प्र- डॉ. राहुल गुप्ता जी ,हमें स्पाइन समस्या ना हो इसके लिए क्या सावधानी या किन किन चीज़ो का ध्यान रखना जरूरी है ?
उ- हम कैसे चलते हैं ? कैसे उठते बैठते हैं ये ये सब अर्गोनोमिक्स में कवर होता है। अपने आफिस स्पेस में, गाड़ी चलाने और स्कूटर चलाने तक यहां तक कि आपकी कुर्सी और सामने रखे कंप्यूटर की ऊंचाई भी आपके लिए सही पोस्चर तय करते हैं। ये सभी कार्य हमें ऐसे करने चाहिए जिससे कि हड्डी और मांसपेशियों में तनाव ना हो। अधिक से अधिक शारीरिक कार्य करने चाहिए और आपकी चाल ढाल में सही पोस्चर का होना बेहद जरूरी है। कई बार लोग अपने कार्य में इतने खो जाते हैं कि उनको अपने हाथ पैरों और गर्दन के सही पोस्चर का ध्यान ही नहीं रहता है। और नतीजा क्रोनिक पेन में बदल जाता है। अधिक बीड़ी सिगरेट और एल्कोहल के सेवन से भी बचना चाहिए। फास्ट फूड की जगह प्रोटीन फाइबर युक्त सादा और संतुलित आहार लें। जिससे कि हमारे शरीर, हड्डियों, जोड़ों और दूसरे हार्मोन्स के पोषण के लिए जरूरी है। साथ ही साथ आजकल हमारा बाहर निकलना कम हो गया है जिससे हमें धूप के अभाव में विटामिन डी नहीं मिल पाती जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। इसके अलावा स्ट्रेस रहित जीवन और आठ घंटे की अच्छी नींद हमें इस समस्या से दूर रखने में मदद करेगी।
प्र- डॉ. साहब क्या पीठ में लगातार दर्द बने रहना भी किसी गंभीर बीमारी का लक्षण है
उ- देखिये यदि आप किसी ऊंचाई से गिर जाते है,ओर आपको लगातार दर्द हो तो ऐसी स्थिति में हो सकता है की आपकी स्पाइन में चोट आई हो ऐसी अवस्था में देर किये बिना बिना तुरंत डॉ से परामर्श लें क्योंकि ज्यादा समय से पीठ में दर्द रहना भी स्पाइनल ट्यूमर क्लोसिस का कारण बन सकता है | यदि ऐसा ज्ञात होता है तो बहुत जल्दी इलाज की प्रक्रिया शुरू करा कर टाइम से दवाई डॉक्टर के कहे अनुसार लेनी चाहिए
प्र- डॉ. राहुल यह बीमारी कितनी गंभीर है और इसका निवारण क्या है ?
उ- देखिए इस समस्या का कोई अंदरुनी कारण नहीं है, क्रोनिक निकपेन, क्रोनिक पेन बहुत कॉमन है, हमारी हड्डियां ठीक है हमारी मसल्स सही हैं, हमारे लिगामेंट ठीक हैं, हमारी डिस्क ठीक है पर उनका आपस में तालमेल ख़राब हो गया है जिसकी वजह से हमें दर्द हो रहा है। फिर भी दो से तीन परसेंट मामलों में ऐसा हो सकता है कि कोई डिस्क की समस्या हो, कोई स्पाइन या ट्यूमर क्लोजिज हो या क्रोनिक बैक पेन के कारण या कोई अन्य कारण भी हो सकता है तो अपने फैमिली डॉक्टर से या स्पाइन विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लेना चाहिए। फिजियोथेरेपी करानी ज़रुरी है या कभी -कभी सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। अपने स्पाइन कों सही रखने के लिए नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें |
प्र- डॉ. राहुल वास्तविक स्पाइन समस्या को जानने के लिए कौन कौन से एग्जामिनेशन जरूरी होते हैं ?
उ- हां इसके लिए कुछ एग्जामिनेशन करने की जरूरत पड़ती है,जिनमें सबसे आसान है एक्स-रे, लेकिन एक्स-रे में कई बार बहुत कम जानकारी ही मिल पाती है।लेकिन एमआरआई स्कैन से हमें स्पाइन की काफी जानकारी मिल जाती है। डिस्क, मसल्स, बोन, लिगामेंट्स,नब्ज, सहित और भी कई बीमारियों के बारे में बताता है। इससे हमें पता चलता है कि हमारा स्पाइन स्वस्थ है कि नहीं ? उसके अलावा कभी जरुरी हो तो सीटी स्कैन या कुछ खून के टेस्ट जैसे कैल्शियम लेवल है लिवर व किडनी फंक्शन के बारे में पता चलता है। ये सभी टेस्ट महत्वपूर्ण है ये जानने के लिए कि हमारा शरीर किस प्रकार काम कर रहा है। अगर यह सारे टेस्ट सही आते हैं तो फिर आपको सही जीवन शैली बनाने की आवश्यकता है। ऐसा बहुत कम होता है जब आपको सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
प्र- डॉ साहब अगर सर्जरी की जरूरत पड़ जाए तो पेशेंट को कैसे डाक्टर या सर्जन से ट्रीटमेंट लेना चाहिए ?
उ- सबसे पहली बात वह अनुभवी डाक्टर हो और इस तरह के मामलों का विशेषज्ञ हो। अधिकांश स्पाइन सर्जरी न्यूरोसर्जन के द्वारा सफल साबित हुई है | क्योंकि सर्जन ऑपरेटिंग माइक्रोस्कॉपी, न्यूरो नेवीगेशन,न्यूरो मॉनिटरिंग तकनीक से लैस उपकरणों द्वारा होती है। जिसके रिजल्ट बहुत अच्छे हैं। जिस अस्पताल में ये सब सुविधाएं उपलब्ध हों उसी को प्राथमिकता देनी चाहिए।लेकिन में एक बार फिर यही सलाह दूंगा की आप व्यायाम अवश्य करें संतुलित भोजन करें फ़ास्ट फ़ूड जंक फ़ूड से बचे अपने शरीर से प्यार करें मॉर्निंग में जल्दी उठे ओर रात कों एक अच्छी नींद लें इन सभी क्रियाकलाप से हम काफी हद तक अपने शरीर कों निरोगी रख सकते है, में पाठको से कहना चाहूंगा की फिर भी यदि आप कुछ सलाह लेना चाहे तो आप निःसंकोच मुझे भी संपर्क कर सकते है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें