बिहार : 'मिलकर बनाओ और मिलकर चलाओ' वाली सरकार बननी चाहिए - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 6 दिसंबर 2022

बिहार : 'मिलकर बनाओ और मिलकर चलाओ' वाली सरकार बननी चाहिए

  • जन सुराज पदयात्रा का 66वां दिन, पूर्वी चंपारण के चिरैया में प्रशांत किशोर

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चिरैया, पूर्वी चंपारण, 06 दिसंबर, जन सुराज पदयात्रा के 66वें दिन प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ चिरैया प्रखंड के मीरपुर से चलकर, चिरैया नगर पंचायत, रामपुर दक्षिण, मिश्रौलिया, खड़तरी पूर्वी, खड़तरी पश्चिमी, सेमरा, राघोपुर होते हुए वापस लौटकर मीरपुर के ही महादेव शाह हाई स्कूल में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचेंगे। प्रशांत अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 700 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और पूर्वी चंपारण में अबतक डेढ़ 100 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इस दौरान जमीन पर हुए अनुभवों और समस्यायों पर बात करते हुए उन्होंने शिक्षा, कृषि, स्वास्थ जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रख रहे हैं और लोगों की समस्यायों को भी सुन कर उसका संकलन करते जा रहे हैं।


पार्टियां नहीं गांव के लोग तय करेंगे आपका विधायक

प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण के खड़तरी पूर्व पंचायत के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के हर गांव के स्तर पर निर्णय होने चाहिए। अब तक कोई भी पार्टियां गांव में किसी एक भी व्यक्ति से यह पूछने नहीं आई कि विधायक कौन होगा? क्योंकि अन्य पार्टियों ने आपके पास कोई विकल्प ही नहीं छोड़ा है। इसलिए मैं यहां जन सुराज के माध्यम से आप सबको समझाने आया हूं कि साथ दीजिए ताकि "मिलकर बनाओ और मिलकर चलाओ" वाली सरकार बने। वरना इतिहास रहा है कि नेता व दल का झंडा लेकर घूमने से बिहार की स्थिति ना बदली है ना बदलेगी।


बिहार में 100 में 60 प्रतिशत लोगों के पास अपनी खुद की जमीन नहीं है

बिहार में 100 में 60 प्रतिशत लोगों के पास अपनी खुद की जमीन नहीं है। उनकी किस्मत में मजदूरी करना ही लिखा है और वो मजदूरी कर रहे हैं। बिहार में जो खेती कर रहे हैं उनको सरकार के तरफ से यूरिया, पोटाश, बीज समय पर नहीं मिल रहा है। अगर किसी गांव में किसान अनाज उपजा भी रहे हैं तो उसकी कीमत बाजार में नहीं मिल रही है। जिन युवाओं को दुकान खोलना है उनके पास जमीन ना होने की वजह से लोन नहीं मिल पा रहा है। इसी कारण से बिहार के लोग दूसरे राज्यों में जाने के लिए मजबूर हैं। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए बिहार के लोगों को एक साथ आना होगा तब जाकर हम बिहार को विकसित राज्य बना सकेंगे।

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