- जन सुराज पदयात्रा का 68वें दिन चिरैया से घोड़ासहान पहुंचे प्रशांत किशोर
नेताओं और व्यवस्था ने बिहार को अनपढ़ और बेवकूफ बना दिया है
पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "बिहार देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है। मेरे जीवन का एकमात्र उद्देश्य अब बिहार को सबसे समृद्ध राज्य बनाना है। एक दिन आएगा जब गुजरात, महाराष्ट्र से लोग बिहार में रोजगार के लिए आएंगे। बिहार के लोग भारतभर में मजदूरी करने के लिए पैदा नहीं हुए हैं। जिस मिट्टी में हमारे पूर्वज पैदा हुए हैं और आज दूसरे राज्यों में बिहारी मतलब बेवकूफ और अनपढ़ माना जाता है, आगे उन्होंने कहा की यहां के नेताओं और व्यवस्था ने बिहार को अनपढ़ और बेवकूफ बना दिया है, इस व्यवस्था को बदलने के लिए आपको इस मिट्टी का गौरव करना सीखना होगा तभी बदलाव संभव है।"
मोदी जी का स्वच्छ भारत अभियान, नीतीश कुमार का शौचालय दोनों सिर्फ कागजों तक ही सीमित
प्रशांत किशोर ने बताया कि बिहार में रोड पर पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है, क्योंकि आस पास सिर्फ गंदगी दिखाई देती है। बिना गमछे के लोग सड़क पर पैदल नहीं चल सकते। इन दोनों अभियान के तहत बिहार में कोई बदलाव तो नहीं आया है, हालांकि लूट बहुत हुई है। बिहार के किसी गांव से गुजरते वक्त देख कर ही समझ आ जाता है कि यह महादलित की बस्ती है या सम्रांत समाज की बस्ती है। महादलितों के नाम पर सरकार हजारों करोड़ों रुपया खर्चा कर रही है लेकिन आज तक उनकी दुर्दशा में कोई बदलाव नहीं आया है। यहां ज्यादातर लोगों के घरों में रहने के लिए चौकी व खटिया भी उपलब्ध नहीं है। सरकार केवल हजारों करोड़ों रुपया लूटने का काम कर रही है और जनता बाप-बाप कर रही है। आगे उन्होंने कहा की नीतीश कुमार अगर अफसर से पूछते हैं कि सब कैसा चल रहा है तो अफसर का जवाब आता है सब बढ़िया है।
जनभागीदारी से ही भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सकता है
बिहार में भ्रष्टाचार की समस्या पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सबसे तेज होने की जरूरत नहीं है, जरूरत है राजनीति में सही लोगों को चुन कर लाने की। दूसरी बात विकेन्द्रीकरण मतलब - सत्ता और शासन का विकेन्द्रीकरण जितना ज्यादा होगा उतना ही भ्रष्टाचार में कमी आएगी। तीसरा जन भागीदारी - लोगों को जानकारी नहीं है कि उनका अधिकार क्या है, आधार कार्ड फ्री में बनना चाहिए, पर जानकारी ना होने की वजह से दो हजार से अधिक देना पड़ता है। चौथा टेक्नोलॉजी का प्रयोग ताकि सारी योजनाओं का सरकार और लोग रियल टाइम एसेसमेंट कर सके।
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