इस मौके पर छात्र हुंकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश सह संगठन मंत्री रौशन कुमार ने कहा कि विश्व के सबसे विशाल छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् हमेशा छात्र हितों के लेकर सघर्ष करते आ रही है, और आज छात्र कल के भविष्य है। आज का ये छात्र सम्मेलन तीन सत्रों में चलाया गया, जिसमें कई विभिन्न विषयों पर चर्चा कर महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित हुआ। साथ ही संगठन विस्तार को लेकर प्रकाश डाला। वहीं आलोक कुमार ने कहा कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में फैली शैक्षणिक अराजकता प्रकाश डाला। वहीं वरिष्ठ छात्र नेता अशोक कुशवाहा ने कहा कि छात्र हितों के लिए हमेशा एबीवीपी सघर्षरत है। आज के छात्रों की नशे की प्रवृत्ति इतने तेजी से फैल रहा है, ये हम सभी के लिए चिंताजनक विषय हैं। कहने को तो भारत 65% विश्व के सबसे बड़े युवा देश है समय रहते सरकार ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले इन सब विषयों को लेकर हो उग्र आंदोलन। वहीं मनीष पासवान एवं उत्सव परासर ने कहा कि छात्रावास के विषयों पर प्रकाश डाला। मधुबनी जिले की वर्तमान शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति, कमला, भुतही बलान, जीवछ तथा कोशी नदियों के मध्य स्थित मधुबनी जिला अपने पौराणिक मान्यता एवं मधुबनी पेंटिंग में उत्कृष्ट उपलब्धता के लिए पूरे बिहार सहित, भारत एवं विश्व में अपनी प्रमुख पहचान रखता है। यह जिला महाकवि कालिदास, मैथिली कवि विद्यापति तथा वाचस्पति जैसे विद्वानों की जन्मभूमि रही है। लेकिन आज के दौर में यह जिला राजसत्ता की घोर उदासीनता के कारण बिहार के पिछड़े जिलों में गिना जाता है। आज पूरा जिला हत्या, अपहरण, रंगदारी, फिरौती, बैंक लुट तथा बालात्कार की घटनाओं से अक्रांत है। अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र (नेपाल) को लेकर भी यह जिला तस्करी एवं अपराधी के लिए सुरक्षित पनाहगार है। एक और जहाँ आम जनमानस घोर निराशा में जीने को मजबूर है, वहीं दूसरी और व्यापारी और कामागार पलायन को मजबूर हो रहे है। मुलभूत सुविधाओं के घोर अभाव के कारण शिक्षण संस्थानों से छात्र गायब है। शिक्षण संस्थान सिर्फ और सिर्फ प्रमाणपत्र बांटने का केन्द्र बनकर रह गई है। जिले के कोचिंग का कारोबार प्रशासन की आँखों के सामने फल फूल रहा है। व्यवसायिक शिक्षा का जिले में घोर अभाव है। आज मधुबनी जिला केन्द्र पर आयोजित जिला सम्मेलन में पारित प्रस्ताव के माध्यम से बिहार सरकार से निम्नलिखित मांगे रखती है तथा इसकी पूर्ति की अपेक्षा रखती है। जोकि निम्न हैं :-
1). प्राथमिक शिक्षा से उतनों में मूलभूत आवश्यकताओं की अलि उपलब्ध की जाए।
2). महाविद्यालयो मे +2 विद्यालयों में, प्रयोगशालाओं और प्रायोगिक कक्षाओं को शुरू किया जाए।
3). जिले की सभी अंगीभूत महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू की जाए।
4). जिले में सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं पॉलिटेकनिक संस्थान प्रारंभ किया जाय।
5). सभी उच्च एवं उच्चतर शिक्षण संस्थानो मे छात्रो की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की बहाली की जाए।
6). प्रवेश परीक्षा, परिणाम, पाठ्यक्रम और परिसर मे व्याप्त अनियमितता दूर हो।
7). जिला के उद्योगों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाये। मधुवनी जिला के सभी ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थानों का जीर्णोद्धार किया जाय।
8). जबरन तथा स्वार्थ प्रेरित धर्मांतरण, गौवंश तस्करी, एवं अवैध बूचड़खाना पर अविलंब रोक लगे।
9). आम जनमानस एवं व्यापारियों में व्याप्त भय एवं निराशा को दूर करने हेतु कारगर पुलिसिंग की व्यवस्था की जाय।
इस मौके पर प्रदेश कार्यकारिणी अभय प्रकाश,रंजीत मालाकार,निरजन झा,राम यादव राहुल रांय,सुजीत पासवान,जनमेजय सिंह,अरविंद कुमार,विनोद प्रसाद,अभिषेक कुमार मोनू,कुन्दन सिंह,सूर्यदीप प्रसाद सहित सैंकड़ो छात्र-छात्राएं छात्र हुंकार सम्मेलन में भाग लिये।
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