मधुबनी : मैथिल दलित पिछड़ा संवधर्न यात्रा का विद्यापति डीह बिस्फी में हुआ समापन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 26 फ़रवरी 2023

मधुबनी : मैथिल दलित पिछड़ा संवधर्न यात्रा का विद्यापति डीह बिस्फी में हुआ समापन

Maithil-dalit-yatra-bisfi
बिस्फी/मधुबनी, जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के विद्यापति स्मारक सभागार में आज मिथिला मेथिली संवर्धन द्वारा चलाया गया जनसंपर्क अभियान समाप्त हो गया। दरभंगा जिला के बिरौल से नवीन सहनी एवं अर्जुन दास के नेतृत्व में जन सम्पर्क का यह जत्था चला था। विद्यापति स्मारक परिसर में गोपाल ठाकुर की अध्यक्षता में एक जन सभा का आयोजन किया गया। जन सभा को संबोधित करते हुए मिथिला मेथिली संवर्द्धन के निवर्तमान अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज ने कहा कि आजादी मिलनै के बाद मिथिला क्षेत्र का कुछ भी विकास नहीं हुआ है। गुलामी के समय यहांजितने कल कारखानें चल रहे थे सब बन्द हो गए एवं यहां के लोगों को मजदूरों के लिए विभिन्न प्रदेशों में पलायन करना पड़ा। बाढ एवं सुखाड़ से लोगों को कोई राहत नहीं मिली। यहां के लोगों को रेलगाड़ी में ठूंस कर चलना पढ़ता हैजबकी गुजरात में बुलेट ट्रैन चल रही है। उन्होनें कहा कि इसका मूल कारण लोगों को जात में लिपटे रहना है। आप जब तक जात की सीमा से बाहर निकलकर अपना मतदान नहीं करेगें यहां विकास संभव नहीं है। संस्था के संस्थापक सदस्य विद्या भूषण राय ने कहा कि यह संस्था किसी जात विशेष की नहीं। यह संसक समाज के दलित एवं पिछड़े वर्ग पर विशेष ध्यान देती एवं उसकी उन्नति के लिए हमेशा संघर्ष करती है।

कोई टिप्पणी नहीं: