मिर्ज़ापुर दोबाही, शिवहर। जन सुराज पदयात्रा के दौरान मिर्ज़ापुर दोबाही में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार एक समय में ज्ञान की भूमि रही है, इस धरती पर देवताओं को भी पढ़ने आना पड़ा, उन्हें भी ज्ञान की प्राप्ति इसी धरती से हुई है और आज नेताओं और व्यवस्था ने बिहार को मजदूर बनाने का फैक्ट्री बना कर छोड़ दिया है। दूसरे राज्यों में बिहारी शब्द को बस गाली बना कर छोड़ दिया गया है। बिहारी का मतलब अनपढ़-बेवकूफ बोला जा रहा है, लेकिन जनता और नेता दोनों सो रहे हैं। उन्हें इस बात से कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा। बिहार के युवा आज के इस आधुनिक जमाने में झोपड़ियों में अपनी जिंदगी काट रहे हैं। आज के इस समय में भी वो जानवरों जैसी जीवन बिता रहे हैं। इसके बावजूद लोग जाति-धर्म, भारत-पाकिस्तान-चाइना से बाहर निकल कर अपने बारे में सोच नही पाते।
बुधवार, 21 दिसंबर 2022
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बिहार : बिहारी शब्द गाली बन गया, नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ता: प्रशांत किशोर
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