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सोमवार, 5 दिसंबर 2022

भारतीय डिजिटल करेंसी के बारे में सब कुछ जो आप जानना चाहते है !

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रिजर्व बैंक ने देश मे डिजिटल करेंसी लॉन्च कर दी है जिसका देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा प्रभाव होगा डिजिटल रुपया मौजूदा करेंसी का डिजिटल रूप है जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है. इसकी वैल्यू मौजूदा करेंसी नोट या सिक्कों के बराबर ही है. इससे नोट कटने-फटने या फिर नकली होने जैसे झंझटों से झुटकारा मिलेगा और आरबीआई का इन्हें छापने पर होने वाला खर्च भी घटेगा. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपया रिटेल यूज (Digital Rupee For Retail) के लिए गुरुवार से शुरू हो गया. यानी आम लोग अब इसके जरिए रोजमर्रा की खरीदारी भी कर सकते हैं. हालांकि, अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश के चार चुनिंदा लोकेशंस पर ही शुरू किया गया है. इसके डिस्ट्रीब्यूशन और इस्तेमाल की पूरी प्रक्रिया की टेस्टिंग की जाएगी. जिसके बाद इसे अन्य शहरों के लिए जारी किया जाएगा. 


दिल्ली-मुंबई समेत यहां पहला ट्रायल

नवंबर में होलसेल ट्रांजैक्शंस में Digital Rupee का पायलट लॉन्च करने के बाद, बीते 29 नवंबर मंगलवार को ही रिजर्व बैंक ने साल के आखिरी महीने की पहली तारीख यानी 1 दिसंबर 2022 से रिटेल इस्तेमाल के लिए शुरू करने का ऐलान किया था. e₹-R के पायलट लॉन्च फिलहाल दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में शुरू किया गया है. इसके साथ ही अभी इस ट्रॉयल में महज चार बैंकों को ही शामिल किया गया है. अब आगे किन शहरों में इसे शुरू करने की तैयारी है और कौन-कौन से बैंकों को RBI ने इस प्रोसेस में शामिल किया है? 


1.71 करोड़ के E-Rupee जारी

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रिपोर्ट के मुताबिक, रिटेल के लिए पायलट लॉन्च के पहले दिन चारों शहरों में बैंकों की ओर से करीब 1.71 करोड़ रुपये के Digital Rupee की मांग की गई थी. इस मांग के मुताबिक, रिजर्व बैंक की ओर से इसे जारी किया गया था. होलसेल पायलट लॉन्च के दौरान भी इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी. लेकिन लोगों के जेहन में इस ई-रुपया को लेकर कई तरह के सवाल अभी भी हैं, जिनका उत्तर हम आसान शब्दों में दे रहे हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही सभी सवालों के जबाव...


सवाल- पहला ट्रायल कहां-कहां हो रहा है?

उत्तर- मुंबई (Mumbai), नई दिल्ली (New Delhi), बेंगलुरु (Bengaluru) और भुवनेश्वर (Bhubaneswar)


सवाल- पहले चरण में कितने बैंक शामिल?

उत्तर- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रिटेल यूज के लिए पहले ट्रायल में चार बैंकों को शामिल किया है.


सवाल- ये चार बैंक कौन-कौन से हैं?

उत्तर- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), यस बैंक (YES Bank) और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank).


सवाल- आगे और किन शहरों शुरू होगा?

उत्तर-  अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला समेत अन्य बड़े शहरों को कवर करेगा.


सवाल- इन चार बैंकों के अलावा और कौन बैंक शामिल होंगे?

उत्तर- बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक बाद में पायलट में शामिल होंगे.


सवाल- क्या e₹-R करेंसी नोट की तरह है?

उत्तर- आरबीआई का Digital Rupee मौजूदा करेंसी नोट का डिजिटल स्वरूप है और इसे करेंसी में कन्वर्ट करा सकते हैं. 


सवाल- क्या इसके जरिए दुकान से राशन खरीद सकते हैं?

उत्तर- हां, वॉलेट का इस्तेमाल कर QR कोड के जरिए दाल, चावल, आटा समेत सभी तरह के राशन के लिए दुकानदार को पेमेंट किया जा सकता है. 


सवाल- क्या Digital Rupee लीगल टेंडर है?

उत्तर- हां, ई-रुपया लीगल टेंडर है और ये पूरी तरह से भारतीय रिजर्व बैंक के नियंत्रण में है. ये एक डिजिटल टोकन होगा.


सवाल- क्या Digital Rupee मौजूदा करेंसी को रिप्लेस करेगा?

उत्तर- नहीं, मौजूदा करेंसी नोट ऐसे ही इस्तेमाल होंगे. आरबीआई ने ये अतिरिक्त विकल्प लोगों को दिया है. 


सवाल- Digital Rupee का डिस्ट्रीब्यूशन कैसे होगा?

उत्तर- आरबीआई के मुताबिक, ई-रुपया का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के जरिए होगा. डिजिटिल वॉलेट के माध्यम से व्यक्ति-से-व्यक्ति या व्यक्ति-से-मर्चेंट के बीच लेनदेन किया जा सकता है. 


सवाल- E-Rupee से सरकार को क्या फायदा?

उत्तर- सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि सरकार की करेंसी नोट छापने की लागत में कमी आएगी. इसमें छपाई का झंझट नहीं है यानी सरकार का खर्च कम होगा. इसके चोरी होने का खतरा भी नहीं है


सवाल- नोट छापने में कितनी लागत आती है?

उत्तर- अभी भारत में 100 रुपये का एक नोट प्रिंट करने में अनुमानिक 10-18 रुपये खर्च आता है. वित्त वर्ष 2021-22 में RBI ने 4.19 लाख अतिरिक्त नोट छापे थे, जिनकी कीमत हजारों करोड़ थी, जबकि डिजिटल करेंसी की लागत बेहद कम है.


सवाल- सरकार को और क्या फायदा होगा?

उत्तर- खर्च घटने का साथ ही हर छोटा-बड़ा ट्रांजैक्शन सरकार की निगरानी में रहेगा. इसके जरिए नकली नोटों की समस्या खत्म करने में मदद मिलेगा और टेरर फंडिग या ब्लैक मनी रोकने में ये मददगार हो सकता है. 


E-Rupee के ये भी बड़े फायदे

डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मददगार. लोगों को जेब में कैश लेकर की जरूरत नहीं रहेगी. मोबाइल वॉलेट की तरह ही इससे पेमेंट करने की सुविधा होगी. डिजिटल रुपया को बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट कर सकेंगे.  विदेशों में पैसे भेजने की लागत में कमी आएगी. ई- रुपया बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करेगा. ई-रूपी की वैल्यू भी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी.

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