चिरैया, पूर्वी चंपारण, प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण के चिरैया प्रखंड के मधुबनी गांव में गाँधी आश्रम पहुंच महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने वहां हथकरघे का काम कर रहे लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया। मजदूरों ने उन्हें बताया कि रेशम का धागा जो असम से लाते हैं वो पहले यहां के मजदूर खुद बनाया करते थे। गांव के लोग खेती कर बाजार में बेचा करते थे, जिससे उनकी आमदनी में मुनाफा अधिक होता था, पर अब स्थिति बदल गई है। आगे मजदूरों ने प्रशांत किशोर को बताया कि सब काम धंधा बंद होने के कगार पर है, 2 मीटर कपड़ा बुनने में डेढ़ घंटे का समय मजदूर लेते हैं और आरा, बक्सर जैसे दूसरे जिलों में बेचते हैं। उन्होंने बताया कि 1 मीटर रेशम के कपड़े की कीमत 450 रुपए हो गई हैं। पहले हज़ारों लोग हथकरघे के काम में लगे थे पर अब 50 भी नहीं बचे हैं, लोग ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनकी मेहनताना काम के हिसाब से नहीं मिलती।
बुधवार, 7 दिसंबर 2022
बिहार : गांधी आश्रम पहुंच हथकरघे का काम कर रहे लोगों की पीड़ा सुनी पीके ने
Tags
# बिहार
# बिहार चुनाव
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार चुनाव
Labels:
बिहार,
बिहार चुनाव
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
संपादकीय (खबर/विज्ञप्ति ईमेल : editor@liveaaryaavart या वॉट्सएप : 9899730304 पर भेजें)

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें