बिहार : पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर भी मनाया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 9 दिसंबर 2022

बिहार : पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर भी मनाया

Ambedkar-jayanti
पटना. भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की आज 66वीं पुण्यतिथि है. आज पूरे भारत देश में उनकी पुण्यतिथि पर लोग फूल और नमन अर्पित किया गया. हर साल भारत में 6 दिसंबर को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की पुण्यतिथि मनाई जाती है, जिसे महापरिनिर्वाण दिवस भी कहते हैं. डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर ने अपनी पूरी जिंदगी गरीब, दलित, पिछड़े वर्ग के उत्थान और जातिवाद को खत्म करने के लिए अर्पित की थी इसलिए उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है. इस अवसर पर अवसर पर आज यहां पटना के  डाकबंगला चौराहा पर  ‘नरेन्द्र मोदी का अंबेडकर-प्रेम  झूठ, फरेब, बहाना  है, मकसद संविधान, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय को दफनाना है‘- इस बैनर तले स्थिर प्रदर्शन का आयोजित किया गया.इसका आयोजन लोकतांत्रिक जन पहल की ओर से किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.   मौके पर प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में नारों लिखित तख्तियां लिये हुए थे.उसमें न्यायालय की आड़ में आरक्षण खत्म करने की साजिश बंद करो, भाजपा का पाखंड मुंह में अंबेडकर दिल में मनुवाद, भाजपा के तीन यार झूठ, फरेब, थैलिदार, 2024,नरेंद्र मोदी आएगा जुमलों का जाल बिछायेगा लोभ में फंसना नहीं,आर.एस.एस.एक खतरनाक संघ, नरेंद्र मोदी का संकट हरण मंत्र 365 दिन यहां पर एक थाली बजाएं, जो धर्म जन्‍म से एक को श्रेष्ठ और दूसरे को नीच बनाए रखे वह धर्म नहीं है आदि साम्प्रदायिक फासीवाद के खिलाफ अंबेडकर के कथनों से संबंधित लिखा हुआ था.  उल्लेखनीय है कि भाजपा और आर.एस. एस. ने बाबरी मस्जिद कांड को 6 दिसंबर 1992 को अंजाम दिया था. 6 दिसंबर की तारीख तय करने के पीछे उनकी सोची- समझी साजिश थी कि अंबेडकर के इतिहास को दबाना और कलंकित करना.अंबेडकर भाजपा (तब जनसंघ) और आर. एस. एस. के विचारों और राजनीति के सख्त विरोधी थे. प्रदर्शनकारी अंबेडकर के कथनों की जो तख्तियां लिए हुए थे उसमें साफ लिखा था आर. एस. एस. एक ख़तरनाक संघ है - अंबेडकर (14 मई 1951 संसद), आर. एस. एस. एक प्रतिक्रियावादी संगठन है - अंबेडकर (एस सी फेडरेशन, 1952 का चुनाव घोषणा पत्र), अल्पसंख्यकों का अधिकार पूर्ण अधिकार है - अंबेडकर (1 मई 1947, संविधान सभा) और हिंदू राज को हर कीमत पर रोका जाना चाहिए। यह लोकतंत्र के लिए अनुपयुक्त है - अंबेडकर (सम्पूर्ण वांग्मय खंड 15) और जो धर्म जन्‍म से एक को श्रेष्ठ और दूसरे को नीच बनाए रखे वह धर्म नहीं है - अंबेडकर. इसके अलावा न्यायालय की आड़ में आरक्षण ख़त्म करने की साज़िश बंद करो,  2024 नरेन्द्र मोदी से सावधान, भाजपा का पाखंड मुंह में अंबेडकर दिल में मनुवाद,  2024 नरेन्द्र मोदी आएगा जुमलों का जाल बिछायेगा लोभ में फंसना नहीं, भाजपा के तीन यार झूठ फरेब थैलिदार आदि. प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों में कंचन बाला, सुधा वर्गीज, माला दास एडवोकेट, सुनीता कुमारी सिन्हा, अफजल हुसैन,  अशोक कुमार एडवोकेट, उदयन राय, मणिलाल एडवोकेट, शौकत अली , ऋषि आनंद, जोस  के,  अनूप कुमार सिन्हा, अहमद इमाम, लाल बाबू राम,  जूनो, जाहिद करीम , अशरफी सदा, जोस कलापुरा, मनहर कृष्ण अतुल और सत्य नारायण मदन, संयोजक थे.

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