- सभी पीड़ित युवक कोई पेशेवर अपराधी नहीं
- घटना की गहराई से जांच करे गया पुलिस–निरंजन कुमार
- मृतक बाबर के आश्रितों को 20 लाख रुपया मुआवजा व एक सरकारी नौकरी की मांग
जांच टीम में शामिल नेताओं ने बताया कि मो. बाबर नामक युवक की हत्या हो गई और रुकमुद्दीन आलम व मो. साजिद अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.यह घटना पूरी तरह से भीड़ हिंसा का परिणाम है.चूंकि आसपास में कुछ महीनों से चोरी की घटनाएं भी होती रही हैं और स्थानीय लोगों ने बिना समझे बुझे किसी उकसावे में चोर–चोर का हल्ला कर निर्मम पिटाई किया जो गहरी चिंता का विषय है.वहीं गाड़ी से गोली, छुरा व बम की बरामदगी प्रायोजित मामला प्रतीत होता है. माले जिला सचिव निरंजन कुमार ने कहा की सच्चाई यह है कि तीनों युवक कोई पेशेवर अपराधी नहीं है.मोहम्मद बाबर गांव में ही वार्ड नंबर 9 के नलजल के ऑपरेटर हैं और निहायत ही शरीफ इंसान थे.जिन युवकों के बारे में पुलिस अपराधिक इतिहास बता कर अपराधी बता रही है और थाना में दर्ज मामला का हवाला दे रही है दरअसल यह पूरा मामला भूमि विवाद से संबंधित है.दोनों घायल युवक बिरयानी का होटल चलाते हैं. जांच टीम गया पुलिस से पूरे मामले की गहराई से जांच कर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग करता है, ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके. माले नेताओं ने मृतक बाबर के आश्रितों को 20 लाख मुआवजा व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग राज्य सरकार से की है.साथ ही घायलों को उचित मुआवजा व बेहतर इलाज की भी मांग की है. मौत से पहले बाबर ने पुलिस आरक्षक बलदेव को पूरी घटना के बारे में बताया था. बलदेव के मुताबिक मौत से पहले बाबर से बयान लिया गया था। उसने बताया था कि वो स्कॉर्पियो से घूमने के लिए रात को साजिद, रुकमद्दीन के साथ गया था.डीहा पुल के पास उतर कर वह खैनी बना रहा था. इसी बीच गांव वाले चोर-चोर कहते हुए आए और तीनों पर जानलेवा हमला बोल दिया.तीनों की जमकर पिटाई की गई.
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