निर्मली ( सुपौल ) - आज अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी ईंजीनीयर शिशिर कुमार झा के नेतृत्व में समाजसेवियों की एक बैठक मिथिला राज्य जनजागरण के लिये 2023 में होनेवाले 700 किमी पदयात्रा को सफल बनाने के लिये की गई. बैठक की अध्यक्षता समाजिक कार्यकर्ता श्री विरेंद्र साह ने की. मिथिला राज्य के लिये पदयात्रा को सफल बनाने हेतु संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा० बैद्यनाथ चौधरी बैजू एवं अंतर्राष्ट्रीय संयोजक प्रो० अमरेन्द्र कुमार झा ने बैठक की सफलता के लिये ईं० शिशिर कुमार झा को बधाई दी . उन्होंने कहा कि पदयात्रा से पहले यह बैठक अहम है.बैठक में दरभंगा से आये प्रो० प्रकाश चन्द्र झा ने मिथिला राज्य को मिथिला के सर्वांगीण विकास का और मैथिली भाषा के विकास का एकमात्र समाधान बताया. सभा में मिथिला मैथिली अभियानी, समाजसेवी ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. सबों ने पृथक मिथिला राज्य को आवश्यक बताया. मुख्य रूप से पृथक मिथिला राज्य, मिथिला का सर्वांगीण विकास, मैथिली में प्राथमिक शिक्षा, विद्यालय से महाविद्यालय तक मैथिली शिक्षकों की बहाली, कोशी- कमला- बाग्मती पर हाईडैम, हाईकोर्ट बेंच की स्थापना, छात्र- नौजवान- किसान- मजदूर की समस्या, बेरोजगारी एवं पलायन पर रोक, मैथिली दूरदर्शन की स्थापना, आईआईटी- आईआईएम- एम्स- आईटी पार्क के मुद्दों पर चर्चा हुई. अपने अध्यक्षीय भाषण में श्री विरेन्द्र साह ने कहा कि मिथिला राज्य आंदोलन में जातिय वैमनस्यता सबसे बङा बाधक है. हमें मिलकर इसे तोङना होगा. मिथिला में रहने वाले सभी जाति और धर्म के लोग मैथिल हैं. उपस्थित अभियानी ने तन- मन- धन से मदद का आश्वासन दिया. सभा में श्री दिनेश कुमार यादव,श्री शिव कुमार यादव, श्री सोनू टांटिया, श्री मनोज झा, श्री रंजीत नायक, व्यवसायी विनय सिंह, योग शिक्षक अशोक झा, व्यवसायी रतन शर्मा, अहमद कमाल मंजूर, श्री बेचू पासवान, श्री मनीष कुमार चौधरी प्रमुख थे.
गुरुवार, 1 दिसंबर 2022
बिहार : पदयात्रा के लिये लगातार बैठक से बढी मिथिला राज्य की आश
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