परंतु विकास के इस दौर में केंद्र शासित क्षेत्र में कुछ इलाके ऐसे भी हैं जो इसमें पीछे छूटते जा रहे हैं. इन्हीं में एक जम्मू के सीमावर्ती जिला पुंछ का एक गांव मंगनाड भी है. जहां पहुंचने का रास्ता इतना जर्जर है कि वह सड़क कम पगडंडी अधिक नज़र आता है. यह लोगों की आवाजाही और उनकी जमीनों से जोड़ने के लिए एकमात्र रास्ता माना जाता है. यह रतोरा मोहल्ला से लोपारा तक लगभग 3 से 4 किमी तक है. इसकी महत्ता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि यह मंगनाड को शहर से जोड़ने का एकमात्र रास्ता है. कुछ वर्ष पूर्व सरकार ने इस रास्ते को मुख्य सड़क घोषित कर फंड भी जारी किया था ताकि इसकी हालत को सुधारा जा सके. इसके लिए सड़क के चौड़ीकरण के उद्देश्य से लोगों की निजी ज़मीनों का अधिग्रहण भी किया गया. लेकिन दो साल बाद भी आज तक इसका काम मुकम्मल नहीं हो पाया है.
ऐसे में स्थानीय लोगों का आरोप है कि अगर लोगों की जमीनों का अधिग्रहण करने के दो साल बाद भी सड़क मुकम्मल नहीं हो सकी है तो इस सड़क का क्या फायदा? इस संबंध में स्थानीय निवासी बाबूराम का कहना है कि यह सड़क केवल आवागमन का रास्ता मात्र नहीं है बल्कि विकास का पथ भी साबित होगा. यदि यह सड़क मुकम्मल होती है तो न केवल खेतों तक ट्रैक्टर का पहुंचना आसान हो जाएगा बल्कि फसलों को मंडियों तक भी आसानी से पहुंचाया जा सकेगा. वर्तमान में जब फसल तैयार हो जाती है तो किसान उसे अपने कंधों पर उठा कर काफी ऊंचाई वाला रास्ता तय करके मुख्य सड़क तक लाते हैं. इससे समय और ऊर्जा दोनों की बर्बादी होती है. यदि यह रोड मुकम्मल हो जाए तो हमारी जमीनों तक सीधे ट्रैक्टर पहुंच सकेगा. इससे किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचेगा.
एक स्थानीय बुज़ुर्ग सुखचैन लाल कहते हैं कि हमारी तीन पीढ़ियां गुजर चुकी हैं जिन्होंने अपने कंधे पर फसल उठाकर एक लंबा सफर तय करके उसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाते रहे हैं. फिर वहां से गाड़ी का इंतजाम करके मंडी पहुंचाते थे. सड़क बनाने का काम शुरू होने पर आस जगी थी कि अब नई पीढ़ी को वह दुःख झेलना नहीं पड़ेगा जो कष्ट हमने सहे हैं. लेकिन यह सड़क अभी भी पूरी तरह मुकम्मल नहीं हो पाई है.मैं उम्मीद कर रहा था कि अपने जीवनकाल में इस सड़क को मुकम्मल होते और विकास की लौ जलते देखूंगा, लेकिन शायद यह मुमकिन नहीं होगा.
परमजीत के अनुसार एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने उन्हें बताया कि इसके निर्माण के लिए पांच करोड़ 62 लाख का प्लान तैयार करके वित्त विभाग की मंज़ूरी के लिए भेजा जा चुका है. जैसे ही अनुमति मिलेगी सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया जायेगा. इसके बन जाने से आम लोगों के साथ साथ स्कूली बच्चों को भी लाभ होगा जिन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रतिदिन दूर जाना होता है, लेकिन जर्जर सड़क के कारण अक्सर उनकी गाड़ी छूट जाती है. बहरहाल, इस सड़क के निर्माण से न केवल गांव में विकास के नए द्वार खुल जाएंगे बल्कि आम लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा क्योंकि अधूरी सड़क से विकास का पूरा खाका तैयार करना मुमकिन नहीं है.
हरीश कुमार
पुंछ, जम्मू
(चरखा फीचर)
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