भोपाल, कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा के निर्देशानुसार युवा नीति निर्माण हेतु विद्यार्थियों में जागरुकता उत्पन्न करने और उनके विचार जानने तथा सुझाव आमंत्रित करने के उदेश्य से महाविद्यालय के सभाकक्ष में प्राचार्य डॉ ओ एन चौबे की अध्यक्षता में एवं प्राध्यापकों की उपस्थिति में नियमित विद्यार्थियों की प्रभावकारी संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें व्यापक विमर्श के उपरांत अनेक सुझाव प्राप्त हुए।युवा नीति का प्रमुख आधार रोजगारोन्मुखी शिक्षा होना आवश्यक है। विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात में आवश्यक सुधार अपेक्षित है। कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या 40 से अधिक न रखी जाए ताकि शिक्षण व्यवस्था, प्रयोगशाला कार्य विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान और उनके लेखन कार्य का मूल्यांकन भलिभांति सम्पन्न हो सके। विद्यार्थियों की अभिभाषण क्षमता में वृद्धि के लिए नियमित कार्यक्रमों की योजनाएं बनाकर क्रियान्वित की जाएं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पृथक से ठोस योजना प्रस्तुत किया जाना प्रस्तावित है। शैक्षणिक गुणवत्ता में उन्नयन के लिए विशेष प्रयत्न किए जाएं। प्राचार्य डॉ ओ एन चौबे ने विद्यार्थियो के सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि आप सभी के सहयोग से शासन नीति निर्धारण की ओर अग्रसर है। डॉ. अमिता जोशी ने विद्यार्थियो को अपने वक्तव्य में प्रेरित करते हुए कहा कि स्वयं को पहचाने, प्रतिभा को निखारें और प्रभावी ढंग से बात रखना सीखें । संचालन डॉ. हंसा व्यास ने और आभार प्रदर्शन डॉ. कल्पना विश्वास ने किया। संगोष्ठी में डॉ. इरा वर्मा, डॉ. जयश्री नंदनवर, डॉ. कल्पना विश्वास, डॉ. एस. के. दिवाकर, प्रो. शिवाकांत मौर्य, प्रो. राजदीप भदौरिया सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
बुधवार, 28 दिसंबर 2022
मध्य प्रदेश : युवा नीति निर्माण पर आयोजित संगोष्ठी में छात्रों ने दिए सुझाव
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