बिहार : पापा का ख्याल रखियेगा,ठीक है - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 11 फ़रवरी 2023

बिहार : पापा का ख्याल रखियेगा,ठीक है

Lalu-rohini-acharya
पटना। सिंगापुर से पापा की बेटी रोहिणी आचार्य ने भावनात्मक ट्वीट कर कहा है कि निभा कर अपना फर्ज हमने,अपने ईश्वर स्वरूप पापा को बचाया है,आगे आप लोग की बारी है,जन-जन के नायक को,रखना सेहत की निगरानी है...  उन्होंने आगे कहा कि आप सबसे एक जरूरी बात कहनी है। यह जरूरी बात हम सबों के नेता आदरणीय लालू जी के स्वास्थ्य को लेकर है।11 फरवरी को पापा सिंगापुर से भारत जा रहे हैं। मैं एक बेटी के तौर पर अपना फर्ज अदा कर रही हूँ। पापा को स्वस्थ कर आप सब के बीच भेज रही हूँ।अब आप लोग पापा का ख्याल रखियेगा। इस बीच दरभंगा के पूर्व सांसद अली अशरफ फातमी ने भी ट्वीट कर बताया कि लालू यादव जी से सिंगापुर में करीब तीन घंटे तक मुलाकात की।इस दौरान उनकी बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद बहन मीसा भारती और रोहिणी आचार्य भी साथ में मौजूद रहीं।राजद नेता ने मुलाकात की तस्वीरें भी साझा की है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव लंबे समय से किडनी समेत कई बीमारियों से पीड़ित थे। गत वर्ष अक्टूबर माह में लालू इलाज के लिए सिंगापुर गए थे, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी।इसके बाद सिंगापुर में रह रहीं उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने अपनी किडनी डोनेट करने का फैसला किया था। उसके बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव किडनी ट्रांसप्लांट के लिए शुक्रवार 25 नवंबर,2022 की शाम सिंगापुर रवाना हो गए। उनके साथ उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेष कुमार भी गए थे.वहीं पिता को रवाना करने के बाद बिहार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा था -"हम लोगों को पूरा विश्वास है कि ऑपरेशन सफल होगा, जो सत्य साबित हुआ। किडनी समेत कई बीमारियों से पीड़ित थे। सिंगापुर में रहने वाली उनकी दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें अपनी किडनी दान की हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर में सिंगापुर गए लालू यादव को डॉक्टर्स ने किडनी ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी थी, जिसके बाद उनकी बेटी रोहिणी ने अपने पिता को अपनी किडनी दान करने की बात कही थी।इस पुनित कार्य में उनके पति एवं ससुराल के परिजनों की सहमति हासिल हो गई। सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में  लालू यादव के किडनी का प्रत्यारोपण पांच दिसंबर,2022 को हुआ था। लालू की बेटी रोहिणी ने पिता को अपनी एक किडनी डोनेट की थी। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, उनका स्वास्थ्य तेजी से सुधरा।डाक्टरों की निगरानी में वे बहुत जल्द ही चहलकदमी भी करने लगी थी। उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद यादव किडनी सहित कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। लालू प्रसाद की दोनों किडनी 28 प्रतिशत ही काम कर रही थी, जिसके कारण डॉक्टर ने ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी। इसके बाद रोहिणी ने पिता को अपनी एक किडनी देने का फैसला किया था। उनके पति एवं ससुराल के परिजनों की सहमति के बाद 5 फरवरी का लालू यादव का सफलतापूर्वक ऑपरेशन हुआ। पिता को किडनी देने को लेकर लालू यादव की दूसरे नंबर की बेटी रोहिणी आचार्य की हर तरफ सराहना भी हुई थी। 


सिंगापुर से भारत पहुंचने के पहले कयासबाजी तेज

राजनीतिक विशेषज्ञ डॉक्टर आलोक पांडे मानते है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का आगमन सत्ता के परिवर्तन काल का सूचक है। एक पिता के लिए पुत्र को राजनीति के शीर्ष स्थान पर देखना लाजमी है। वो अस्वस्थ चल रहे हैं। अपने स्वास्थ्य को देखते हुए वे अपने पुत्र की ताजपोशी की हर संभव कोशिश करेंगे। इसके लिए वे नीतीश कुमार को विपक्षी एकता की दिशा में आगे बढ़ने का संकेत देंगे। जिस तरह से नीतीश कुमार पर लगातार हमले हो रहे हैं और वह भी राजद के मंत्रियों की तरफ से, उस से लग रहा है कि यह नीतीश कुमार का अवसान काल है। मुझे ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार को विपक्षी एकता की मुहिम में संलिप्त कर राजद सुप्रीमो तेजस्वी की ताजपोशी की तैयारी में जुट जाएंगे।


महागठबंधन के नेताओं की उम्मीद को पंख 

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के आगमन के साथ ही महागठबंधन के नेताओं की उम्मीद को पंख लग गए है। कहा यह जा रहा है कि बयानों के जरिए जो मतभेद पैदा किए जा रहे हैं उसके समाधान की उम्मीद जदयू के नेताओं को भी है। महागठबंधन के नेताओं की उम्मीद यह है कि आते ही लालू पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह , शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ,राजस्व मंत्री आलोक मेहता के बयान के बाद जदयू और राजद के बीच बढ़ती खाई को पाट कर गठबंधन की राजनीति को मजबूत करेंगे। राजद सुप्रीमो का दूसरा लक्ष्य विपक्षी एकता की मुहिम को धार देना भी हो सकता है। लोकसभा चुनाव में अब बमुश्किल डेढ़ साल का वक्त बच रहा है। तीसरा लक्ष्य यह भी हो सकता है कि लालू तेजस्वी की ताजपोशी की जमीन तैयार कर सकते हैं, जिसका सपना राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, वरीय राजद नेता शिवानंद तिवारी या फिर उदय नारायण चौधरी देख रहे हैं। एक चौथी संभावना राजद और जदयू के विलय को ले कर है। उपेंद्र कुशवाहा लगातार इशारा कर रहे हैं कि राजद और जदयू में डील हुई है।यह सब आने वाले कल के गर्भ में छुपा है।

कोई टिप्पणी नहीं: