अब तक कुल 691 बच्चों को गोद लिया जा चुका है, लंबित मामलों की संख्या 617 - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 20 दिसंबर 2022

अब तक कुल 691 बच्चों को गोद लिया जा चुका है, लंबित मामलों की संख्या 617

  • 2745 आरआई, 13 एनआरआई, 15 ओसीआई, 38 विदेशी व हिंदू दत्तक ग्रहण और रखरखाव अधिनियम के तहत 5 मामले नए मॉड्यूल पर पंजीकृत किए गए

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नई दिल्ली, सितंबर, 2022 में दत्तक ग्रहण विनियमों की अधिसूचना के तत्काल बाद यानी पिछले दो महीनों के दौरान पूरे देश के जिलाधिकारियों की ओर से बच्चों को गोद लेने के कई आदेश जारी किए गए हैं। इस अधिसूचना जारी होने के बाद अब तक कुल 691 बच्चों को गोद लिया जा चुका है। जब इस अधिसूचना को जारी किया गया था, उस समय गोद लेने के 905 आदेश लंबित थे। अब इन लंबित मामलों की संख्या घटकर 617 रह गई है। अब भावी दत्तक माता-पिता (पीएपी) अपने गृह राज्य/क्षेत्र का विकल्प चुन सकते हैं। वहीं, यह सुनिश्चित करना अनिवार्य किया गया है कि बच्चा और परिवार एक ही सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश से संबंधित होने के साथ आपस में अच्छी तरह समायोजित हों। इस मॉड्यूल को 10 नवंबर, 2022 से शुरू किया गया था। इसके बाद नए मॉड्यूल पर 2745 आरआई, 13 एनआरआई, भारत के 15 विदेशी कार्डधारक नागरिक (ओसीआई), 38 विदेशी व हिंदू दत्तक ग्रहण और रखरखाव अधिनियम (एचएएमए) के तहत 5 मामले दर्ज किए गए हैं। देश में बच्चों को गोद लेने को बढ़ावा देने के लिए दत्तक ग्रहण विनियम- 2022 में एक नया प्रावधान अनिवार्य किया गया है। इसके तहत उन बच्चों को जो अपने निश्चित संप्रेषण (रेफरल) चक्र के भीतर परिवारों को नहीं ढूंढ पाए हैं, अब उनकी वरिष्ठता के बावजूद उन्हें आरआई, एनआरआई, ओसीआई और पीएपी गोद ले सकते हैं। भावी दत्तक माता-पिता (पीएपी) ने इस कदम का काफी स्वागत किया है। इस प्रावधान के तहत 14 नवंबर, 2022 को पहले रेफरल को संचालित किया गया और अब तक 47 बच्चों को आरक्षित किया जा चुका है। ऐसा न होने पर इन बच्चों को विदेशी पीएपी के लिए भेज दिया जाता। एचएएमए मॉड्यूल को 10.11.2022 से संचालित किया गया है। यह मॉड्यूल उन पीएपी को पंजीकरण की सुविधा प्रदान कर रहा है, जिन्होंने एचएएमए के तहत बच्चे को गोद लिया है और जो बच्चे को विदेश में स्थानांतरित करना चाहते हैं। इस तरह के पांच मामलों का पंजीकरण किया जा चुका है। दत्तक ग्रहण आदेश ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से जारी किए जा रहे हैं। इस मॉड्यूल पर देश के सभी जिलाधिकारी पंजीकृत हैं। इससे दत्तक ग्रहण आदेश जारी करने की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो गई है। इसके अलावा ऑनलाइन व्यवस्था के जरिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति का सत्यापन भी शुरू कर दिया गया है। अब तक इस मॉड्यूल पर 338 सीएमओ को पंजीकृत किया जा चुका है। केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए), बाल कल्याण समितियों के स्तर पर लंबित मामलों को कम करने की दिशा में सक्रिय प्रयास कर रहा है, जिससे वे जेजे अधिनियम के अनुरूप बच्चों की वैधानिक स्थिति को शीघ्रता से घोषित कर सकें। सीएआरए हेल्प डेस्क के हस्तक्षेप से 23-09-2022 को विनियमों की अधिसूचना के बाद लंबित सीडब्ल्यूसी को घटाकर 812 (चार महीने से अधिक) कर दिया गया है। इन नियमों की अधिसूचना की तारीख से लेकर 19-12-2022 तक 503 वैधानिक रूप से दत्तक ग्रहण के लिए नि: शुल्क (एलएफए) प्रमाण पत्र अपलोड किए गए हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय 23 सितंबर, 2022 को जारी दत्तक ग्रहण विनियम-2022 में परिकल्पित गोद लेने की प्रक्रिया के माध्यम से बच्चों के स्थायी पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। जेजे नियमों को 1 सितंबर, 2022 को अधिसूचित किया गया था। जेजे नियम- 2022 के तहत जिलाधिकारी को गोद लेने के संबंध में आदेश जारी करने का अधिकार दिया गया है। इससे पहले इस शक्ति का उपयोग न्यायपालिका करती थी।

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