बिहार : कुरीसराय के युवक की हत्या व पिटाई भीड़ हिंसा का परिणाम–भाकपा माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 27 फ़रवरी 2023

बिहार : कुरीसराय के युवक की हत्या व पिटाई भीड़ हिंसा का परिणाम–भाकपा माले

  • सभी पीड़ित युवक कोई पेशेवर अपराधी नहीं
  • घटना की गहराई से जांच करे गया पुलिस–निरंजन कुमार
  • मृतक बाबर के आश्रितों को 20 लाख रुपया मुआवजा व एक सरकारी नौकरी की मांग

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बेलागंज. गया जिले के बेलागंज के कुरीसराय के तीन युवकों के साथ 22 फरवरी की रात बेलागंज–खिज़रसराय रोड पर श्रीपुर के करीब डीहा व पिपरा गांव में हुई मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर भाकपा माले की 6 सदस्यों की टीम ने शनिवार को कुरीसराय गांव का दौरा किया. जांच टीम का नेतृत्व भाकपा माले जिला सचिव निरंजन कुमार व पार्टी राज्य कमेटी सदस्य Tarique Anwar कर रहे थे.टीम में जिला कमेटी सदस्य मुंद्रिका राम, आइसा नेता Md Sherjahan मुमताज आलम व नूर शेख भी थे.जांच टीम सदस्यों ने ग्रामीणों से मिलकर बात की व पूरी घटना को लेकर जानकारी जुटाई. जांच टीम ने बयान जारी करते हुए कहा की 22 फरवरी की रात में मो. बाबर (25 वर्ष), पिता- स्वर्गीय औरंगजेब आलम, रुकमुद्दीन आलम (26 वर्ष), पिता- मो. जाहिद व मो. साजिद (28 वर्ष), पिता- साबिर अली सभी ग्राम कुरीसराय निजी काम से अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी (WB02AJ4028) से एक साथ निकले थे.रात में लौट आने की बात कह सभी निकले थे. 23 फरवरी की सुबह गांव के लोगों को चौकीदार बलदेव ने सूचना दिया कि मो. बाबर, रुकमुद्दीन आलम व मो. साजिद घायल अवस्था में डीहा गांव के पास मिला है.इस खबर के बाद जब ग्रामीण निकले तब जानकारी मिली कि तीनों को बेलागंज पुलिस इलाज के लिए बेलागंज प्राथमिक अस्पताल लाई है जहां से इन सब को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया गया है.मगध मेडिकल अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि मो. बाबर की मौत हो चुकी है बाकी 2 घायलों को बेहतर इलाज के लिए 23 फरवरी की शाम PMCH पटना रेफर कर दिया गया है.


जांच टीम में शामिल नेताओं ने बताया कि मो. बाबर नामक युवक की हत्या हो गई और रुकमुद्दीन आलम व मो. साजिद अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.यह घटना पूरी तरह से भीड़ हिंसा का परिणाम है.चूंकि आसपास में कुछ महीनों से चोरी की घटनाएं भी होती रही हैं और स्थानीय लोगों ने बिना समझे बुझे किसी उकसावे में चोर–चोर का हल्ला कर निर्मम पिटाई किया जो गहरी चिंता का विषय है.वहीं गाड़ी से गोली, छुरा व बम की बरामदगी प्रायोजित मामला प्रतीत होता है. माले जिला सचिव निरंजन कुमार ने कहा की सच्चाई यह है कि तीनों युवक कोई पेशेवर अपराधी नहीं है.मोहम्मद बाबर गांव में ही वार्ड नंबर 9 के नलजल के ऑपरेटर हैं और निहायत ही शरीफ इंसान थे.जिन युवकों के बारे में पुलिस अपराधिक इतिहास बता कर अपराधी बता रही है और थाना में दर्ज मामला का हवाला दे रही है दरअसल यह पूरा मामला भूमि विवाद से संबंधित है.दोनों घायल युवक बिरयानी का होटल चलाते हैं. जांच टीम गया पुलिस से पूरे मामले की गहराई से जांच कर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग करता है, ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके. माले नेताओं ने मृतक बाबर के आश्रितों को 20 लाख मुआवजा व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग राज्य सरकार से की है.साथ ही घायलों को उचित मुआवजा व बेहतर इलाज की भी मांग की है. मौत से पहले बाबर ने पुलिस आरक्षक बलदेव को पूरी घटना के बारे में बताया था. बलदेव के मुताबिक मौत से पहले बाबर से बयान लिया गया था। उसने बताया था कि वो स्कॉर्पियो से घूमने के लिए रात को साजिद, रुकमद्दीन के साथ गया था.डीहा पुल के पास उतर कर वह खैनी बना रहा था. इसी बीच गांव वाले चोर-चोर कहते हुए आए और तीनों पर जानलेवा हमला बोल दिया.तीनों की जमकर पिटाई की गई.

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