनुसंधान परिसर पटना द्वारा मनाया गया प्रक्षेत्र दिवस सह जागरूकता दिवस
  • महिला कृषको एवं  युवाओं ने बढ़ चढ़ कर की भागीदारी

Agriculture-awareness-day
पटना, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा दिनांक 18.11.2022 को नौबतपुर प्रखंड के सरिस्ताबाद गाँव के अनुसूचित जाति के किसानों के बीच प्रक्षेत्र दिवस-सह-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें गाँव के 166 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न फसलों की उन्नत  किस्मों के बीज, जैसे गेहूँ (किस्म: एच डी 2733) 1600 कि.ग्रा., मसूर (किस्म: आई पी एल  220) 200 कि.ग्रा., चना (किस्म: पूसा 3043)200 कि.ग्रा. एवं बाकला (किस्म:स्वर्ण सुरक्षा एवं स्वर्ण गौरव) 270  कि.ग्रा.का वितरण सभी किसानों के बीच किया गया | महिला कृषको ने  इस कार्यकर्म  में बढ़ चढ़ कर हिसा लिया | कृषि के प्रति युवाओं की भागीदारी काफी उत्साहवर्धक रही | 

बाकला प्रजनक एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार सिंह  नेकिसानों को गेहूँ, चना,  मसूर एवं बाकला की उन्नत खेती के विभिन तकनीकों से अवगत कराया गया| डॉ. सिंह नेवैज्ञानिक खेती के तौर तरीको को सम्पूर्ण रूप से अपनाने पर जोर दिया जिससे गुणवत्तापूर्ण उपज के साथ अधिक आय की प्राप्ति हो सके। पोषक तत्व प्रबंधन,  जल प्रबंधन एवं फसल प्रबंधन पर विशेष बल दिया जिससे लागत कम और उत्पादन ज्यादाप्राप्त हो सके | परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ.बिकास सरकार (प्रधान वैज्ञानिक) ने उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों के महत्व पर चर्चा की जिससे किसानों की आजीविका में सुधार हो सके। तदुपरांत डॉ. पवन जीत (वैज्ञानिक) ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए जल प्रबंधन के तकनीकों की बारे में जानकारी दी एवंअंत में  डॉ. गोविंद मकराना (वैज्ञानिक) ने किसानों से खेती में फसलों की उन्नत किस्मों के महत्व पर चर्चा की एवं उन्नत किस्मों को खेती में अपनाने का आग्रह किया।


ज्ञात हो कि इस कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जातीय उप-योजना (एस.सी.एस.पी.) के तहत किया गया था | अनुसूचित जातीय उप-योजना (एस.सी.एस.पी.) के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता अनुसूचित जातीय उप-योजना (एस.सी.एस.पी.) के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता स्कीम एक केन्द्रीय स्कीम है जिसके तहत राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को उनकी अनुसूचित जातीय उप-योजना (एस.सी.एस.पी.) के अतिरिक्त 100 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आजीविका में सुधार एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाली अनुसूचित जातियों को संसाधन प्रदान करके इनके आर्थिक विकास की परिवार केन्द्रित योजनाओं पर विशेष ध्यान देना है, ताकि इस भारत सरकार की इस महत्त्वाकांक्षी योजना को अधिक सार्थक बनाया जा सके।

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