मधुबनी : "समाजवाद के प्रखर स्तंभ : चंद्रशेखर" शीर्षक पुस्तक का होगा प्रकाशन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 26 फ़रवरी 2023

मधुबनी : "समाजवाद के प्रखर स्तंभ : चंद्रशेखर" शीर्षक पुस्तक का होगा प्रकाशन

Ex-pm-chandrashekhar-book-inaugration
जयनगर/मधुबनी, अनुमंडल के एकमात्र अनुषांगिक महाविद्यालय  डी०बी० कॉलेज के युवा शिक्षाविद् डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने समाजवाद के प्रखर स्तंभ पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर के पुत्र राज्यसभा सांसद नीरज शेखर से बलिया स्थित आवास पर शिष्टाचार भेंट कर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर जी को समर्पित पुस्तक "भारत में समाजवाद और उसकी प्रासंगिकता" की मूल प्रति श्री शेखर को भेंट किया।  इस दौरान पुस्तक की समीक्षा करते हुए नीरज शेखर ने कहा कि, लोकनायक के समाजवादी विचारों से संबंधित तथ्यों का लेखकों ने बड़ी गंभीरता और पूरी स्पष्टता के साथ पुस्तक में उल्लेख किया है, यह पुस्तक शोध के उद्देश्यों में शोधार्थियों को सदैव प्रोत्साहित करेगा। तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि आजादी के बाद अवाम को अपने साथ जोड़ने का जो प्रयोग जे.पी. ने किया वो अद्भुत है, वे सबको साथ लेकर चलने के हिमायती थे। आजाद भारत में विचारधाराओं का जो वाद उभरा उसमें नेहरू और लोहिया के बाद सबसे अधिक प्रासंगिक लोकनायक ही रहे हैं।वाणिज्य विभागाध्यक्ष, युवा शिक्षाविद् डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने कहा कि,  वर्तमान दौर में भारतीय राजनीति की दशा पर प्रश्न चिह्न लगा हुआ है और वह संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। जे०पी० के सिद्धांत ही संक्रमण काल से निजात दिलाने में सक्षम है, अतः आवश्यकता इस बात की है कि उनके विचारों को जिंदा रखा जाए। इस अवसर पर डॉ. एस.के. सिंह ने पुस्तक के सहयोगी संपादक डॉ. अखिलेश कुमार व श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, गजरौला के शिक्षाविद् डॉ. मो. जमील हसन अंसारी के बारे में अवगत कराया कि उनके सहयोगी संपादक शैक्षणिक कार्यो की वजह से आज उनके साथ उपस्थित नहीं है। डॉ. सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि जिस तरह से प्रस्तुत पुस्तक में लोकनायक जयप्रकाश के व्यक्तित्व पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया है, उसी तरह अब राष्ट्रीय स्तर पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, शोधार्थीयों को युवा तुर्क चंद्रशेखर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर शोध अध्य्यन करने की जरूरत है। इस क्रम में उन्होंने श्री शेखर को बताया कि आगामी भविष्य में जुलाई तक समाजवाद के प्रखर स्तंभ: चंद्रशेखर शीर्षक पुस्तक का संपादन करने की योजना है जिस पर कार्य चल रहा है। इस दौरान मुख्य रूप से राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेश कुमार सिंह, गौरी भईया महाविद्यालय के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ शंकर सिंह, अविनाश सिंह अदालत, प्रवीण सिंह, बिट्टू सिंह सहित विभिन्न प्रकोष्ठ के युवा पीढ़ी के सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिक्षाविद् उपास्थित रहें।

कोई टिप्पणी नहीं: