बता दें कि 23 अगस्त को गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह ने टेलीविजन चैनल NDTV लिमिटेड में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी को खरीद लिया था. उसके बाद अडानी समूह ने कंपनी में और 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश शुरू की. जिससे कि वह टेलीविजन चैनल NDTV के मैनेजमेंट पर पूरी तरह से अधिकार कर सके. इसके लिए अडानी समूह ने सेबी के नियमों के हिसाब से एक खुली पेशकश शुरू की है. 22 नवंबर को अडानी ग्रुप ने अपना ओपन ऑफर लॉन्च किया, जो 5 दिसंबर, 2022 तक खुला रहेगा. इस बीच NDTV पर अडानी समूह के अधिकार को रोकने के लिए प्रणव रॉय एक काउंटर ऑफर शुरू कर सकते थे. लेकिन इसके लिए बहुत ही बड़ी रकम की जरूरत होती. जिसका बंदोबस्त करना शायद प्रणव रॉय के लिए कठिन काम होता.मंगलवार को चैनल के संस्थापक और प्रमोटर प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (आरआरपीआरएच) के बोर्ड में निदेशक के रूप में इस्तीफा दे दिया था.
उसके बाद वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार (Ravish Kumar Resigns) ने बुधवार 30 नवंबर को एनडीटीवी (NDTV) से इस्तीफा दे दिया. चैनल के भीतर एक इंटरनल मेल के माध्यम से एक घोषणा में, NDTV ने कहा कि रविश कुमार का इस्तीफा तुरंत प्रभावी हो गया है.इस तरह स्वतंत्र विचार प्रस्तुत करने वाले व सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की कीमत, पुण्य प्रसून बाजपेई, अजीत अंजुम, अभिशार शर्मा, विनोद कापड़ी, साक्षी जोशी इत्यादि तमाम ऐसे नाम हैं जिनमें अब रवीश कुमार का नाम भी जुड़ गया है.बताते चले कि पुण्य प्रसून बाजपेई
मुजफ्फरपुर, बिहार के रहने वाले हैं.अजीत अंजुम भी बेगूसराय, बिहार के ही रहने वाले है.उन दोनों की तरह ही रवीश कुमार बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोतीहारी के एक छोटे से गांव जितवारपुर के रहवासी हैं. रवीश कुमार ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते है इनका पूरा नाम रवीश कुमार पाण्डेय है. उन्होंने लोयोला हाई स्कूल, पटना, से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की, और फिर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वह दिल्ली आ गये. दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया.
मोतीहारी के एक छोटे से गांव जितवारपुर के रहवासी रवीश कुमार ने एनडीटीवी इंडिया में वर्ष 1996 से कार्य शुरू किया.इस्तीफा देने के समय एनडीटीवी इंडिया में वरिष्ठ कार्यकारी संपादक थे.उनका प्रसिद्ध शो (Famous Shows)एनडीटीवी इंडिया पर रवीश की रिपोर्ट,एनडीटीवी इंडिया पर हम लोग और एनडीटीवी इंडिया पर प्राइम टाइम था.इस बीच वर्ष 2010 में रवीश कुमार को गणेश शंकर छात्र पुरस्कार राष्ट्रपति के द्वारा मिला.वर्ष 2013 और वर्ष 2017 में पत्रकारिता के क्षेत्र में रामनाथ गोयनका पुरस्कार मिला.
वर्ष 2014 में भारतीय टेलीविजन द्वारा सर्वश्रेष्ठ टीवी एंकर का पुरस्कार मिला. वर्ष 2016 में इंडियन एक्सप्रेस द्वारा रवीश कुमार को 100 सबसे प्रभावशाली भारतीयों की सूची में शामिल किया था.पत्रकारिता में रवीश कुमार को गौरी लंकेश का पुरस्कार मिला.रवीश कुमार को मुबंई प्रेस क्लब की तरफ से जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर का अवार्ड मिला चुका है.कुलदीप नायर पुरस्कार - 2017- पत्रकारिता क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए मिला.
रेमन मैगसेसे पुरस्कार - अगस्त २०१९ - पत्रकारिता क्षेत्र में यह कहकर उनको सम्मानित किया गया कि उन्होंने गरीबों की आवाज सार्वजनिक मंच पर उठाई.पत्रिकारिता की वजह से रवीश कुमार को कई पुरस्कार मिल चुके है.साल 2019 में रेमन मैग्ससे अवार्ड मिलने के बाद रवीश कुमार ने कहा कि था "सभी लड़ाई जीत के लिए नहीं लड़ी जाती - कुछ दुनिया को यह बताने के लिए लड़ी जाती हैं कि युद्ध के मैदान में कोई था." ट्विटर पर रवीश के इस्तीफे के बाद उनका यह क्वोट जमकर ट्वीट किया जा रहा है.
रवीश ने कुल पांच पुस्तकें लिखी हैं:
इश्क में शहर होना
देखते रहिये
रवीशपन्ती
द फ्री वॉइस: ऑन डेमोक्रेसी, कल्चर एंड द नेशन
बोलना ही है : लोकतंत्र, संस्कृति और राष्ट्र के बारे में भारतीय पत्रकारिता में जाने-माने पत्रकार रवीश कुमार एक साधारण परिवार से सम्बन्ध रखते है
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