- -टाटा मेमोरियल मुंबई की इकाई जिले में कैंसर मरीजों का कर रहा इलाज
- - सीफार, मारवाड़ी युवा मंच व महिला विकास मंच के सहयोग से कैंप का हुआ आयोजन
टाटा मेमोरियल मुंबई की इकाई जिले में कैंसर रोगियों की कर रही है स्क्रीनिंग :
मुजफ्फरपुर से आए चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सैयद अन्नी एजाज ने बताया जिले में टाटा मेमोरियल मुंबई की इकाई कैंसर रोगियों की स्क्रीनिंग कर रही है, जिसकी मुख्य इकाई मुजफ्फरपुर में है। होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुज्जफरपुर टाटा स्मारक केंद्र, मुंबई की इकाई है जो परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा अनूदित है। यह टाटा मेमोरियल की सबसे नई इकाई है जिसकी शुरुआत 4 फरवरी 2021 को की गई थी। इतने कम समय में ही होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल और अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर ने बिहार में कैंसर के इलाज के साथ रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर में सर्जिकल ओंको, गायनिक ओंको, मेडिकल ओंको, ब्रेस्ट ओंको और हेड एन नेक ओंको की सुविधाएं हैं। होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ रविकांत सिंह के अनुसार उत्तर बिहार के लोगों को कैंसर के इलाज के लिए पहले अन्यत्र जगहों पर पलायन करना पड़ता था। इसमें कई ऐसे लोग होते हैं, जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होते। उनके लिए टाटा स्मारक केंद्र ने मुजफ्फरपुर में अपनी इकाई खोली है, ताकि सब्सिडी रेट में उनका इलाज सम्भव हो सके। इसके लिए अस्पताल, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी योजना के लाभ प्रदान कराने में भी मदद करती है।
शरीर का कोई भी भाग हो सकता है कैंसर का शिकार :
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि शरीर का कोई भी भाग कैंसर का शिकार हो सकता है। सामान्यतः लोग मुँह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर या महिला वर्ग में स्तन कैंसर के शिकार हो जाते हैं। शरीर के किसी भी अंग में सूजन का होना, गांठ या कड़ापन पाया जाना, तिल/मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन, शरीर के किसी घाव का न भरना, लगातार बुखार और वजन में कमी होना, मूत्र विसर्जन में कठिनाई होना या उस दौरान रक्त निकलना, 03 सप्ताह के अधिक खांसी होना या आवाज में परिवर्तन आना, मुँह में अधिक समय तक छाला या पैच का होना जो ठीक नहीं हो रहा हो, 4-6 सप्ताह या उससे ज्यादा समय तक पतला दस्त का होना, महिलाओं में स्तन के आकार में परिवर्तन या रक्त का रिसाव, रजोनिवृत्ति के बाद भी रक्तस्राव का होना इत्यादि कैंसर के सामान्य लक्षण हैं। अगर किसी व्यक्ति को शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवानी चाहिए। समय पर कैंसर की पहचान होने से इसका इलाज आसानी से सम्भव है। इस मौके पर डॉ.सैयद अन्नी एज़ाज़, डॉ. सरिता कलिता, डॉ. रश्मि वर्मा, डॉ. मांडवी सिंह, एफएलसी एनसीडी सेल लक्ष्मीकांत झा, समाजसेवी नवीन मुरारका,सीफार के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक अमन कुमार, एएनएम सरिता राजभर, अनामिका कुमारी, डाटा एंट्री ऑपरेटर गौतम कुमार झा, अमर जीत गौरव, वरुण कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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