बिहार : दिव्यांग आदित्य शर्मा ने पहली बार रक्तदान कर बचाई जान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 22 दिसंबर 2022

बिहार : दिव्यांग आदित्य शर्मा ने पहली बार रक्तदान कर बचाई जान

Handicap-donate-blood-patna
पटना: अगर हौसलों में दम हो और मन में परोपकार का भाव तो शारीरिक अक्षमता भी आपके रास्ते नहीं आ सकती। कुछ ऐसा ही जज्बा मोहम्मदपुर, जानीपुर (पटना) निवासी आदित्य शर्मा में नजर आया। सड़क दुर्घटना की वजह से अपना एक पैर गंवाने वाले दिव्यांग आदित्य शर्मा को जब "प्रबोध जन सेवा संस्थान" के मुख्य सहयोगी ग्राम अब्बूपुर लोदीपुर (पटना) निवासी रक्तवीर पिंटू शर्मा जी के द्वारा यह बताया गया की हमारे टीम में  नौबतपुर   निवासी रक्तवीर कुंदन सिंह जी के द्वारा दुल्हिन बाजार, पालीगंज (पटना) निवासी लालसा देवी का केस आया है। जो एम्स, पटना में इलाजरत है जिन्हें तत्काल रक्त की जरूरत है। जैसे ही यह जानकारी रक्तदाता आदित्य शर्मा को ज्ञात हुआ उन्होंने तत्काल रक्तदान करने की इच्छा जाहिर करते हुए एम्स, पटना पहुंच गए। रक्तदान उपरांत उन्होंने कहा- रक्तदान-जीवनदान है। अपना खून देकर किसी की जिंदगी बचाने से बड़ा पुण्य का काम कोई दूसरा नहीं। इंसान ने कई तरह के कृत्रिम अंग तो बना लिए, लेकिन खून को लैब में आज तक नहीं बनाया जा सका। इसकी जरूरत के लिए इंसान आज भी स्वैच्छिक डोनर पर ही निर्भर है।

कोई टिप्पणी नहीं: